Bilaspur Breaking पर्यटन विभाग का ड्रीम प्रोजेक्ट : खुंटाघाट जलाशय के द्वीप को डेवलप करने का प्लान, देखिये Video

Bilaspur Breaking पर्यटन विभाग का ड्रीम प्रोजेक्ट

Bilaspur Breaking बिलासपुर !  बिलासपुर का खूंटाघाट जलाशय पर्यटन क्षेत्र के तौर पर डेवलप होने जा रहा है। पर्यटन विभाग ने खुंटाघाट जलाशय के द्वीप को डेवलप करने का प्लान तैयार किया है। जिसके तहत खूंटाघाट जलाशय के द्वीप में प्रदेश का पहला ग्लास हाउस, रेस्टोरेंट और गार्डन बनाया जाएगा।

Bilaspur Breaking पर्यटन बोर्ड के अध्यक्ष अटल श्रीवास्तव ने शुक्रवार को योजना के तहत पर्यटन विकासकार्यों का भूमिपूजन कर इसकी सौगात दी। लेकिन अब पर्यावरणविदो ने इस फैसले का पुरजोर विरोध किया है पर्यावरण प्रेमियों का मानना है कि खारंग जलाशय (खुटाघाट) में जलाशय के बीच बने टापू में निर्माण कार्य कराए जाने के कारण वहां आने वाले जलीय जंतु मछलियां, मगरमच्छ और पक्षियों का रैन बसेरा समाप्त हो जाएगा जिसके कारण इन जंतुओं के जीवन स्तर पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।

Bilaspur Breaking दरअसल, बिलासपुर से 25 किलोमीटर दूर स्थित मां महामाया मंदिर के साथ खुटाघाट जलाशय यहां पर्यटन का मुख्य केंद्र है। ऐसे में राज्य पर्यटन बोर्ड ने इसे पर्यटन क्षेत्र के रूप में और विकसित करने का निर्णय लिया है। जिसके लिए खुटाघाट जलाशय के बीचो बीच बने द्वीप में प्रदेश का पहला ग्लास हाउस, रेस्टोरेंट और गार्डन तैयार करने की योजना बनाई गई है।

पर्यटक जलाशय घूमने के साथ द्वीप में ग्लास रेस्टोरेंट, हाउस और गार्डन का भी लुत्फ उठा सकेंगे। साथ ही आने वाले दिनों में जलाशय में वाटर स्पोर्ट्स भी शुरू किया जाएगा, इस योजना पर करीब 3 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। लेकिन यह निर्माण कार्य अब विरोध की भेंट चढ़ गया है।

पर्यावरणविद प्राण चड्डा आम आदमी पार्टी के साथ पर्यावरण प्रेमियों ने इस प्रोजेक्ट का विरोध किया है। और कहां है कि भविष्य में जब इस द्वीप पर ग्लास नुमा रेस्टोरेंट बनाया जाएगा जिससे यहां रहने वाले जीव जंतु और पक्षियों का आश्रय स्थल समाप्त हो जाएगा जिसके कारण इन जंतुओं का बायोडायवर्सिटी पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ेगा इस द्वीप पर हर साल बड़ी संख्या में दुर्लभ प्रकार के पक्षियों अन्य प्रदेशों से भोजन की तलाश में खुटाघाट आते है, जिसके कारण साल का यह 2 से 3 महीना पर्यटको को खूब भाता है।

बेजुबान पक्षियों और जलीय जंतुओं ने कभी भी पर्यटकों को नुकसान नहीं पहुंचाया है लेकिन इन जंगलों और द्वीपों को मनुष्य ने हमेशा से मुनाफा कमाने के लिए इसे बर्बाद किया है। सामाजिक कार्यकर्ता और आम आदमी पार्टी प्रवक्ता प्रियंका शुक्ला ने बताया कि अगर पर्यटन विभाग को रेस्टोरेंट्स बनाना ही है तो खुटाघाट में और कई अन्य जगह है जहां पर निर्माण कार्य व अन्य गतिविधियां की जा सकती हैं लेकिन इस नैसर्गिक सौंदर्य को बर्बाद करना कहीं से भी मुनासिब नहीं है।

गौरतलब है कि, खुंटाघाट जलाशय के बीचों बीच करीब डेढ़ एकड़ क्षेत्र का द्वीप है, जो पर्यटन का केंद्र है। पर्यटन विभाग द्वीप को डेवलप कर इसे पर्यटन के लिहाज से और भी महत्वपूर्ण और आकर्षक बनाने जा रहा है। भविष्य में इस आइलैंड पर रोपवे और चैनल कार की सुविधा भी आने वाले सैलानियों को मिलेगी,लेकिन इस प्रोजेक्ट के शुरू होने से पहले ही इस पर ग्रहण लग गया है। अब देखना यह होगा कि पर्यटन विभाग के इस ड्रीम प्रोजेक्ट पर विरोध और निर्माण का सामंजस्य कब हल हो पाता है। जिससे खुटाघाट के प्राकृतिक सौंदर्य पर इसका कोई नुकसान ना हो यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।

 

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