रायपुर। छत्तीसगढ़ में भाजपा को मिले बहुमत के बाद अगले सीएम को लेकर कवायद तेज हो गई है रायपुर से लेकर दिल्ली तक गहमागहमी तेज है. आलाकमान से मिल रहे संकेत के मुताबिक तमाम नामों पर विचार करने के बाद आलकमान अब सिर्फ तीन नामों पर विचार कर रहा है. उनमें सबसे प्रबल दावेदार के रूप में प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव का नाम बताया जा रहा है. इसके बाद इस रेस में पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह और वरिष्ठ आदिवासी नेता रामविचार नेताम का नाम भी शामिल है.
गौरतलब है कि अरुण साव भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष है संगठन को रिचार्च करने में उनकी बहेद अहम भूमिका रही है इसके अलावा वे ओबीसी चेहरा भी हैं ऐसे में उनके नाम पर दिल्ली में सबसे ज्यादा गंभीरता से चर्चा हो रही है और उन्हें दिल्ली भी बुला लिया गया है. कल प्रदेशभर से जीते हुए प्रत्याशियों के साथ रायपुर में पार्टी प्रभारी ओम माथुर समेत संगठन के बड़े नेताओं ने मुलाकात की थी हो सकता है इस छोटी मुलाकात में ही उनसे सीएम के तौर पर फेवरेट नाम के बारे में राय ली गई हो. 2003 में भी जब भाजपा ने अजीत जोगी की सरकार के खिलाफ बड़ी जीत हासिल की थी तब भी तमाम दावेदारों को दरकिनार करते हुए उस वक्त के प्रदेश अध्यक्ष डॉ रमन सिंह को मुख्यमंत्री बनाया था. उसके बाद वे 15 साल तक प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे. ऐसे में इस बार बतौर प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव को इस तरह का लाभ मिल सकता है. वहीं बात रमन सिंह की करें तो उनके पास बहुत लंबा तजुर्बा है. तीन बार मुख्यमंत्री रहने के कारण उनकी पार्टी के आला नेताओं से अच्छी पैठ है. सौम्य छवि के नेता होने के कारण प्रदेश में उनकी अच्छी लोकप्रियता है. रामविचार नेताम भी बेहद अनुभवी नेता हैं आदिवासी चेहरा हैं साथ ही एक आक्रमक नेता के तौर पर जाने जाते हैं. प्रदेश के गृहमंत्री रह चुके हैं. ऐसे में उनके नाम पर भी पार्टी आलाकमान विचार कर रहा है.