Bhimkhoj railway gate : भीमखोज रेल्वे फाटक के करीब अनगित पौधों का रोपण कर राहगीरों के छाव के लिए एक प्रयास

Bhimkhoj railway gate :

Bhimkhoj railway gate :  भीमखोज रेल्वे फाटक के करीब अनगित पौधों का रोपण कर राहगीरों के छाव के लिए एक प्रयास

Bhimkhoj railway gate :  खल्लारी !  टीम दो कदम प्रकृति की ओर द्वारा भीमखोज रेलवे फाटक (ग्राम चरौदा बांध) मार्ग पर फलदार एवं छायादार पौधों का रोपण किया गया। जहां भीमखोज रेल्वे फाटक पर हुये पौधा रोपण से भविष्य में इस फाटक के माध्यम से इस ओर से उस ओर आने जाने वाले लोगों को तेज गर्मी के दिनों में राहत मिलेगी।

अधिकतर देखा गया है कि जब रेल्वे ट्रेक पर ट्रेने आती है, तो कई बार राहगीरों को 20 से 30 मिनट तक फाटक खुलने का इंतजार रहता है। इस बीच तेज गर्मी से पेंडों से लोगों को छायां मिल सकेगी। जिसके चलते यहां रेल्वे फाटक में प्रमुखता से अनेक पौधों का रोपण हुआ।

प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खल्लारी के फार्मासिस्ट एवं टीम दो कदम प्रकृति की ओर संगठन के सदस्य संजय साहू (आमाकोनी) ने बताया की पिछले वर्ष के अपेक्षा इस बार के बरसात में भी क्षेत्र के विभिन्न गांवों संहित प्रमुख जगहों में अनगिनत पौधे भी लगा है। उन पौधों को बचाने का भी पुरा सुरक्षा व्यवस्था का भी ध्यान रखा गया है।

भीमाखोज रेल्वे फाटक में लगे पौधों के सम्बन्ध में श्री साहू जी ने आगे बताया की अक्सर जब ट्रेन के आने से फाटक बंद होती है तो राहगीरों को धूप में छांव नहीं मिलता। इसको देखते हुए टीम ने यह फैसला लिया कि क्यों न उन राहगीरों के लिए छावदार पेड़ लगाया जाये। वहीं इस स्थान पर 3 साल पहले दो आम का पौधा लगाया गया था, जो कि अब वह पेड़ का आकार ले रहा है और वह पेंड़ अब लोगों को छांव देने भी लगा है। इसी उद्देश्य से इस वर्ष भी इस स्थान पर छायादार पेड़ लगाया गया है।

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Bhimkhoj railway gate : ज्यातादार पौधे आंवराडबरी वन डिपो से उपलब्ध हुई है। जिसमें इस बार भी जंगली जीव जैसे बंदर एवं पक्षियों के लिए फलदार पौधों का रोपण किया गया। पौधारोण में प्रमुख रूप से पुष्पराज निषाद, संजय साहू, पुष्कर राणा, युगांत चक्रधारी, युगेश दीवान, नवीन चक्रधारी एवं श्याम यादव शामिल हुये।