रमेश गुप्ता
Bhilai Breaking हाइटेक में दोनों घुटनों की साथ-साथ सर्जरी, दो दिन में चलने लगी महिला
Bhilai Breaking भिलाई। हाइटेक सुपरस्पेशालिटी हॉस्पिटल में एक 65 वर्षीय महिला के दोनों घुटनों की सर्जरी एक ही सिटिंग में कर दी गई. मुम्बई निवासी इस महिला को पिछले कई वर्षों से ऑस्टियोआर्थराइटिस की तकलीफ थी. उनके घुटनों के जोड़ अकड़ चुके थे जिससे जीवन की गुणवत्ता काफी कम हो गई थी. हाइटेक के ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ दीपक कुमार सिन्हा ने बताया कि सर्जरी पूरी तरह सफल रही. सर्जरी के तीसरे दिन महिला वाकर की सहायता से चल पा रही है.
Bhilai Breaking विश्व आर्थराइटिस दिवस पर महिला को मीडिया के सामने प्रस्तुत करते हुए डॉ दीपक कुमार सिन्हा ने बताया कि ऑस्टियोआर्थराइटिस के एक डीजनरेटिव बीमारी है जिसमें हड्डियों के ऊपर की उपास्थि की परत घिस जाती है. मुम्बई निवासी 65 वर्षीय नीरू मेहता के दोनों जोड़ पूरी तरह घिस चुके थे.
Bhilai Breaking पैर घुटनों से टेढ़े हो गए थे. उन्होंने सिंगल सिटिंग में दोनों घुटनों की सर्जरी करने की सहमति दे दी. दोनों पैरों की सर्जरी एक साथ कर दी गई. दो दिन बाद ही मरीज को खड़ा कर दिया गया. अब वे वाकर की मदद से चल फिर रही हैं. मीडिया वार्ता के दौरान मरीज के पति एवं बेटी भी उपस्थित थीं.
Bhilai Breaking एक सवाल के जवाब में डॉ सिन्हा ने बताया कि ऑस्टियोआर्थराइटिस में जोड़ों के बीच गैप बनाने वाली उपास्थियां घिस जाती हैं. हड्डियां आपस में रगड़ खाने लगती हैं. नसें खुल जाती हैं जिसके कारण काफी दर्द रहता है. इसके बाद सर्जरी ही एकमात्र उपाय रह जाता है. घिसे जोड़ों पर प्रोस्थेसिस लगा दिया जाता है जिससे न केवल दर्द जाता रहता है बल्कि जोड़ पूर्व की तरह काम करने लगते हैं. व्यक्ति आसानी से सीढ़ी चढ़ने जैसे का भी कर सकता है.
Bhilai Breaking उन्होंने बताया कि हाइटेक सुपरस्पेशालिटी हॉस्पिटल में इसकी सुविधा उपलब्ध है. भारत में ऑस्टियोआर्थराइटिस एक आम समस्या है. हमारी लाइफस्टाइल के कारण जोड़ों में घिसाव ज्यादा होता है. इस रोग की आरम्भिक अवस्था में फिजियोथेरेपी और दवाइयों से आराम मिलता है.
Bhilai Breaking पर रोग के एडवांस्ड स्टेज में सर्जरी ही एकमात्र उपाय है. यह एक सेफ सर्जरी है जिसके नतीजे भी काफी अच्छे आते हैं lआयोजित इस पत्रकार वार्ता के दौरान संजय अग्रवाल, डॉ रंजन सेन गुप्ता एवं श्रीकांत उपाध्याय मौजूद थे l