Bhatapara Silent Zone ट्रैफिक की हुई बत्ती गुल, शहर में नियम तोड़ने की मिलती है छूट
Bhatapara Silent Zone भाटापारा– साइलेंट जोन में ही खूब शोर। नहीं बनाया जाना है नालियों के ऊपर चबूतरा। सुगम आवाजाही के लिए प्रदर्शन सामग्री का सड़क पर रखा जाना भी प्रतिबंधित है। फिर भी ऐसी व्यवस्था के बीच शहर चल रहा है। चलता रहेगा आगे भी क्योंकि मौन साध रखा है जिम्मेदार प्रशासन ने।
पालिका प्रशासन और यातायात पुलिस की लापरवाह कार्यशैली से शहर, अब नाराज हो रहा है क्योंकि इनके मौन ने, न केवल यातायात व्यवस्था को चौपट कर रखा है बल्कि अतिक्रमण भी खूब हो रहें हैं। पड़ोस के शहरों में चल रही कार्रवाई को देखते हुए जो आस थी, वह टूटती नजर आती है क्योंकि करवाई तो दूर सुगबुगाहट तक नहीं है।
Bhatapara Silent Zone बत्ती गुल है
खूब प्रचार किया था ट्रैफिक सिग्नल का। दावा किया था कि चुस्त होगी यातायात व्यवस्था। सुगम होगा दोराहा, तिराहा और चौराहे से आवाजाही का किया जाना। साल नहीं, कुछ माह ही ठीक से काम करते रहे ट्रैफिक सिग्नल। अब अरसे से बंद हैं तीनों ट्रैफिक सिग्नल। संचालन, कब सामान्य होगा ? जैसे सवालों के जवाब नहीं मिल रहे।
Bhatapara Silent Zone हद से बाहर
बीच सड़क पर पार्किंग। हद से बाहर आ चुकी संस्थानें। यह देखा जा रहा है, फिल्टर प्लांट तिराहा,महारानी चौक,सिविल हॉस्पिटल तिराहा,जय स्तंभ चौक,पंजाब नेशनल बैंक के सामने का क्षेत्र,गार्डन के सामने,रेस्ट हाउस के सामने का क्षेत्र,राम सप्ताह और गोविंद चौक से हटरी बाजार और सदर बाजार जाने वाला मार्ग। यह कुछ ऐसे स्थल हैं, जहां अतिक्रमण खूब फल-फूल रहा है। बढ़त की ओर ही है यह।
Bhatapara Silent Zone परवाह नहीं
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चिकित्सालय और शिक्षण संस्थान। शासकीय कार्यालय और रेस्ट हाउस का क्षेत्र। वित्तीय संस्थानें और न्यायालय। जहां स्थित हैं वह क्षेत्र, साइलेंट जोन घोषित किए गए हैं। लेकिन इन्हीं इलाकों में जमकर ध्वनि प्रदूषण हो रहा है। परवाह नहीं है नियम तोड़ने वालों को, तो चिंता नहीं है, ऐसी गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए जिम्मेदारों को। लिहाजा परेशान है शहर भाटापारा।