राजकुमार मल
भाटापारा। मजबूत हैं औद्योगिक ज़रूरतें और फास्ट फूड काउंटरों की डिमांड। यह तब, जब इमली की फसल में 25 से 30 फ़ीसदी की गिरावट की खबर है। इसलिए खुदरा बाजार में इमली 100 रुपए किलो से आगे जा चुकी है।
भविष्य तेजी का देखकर स्टॉकिस्ट सक्रिय हैं। प्रतिस्पर्धी खरीदी के बाद पहली बार इमली खुदरा बाजार में सैकड़ा पार कर चुकी है। असर उस इमली बीज पर भी देखा जाने लगा है, जिसने 35 से 36 रुपए किलो जैसी ऊंची कीमत अपने नाम कर ली है। बढऩे की धारणा बीज में भी बनी हुई है क्योंकि स्टार्च बनाने वाली इकाइयों की खरीदी निकली हुई है।
4 साल बाद सैकड़ा पर
इमली में 2021 में भी ऐसी ही तेजी आई थी। अब एक बार फिर से कीमतों में तूफानी तेजी आ चुकी है। होलसेल में बीज वाली इमली भले ही 45 से 50 रुपए किलो बोली जा रही हो लेकिन रिटेल काउंटर 60 से 100 रुपए किलो की दर तय किए हुए हैं। बिना बीज वाली इमली थोक बाजार में 85 रुपए किलो पर है लेकिन खुदरा बाजार में यह 100 से 140 रुपए किलो पर पहुंचने के बाद भी तेजी की धारणा को स्पष्ट कर रहा है।
दोगुना के करीब बीज
जा चुका है 40 से 50 रुपए किलो जैसी कीमत पर इमली का बीज। फिलहाल 35 से 36 रुपए किलो पर चल रहा इमली बीज भी तेजी की राह पर है क्योंकि इसमें स्टार्च पाउडर बनाने वाली इकाइयों की प्रतिस्पर्धी खरीदी निकली हुई है। तेजी की धारणा को इसलिए भी बल मिल रहा है क्योंकि इमली और इमली बीज में स्टॉकिस्टों की भी खरीदी निकली हुई है।
हल्की बढ़त यहां भी
फास्ट फूड काउंटर और चाट कॉर्नर तो परंपरागत मांग क्षेत्र रहे हैं। यहां से भी इमली की डिमांड बढ़त लेती नजर आती है क्योंकि यह कारोबारी क्षेत्र तेजी से विस्तार ले रहा है। शादी-ब्याह जैसे आयोजनों की तैयारी ने भी इमली में मांग को बढ़ाया हुआ है। इसलिए तेजी का यह दौर दीर्घ अवधि तक बने रहने की धारणा को मजबूत किए हुए है।