राजकुमार मल
Bhatapara Business : उपभोक्ता मांग अब तक नहीं
Bhatapara Business : भाटापारा- कमजोर मांग के बीच पोहा मिलों ने अब उत्पादन कम करना चालू कर दिया है। रही-सही कसर पोहा क्वालिटी के उस महामाया धान की कीमत पूरी कर रही है, जो अभी भी 2200 से 2300 रुपए क्विंटल पर मजबूत है।
‘अच्छे दिन’। यह शब्द पोहा मिलों के शब्दकोष से बाहर हो चुका है। चालू साल का सातवां महीना जैसा गुजर रहा है, उसके बाद उम्मीद नहीं है कि अच्छे दिन आएंगे, यह इसलिए क्योंकि साल की शुरुआत से ही उपभोक्ता मांग स्थिर बनी हुई है और पोहा क्वालिटी का महामाया धान बेहद गर्म है।
बेहद कमजोर उपभोक्ता मांग
गुजरात और महाराष्ट्र। बड़ी मांग निकलती है इन राज्यों से लेकिन चालू साल के शुरुआती दिनों से मांग बेहद कमजोर है। आंध्र प्रदेश और कर्नाटक भी हैं खरीदी करने वाले राज्य। यहां से भी डिमांड अपेक्षित मात्रा में नहीं निकल रही है। लोकल डिमांड को उत्साह बढ़ाने वाला नहीं माना जा रहा है।
उत्पादन 50 फ़ीसदी कम
कमजोर मांग की स्थिति देखते हुए पोहा मिलों ने उत्पादन कम करना चालू कर दिया है। अभी तक की स्थितियों में 50 फ़ीसदी उत्पादन कम किया जा चुका है। स्थितियां आगे भी ऐसी ही बनी रहीं, तो इसे और भी कम किया जा सकता है क्योंकि सीजन के पहले दौर में ही कारोबारी माहौल को सही नहीं माना जा रहा है।
ऐसे हैं भाव
पोहा क्वालिटी का महामाया धान अभी भी 2200 से 2300 रुपए क्विंटल पर मजबूती के साथ जमा हुआ है। ऐसे में बढ़ी हुई उत्पादन लागत की वजह से पोहा में 3600 से 4200 रुपए क्विंटल की कीमत बोली जा रही है। इसमें टूट की संभावना जताई जा रही है।
आंशिक टूट, फिर भी मजबूत
कृषि उपज मंडी में हो रही आवक के बीच महामाया अभी भी मजबूत है। पोहा क्वालिटी का धान 50 रुपए की टूट के बाद 2200 से 2300 रुपए क्विंटल पर स्थिर है जबकि सरना में 1950 से 2000 रुपए क्विंटल पर सौदे हो रहें हैं। एचएमटी 2700 से 2800 रुपए, सियाराम 2800 से 3000 रुपए और विष्णु भोग में 3600 से 3800 रुपए क्विंटल पर सौदे हो रहें हैं।
बेहद कमजोर है मांग
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पोहा क्वालिटी धान में लगातार तेजी और उपभोक्ता राज्यों से पोहा में मांग बेहद कमजोर है। इसलिए उत्पादन में 50 फ़ीसदी की कटौती की जा चुकी है।
– रंजीत दावानी, अध्यक्ष, पोहा मिल एसोसिएशन, भाटापारा