राजकुमार मल
Bhatapara Braking दोहरे संकट में पोहा मिलें..
Bhatapara Braking भाटापारा- संकट, पोहा क्वालिटी के महामाया धान की कीमत रोज बढ़त ले रही है, तो तैयार पोहा में उपभोक्ता राज्यों की मांग ठहरी हुई है। ऐसे में उत्पादन की मात्रा घटानी पड़ रही है।
चालू साल, पोहा मिलों के लिए जैसा गुजर रहा है, उसके बाद इकाइयां कुछ भी कहने की स्थिति में नहीं हैं। लोकल डिमांड नहीं के बराबर है, तो बड़े उपभोक्ताओं ने छत्तीसगढ़ से पोहा की खरीदी से हाथ खींचा हुआ है। मांग वाला, पहला महीना सावन पूरा खाली गुजरा। अब दीपावली के लिए तैयारी की योजना है।
Bhatapara Braking तो और तेज होगा महामाया
बारिश की अनियमित चाल। यह ऐसा संकट है, जिसके और भी ज्यादा गहराने के आसार हैं। यह आगे भी ऐसी ही बनी रही, तो 2200 से 2400 रुपए क्विंटल पर चल रहा महामाया धान 2300 से 2500 रुपए क्विंटल तक जा सकता है। ऐसी धारणा इसलिए बनती जा रही है क्योंकि किसानों ने आवक की मात्रा घटानी चालू कर दी है।
Bhatapara Braking डिमांड बेहद कमजोर
महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश। यह तीन ऐसे राज्य हैं, जो छत्तीसगढ़ से पोहा की व्यापक खरीदी करते हैं। फिलहाल यह राज्य प्रतिस्पर्धा के बीच गुजरात और मध्य प्रदेश से पोहा की खरीदी कर रहे हैं। गुणवत्ता में छत्तीसगढ़ का पोहा अभी भी शीर्ष पर है लेकिन कीमत बाधा बन रही है। फिलहाल छत्तीसगढ़ के पोहा की कीमत 3600 से 4200 रुपए क्विंटल पर चल रही है।
नियमित संचालन में भी संकट
अंतरप्रांतीय मांग और घरेलू बाजार की स्थितियां जैसी बनी हुई हैं, उसे देखते हुए 30 फ़ीसदी उत्पादन कम किया जा चुका है। नियमित संचालन में भी कई तरह की कठिनाइयां आ रहीं हैं। ऐसे में अब प्रतीक्षा दीपावली के लिए निकलने वाली मांग की है। फिलहाल इसे लेकर भी अनिश्चितता की स्थिति में हैं पोहा उत्पादन करने वाली इकाईयां।
बेहद कमजोर है मांग
उपभोक्ता राज्यों की मांग बेहद कमजोर है। घरेलू बाजार भी शांत है। इसलिए पोहा का उत्पादन सिर्फ 70 फ़ीसदी ही हो पा रहा है।
– रंजीत दावानी, अध्यक्ष, पोहा मिल एसोसिएशन, भाटापारा