राजकुमार मल
Bhatapara रोज जब्त, फिर भी पकड़ से बाहर सरगना
छोड़े जा रहे अवैध शराब के मुख्य ठिकाने
Bhatapara भाटापारा– रोज जब्त की जा रही है अवैध शराब। नहीं पकड़े जाते, तो केवल वे चेहरे, जो इस काम के सूत्रधार हैं। पूछा जा रहा है कि आखिर कौन सी मजबूरी है, जो अवैध शराब के सरगना को काबू में लेने से रोक रही है निजात अभियान अपने जिले में भले ही नहीं चलाया जा रहा हो लेकिन नशे की सामग्री बेचने वालों के खिलाफ अभियान अनवरत जारी है। पकड़े भी जा रहे हैं आरोपी लेकिन जब्त की जाने वाली शराब की मात्रा कई सवाल खड़े कर रही है। क्या यह केवल दिखावा की कार्यवाही है या गंभीर प्रयास ? जैसे सवाल उठने लगे हैं।
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रस्म अदायगी रस्म अदायगी ही कही जा सकती है ऐसी कार्रवाई, जिसमें मात्र 20, 30 क्वाटर शराब जब्त होती है। धाराएं ऐसी लगाई जातींं हैं जिसमें जमानत जल्द मिल जाए। शायद पूछताछ नहीं होती। ऐसा इसलिए कहा जा सकता है क्योंकि संलिप्त बड़े चेहरे अब तक नहीं पकड़े जा सके हैं। सवाल उठाना मना है। ठिकाने पर कार्रवाई नहीं पकड़े गए आरोपियों ने नाम बताए हैं ठिकानों के लेकिन पुलिस की पहुंच, वहां तक होती देखी नहीं गई। सड़क भी वही, गांव भी वही। फिर भी ठिकानों तक नहीं पहुंचती हमारी पुलिस।
शहर में भी कई इलाके ऐसे हैं जहां से अवैध विक्रय का होना पाया गया है लेकिन यह भी छोड़े जा रहे हैं।सवाल इस पर भी शहर हो या ग्रामीण क्षेत्र हर जगह नशे के सस्ते विकल्प उपलब्ध है। जिसमें पंचर बनाने का ट्यूब हो या फिर लिखावट मिटाने वाला सफेदा एवं नशीली दवाइयां आसानी से उपलब्ध है। अभी तक इसका एक भी प्रकरण दर्ज नही होना या फिर पकड़ा न जाना इस पर भी सवाल उठाता है, कि सिस्टम कितना मुस्तैद है।
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कहना जिम्मेदारों का अरुण साहू थाना प्रभारी शहर भाटापारा “सुलेशन या सफेदा लेने की जानकारी नहीं मिली है नशीली दवाओं का मामला अभी नहीं मिला है गांजा बेचने वालों पर कार्रवाई की गई है” विनोद मंडावी थाना प्रभारी भाटापारा ग्रामीण “कोचिया लोग खुद शराब दुकान से लेकर जाते हैं, सुलेशन एवं सफेदा का कोई मामला नहीं है 93 गांव हैं जिसकी नियमित गस्त की जा रही है”