राजकुमार मल
Bhatapara झिझकते हुए खरीदी से इंकार कर रहा है खुदरा बाजार
Bhatapara भाटापारा- अरहर दाल पटका 140 से 145 रुपए किलो। झिझकते हुए खरीदी से इंकार कर रहा है खुदरा बाजार क्योंकि बोली जा रही कीमत, पहले से स्थिर मांग पर झटके से ब्रेक लगा सकती है। लिहाजा दलहन की अन्य किस्मों की ओर ध्यान दिया जा रहा है।
बड़ी कंपनियों, बड़े स्टाकिस्टों और ट्रेडर्स की मनमानी का असर अब दलहन की खुदरा बाजार पर साफ दिखाई देने लगा है, जहां दूसरी सभी किस्में बेतहाशा महंगी हो रहीं हैं। पहले दाल मिलें फिर होलसेल और अब रिटेल काउंटर की बारी है, दलहन में आ रही तेजी का सामना करने के लिए। उपभोक्ता मांग में आ रही गिरावट को देखते हुए यह क्षेत्र ताजा कीमत पर खरीदी से इंकार कर रहा है।
मंजूर नहीं यह भाव
अरहर दाल पटका 140 से 145 रुपए। क्षमता से बाहर है इस भाव पर खरीदी करना। इसलिए खुदरा दुकानों ने ऑर्डर की मात्रा ना केवल आधी कर दी है बल्कि एडवांस सौदे बंद कर दिए हैं। अरहर दाल बनाने वाली इकाइयों और होलसेल काउंटर के लिए शायद यह पहला मौका है, जब खुदरा बाजार खरीदी से इनकार कर रहा है। इसलिए उत्पादन की मात्रा घटाने जैसे संकेत मिलने लगे हैं।
हतप्रभ है मिंझरा दाल
तेजी या संकट के दिनों में सहारा बनती है मिंझरा दाल। लेकिन पहली बार इसने भी जोरदार छलांग लगाई है। बढ़त के बाद यह 100 से 120 रुपए किलो पर पहुंच चुकी है। छोटे और टूटे हुए अरहर दाल के दाने, खंडा दाल के रूप में बेचे जाते हैं। इसमें भी उपभोक्ता मांग गिरावट की ओर है क्योंकि यह भी 105 से 110 रुपए किलो की नई ऊंचाई पर पहुंचा हुआ है।
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विकल्प के तौर पर उपयोग की जाने वाली चना दाल 65 से 70 रुपए किलो पर पहुंच गई है। मसूर गोटा 75 रुपए और मसूर दाल 80 रुपए किलो पर आकर ठहरी हुई है। छिलका वाली मूंग दाल में भाव 100 रुपए किलो और छिलके वाली उड़द की दाल भी इसी दर पर पहुंच चुकी है। जबकि मूंग मोगर 105 रुपए और उड़द मोगर 110 रुपए किलो की दर पर बेची जा रही है।