Bhanupratappur News : पीएससी द्वारा हुई नियुक्तियों की जांच की मांग

Bhanupratappur News : पीएससी द्वारा हुई नियुक्तियों की जांच की मांग

Bhanupratappur News : पीएससी द्वारा हुई नियुक्तियों की जांच की मांग

Bhanupratappur News : भानुप्रतापपुर। छत्तीसगढ़ में लोक सेवा आयोग इन दिनों सवालों के घेरे में है। छत्तीसगढ़ पीएससी 2021 परीक्षा के परिणाम पर बीजेपी ने गड़बड़ी का आरोप लगाया है। टॉप पोजिशन में आने वालों की लिस्ट में खरीदी बिक्री का आरोप लगाया गया है

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Bhanupratappur News : और सीजी पीएससी के अध्यक्ष पर गड़बड़ी कर अपने रिश्तेदारों को अलग अलग पदों पर चयन करवाने का भी आरोप लगाया गया है। इन आरोपों की जांच के लिए भाजपा नेताओं ने राजभवन में शिकायत की है, इसके साथ ही सीबीआई को ज्ञापन देकर जांच की मांग की गई है

तथा भाजपा युवा मोर्चा द्वारा पीएससी कार्यालय का घेराव भी किया गया। भाजपा नेताओं ने कुछ लोगों का नाम भी जारी किया है साथ ही सीजी पीएससी के अध्यक्ष पर भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं।
उक्त मामले पर भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ देवेंद्र माहला ने कहा कि जारी किए गए रिजल्ट में सरनेम छुपाकर सीजी पीएससी के अध्यक्ष ने अपने बेटे को डिप्टी कलेक्टर बनाया है, नितेश – डिप्टी कलेक्टर लिस्ट में सोनवानी सरनेम छुपाया गया है। ये सीजी पीएससी के अध्यक्ष के दत्तक पुत्र है।

साहिल – डी एस पी इनका सरनेम छुपाया गया क्योंकि ये सीजी पीएससी के अध्यक्ष का भतीजा है, सुनीता जोशी – श्रम पदाधिकारी सीजी पीएससी के अध्यक्ष की भांजी है। डॉ माहला ने आगे कहा कि प्रदेश के लाखों अभ्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है, एक तो आरक्षण मामले में पेंच फंसा कर राज्य की कांग्रेसी सरकार ने पहले ही

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यहां के बेरोजगार साथियों का भविष्य खराब किया अब शिक्षा और चयन परीक्षा जैसी प्रक्रिया में भ्रष्टाचार किया जा रहा है, ऐसी भ्रष्ट प्रक्रिया से चुन कर आये अधिकारियों से क्या अपेक्षा की जा सकती है, जो वास्तव में मेहनत कर परीक्षा देते हैं ऐसे अभ्यार्थियों के भविष्य के साथ खेलने का अधिकार किसी को नही है, जो मेहनत करेगा वह पद का अधिकारी

होगा चाहे पर अमीर हो या गरीब, पर यहाँ सत्ता के नेताओं, अधिकारियों और सत्ता के करीबी उद्योगपतियों के बच्चों को राज्य सेवा का पद बंटा जा रहा है।अगर इसी तरह चलता रहा तो राज्य की स्थिति बद से बदतर हो जाएगी तब उसे ठीक कर पाना नामुमकिन हो जाएगा।

हमारी मांग है कि उत्तर पुस्तिका की जांच हो और पीएससी के अधिकारियों का नार्को टेस्ट किया जाए। तत्काल परीक्षा के परिणाम पर रोक लगाई जाए, जरूरत पड़ी तो इस मामले में अब हम हाईकोर्ट भी जाएंगे।

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