Bhanupratappur latest news : चुनाव जीतने नेताओ द्वारा झूठी आश्वासन

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Bhanupratappur latest news : हर दृष्टिकोण से परिपूर्ण होने के बाद भी जिला नही बन पाया भानुप्रतापपुर

 

Bhanupratappur latest news :  भानुप्रतापपुर। एक बार फिर विधानसभा चुनाव नजदीक है प्रत्याशी अपने जीत के लिए जनता से लोक लुभाने वादे करेंगे। पिछले चुनाव में ऐसा ही नजारा भानुप्रतापपुर को जिला बनाने का सपना दिखाया गया था। हालकि पांच साल बीत गया आश्वासन पूरा नही हुआ जनता अपने आप को ठगा महसूस करने लगे। जनता के भावनाओं के साथ खिलवाड़ करना शायद नेताओ के लिए आमबात हो गई है। अब देखना है इस बार क्या वायदा किये जायेंगे?

Bhanupratappur latest news : बस्तर संभाग में मतदान 7 नवम्बर को होनी है, इस बार भी भाजपा, कांग्रेस, आप सहित कई निर्दलीय पार्टी
चुनाव मैदान में है। जो अपने अपने स्तर से लोगो को अपनी ओर आकर्षित कर रहे है।

 

भानुप्रतापपुर को जिला बनाने के लिए वर्षो से मांग को लेकर स्वर्ग मनोज मंडावी ने भी दिखाया था सपना

 

2018 विधानसभा चुनाव में पूर्व विधायक स्व मनोज सिंह मंडावी ने कहा था प्रदेश में जैसे ही हमारी सरकार आएगी सर्व प्रथम भानुप्रतापपुर को जिला बनाई जाएगी। लेकिन सरकार आते ही कांग्रेस अपने वायदे को भूल गई।

वही उपचुनाव के दौरान ही कांग्रेश के वरिष्ठ नेताओं द्वारा चुनाव प्रचार के दौरान जनता को आश्वासन दिया था कि पूर्व विधायक स्व मनोज मंडावी के हर सपने को पूरा किया जाएगा जो आज पर्यन्त तक पूरा नही हो पाया।

 

बता दे कि बस्तर संभाग के भानुप्रतापपुर तहसील को छोड़कर 7 तहसील जिनमे कांकेर, कोंडागांव, नारायणपुर, जगदलपुर, दंतेवाड़ा, कोंटा एवं बीजापुर
अब तक जिले का स्वरूप ले चुकी है, दुर्भाग्य कहे जाए या फिर नेताओ के स्वार्थसिद्धि जो हर दृष्टि से सम्पन्न होने के बावजूद भी भानुप्रतापपुर जिला नही बन पाया है। 15 साल भाजपा की सरकार रही एवं 5 साल कांग्रेस की जिला बनाने के लिए आवेदन, निवेदन के साथ ही धरना प्रदर्शन भी किये गए लेकिन जनता की बातों को नजर अंदाज कर दिया गया।

वन एवं खनिज संपदा से परिपूर्ण

 

आपको बताते चलते है कि भानुप्रतापपुर क्षेत्र में निको जायसवाल माइंस खदान, बजरंग माइंस खदान, मोनेट माइंस खदान, पुष्प स्टील माइंस खदान, सीएमडीसी

माइंस खदान, गोदावरी माइंस खदान, वर्षो से संचालित हो रहे है। इनके अलावा क्षेत्र मे कई माइंस खदान स्थापित है,जहा से प्रतिवर्ष डीएमएफ फंड करोड़ो रूपये शासन को मिलती है, इस राशि से क्षेत्र का विकास नही बल्कि नेता, ठेकेदार व अधिकारियों का विकास होता है। हालहि में कई भ्रष्टाचार व फर्जीवाड़ा की खबर प्रमुखता से प्रकाशित की जा चुकी है।

वन विभाग के दृष्टिकोण से देखे तो यहा पर पूर्व एवं पश्चिम दो वनमंडल है, यहा के तेंदुपत्ता गुणवत्ता के साथ ही पूरे देश मे सर्वश्रेष्ठ है, चिरौँजी एवं अमचूर की मांग भी अधिक है। इनके अलावा कई वनोपज भी पर्याप्त मात्रा में उत्पादन होता है।

 

भौगोलिक एवं आर्थिक दृष्टि से परिपूर्ण

 

भौगोलिक दृष्टिकोण से भी देखा जाए तो भानुप्रतापपुर चारो ओर से जंगल से जुड़ा हुआ है। मध्य में स्थापित होने के कारण अंतागढ़, पखांजूर, दुर्गुकोंदल सभी के दूरी 30 से 50 किमी के मध्य है, जिससे लोग अपने कार्य निपटाकर वापस घर जा सकते है।

 

पांच जिलों से घिरा हुआ

 

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इनके अलावा रेल सुविधा व यातायात व्यवस्था की बात करे तो चारो ओर से घिरा हुआ है। जिनमें मानपुर, बालोद, राजनांदगांव, कांकेर एवं नारायणपुर जिले पहुच मार्ग से जुड़ा हुआ है। व्यवसायी करन से भी भानुप्रतापपुर संपन्न है।

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