Bhanupratappur : मिशन चंद्रयान 3 की सफलता वैश्विक स्तर पर भारत का शक्ति प्रदर्शन – डॉ देवेंद्र माहला।
Bhanupratappur :भानुप्रतापपुर। चंद्रयान 3 मिशन के जरिए भारत ने आज इतिहास रच दिया। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ISRO के चंद्रयान-3 मिशन का लैंडर मॉड्यूल सफलता पूर्वक चंद्रमा की सतह पर उतर गया। लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान से युक्त लैंडर मॉड्यूल ने कल शाम छह बजकर चार मिनट पर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग किया। चंद्रयान 3 के लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग में 15 से 17 मिनट लगे। चंद्रयान 3 को 14 जुलाई 2023 को दोपहर 2.30 बजे लॉन्च किया गया था।
Bhanupratappur :देश की इस सफलता पर अखिल भारतीय हल्बा समाज 36गढ़ महासभा केंद्रीय अध्यक्ष एवं भाजपा अजजा मोर्चा प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ देवेंद्र माहला ने कहा कि भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला दुनिया का पहला देश बन गया। इसके साथ ही भारत अमेरिका, चीन और पूर्व सोवियत संघ के बाद चंद्रमा की सतह पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया। चंद्रमा की सतह पर अमेरिका, पूर्व
सोवियत संघ और चीन सॉफ्ट लैंडिंग कर चुके हैं, हालांकि इनमें से कोई भी देश ऐसा नहीं है जिसकी सॉफ्ट लैंडिंग चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र में हुई है। वर्ष 2014 के बाद प्रधानमंत्री आदरणीय नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में देश सहित विदेशों में भी भारत की शक्ति को दिखाया ही था अब उनके संरक्षण में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ISRO ने अंतरिक्ष और चंद्रमा मे भी भारत की शक्ति का प्रदर्शन कर दिया है।
ऐसी महान और महत्वपूर्ण उपलब्धि पर हम सभी भारतवासी गौरव की अनुभूति कर रहे हैं की और हम सभी भारत सरकार, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी एवं ऐसी सफलता दिलाने वाले भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ISRO व इस कार्य मे लगे समस्त वैज्ञानिकों का आभार व्यक्त करते हैं। चंद्रयान 3 के सफल लैंडिंग से आज पूरा देश अपने आप पर गर्व तो कर ही रहा है इसके साथ ही विश्व इस उपलब्धि पर भारत का
लोहा मान रहा है। आज देश ने दिखा दिया कि विज्ञान के क्षेत्र में भी भारत किसी से कम नही। आगे डॉ माहला ने कहा कि पिछले बार जब यह मिशन असफल हुआ था तब भी देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने इसरो के वैज्ञानिकों के बीच उपस्थित होकर उनका मनोबल गिरने नही दिया था जिसका परिणाम आज देखने को मिल रहा है। हमारे लिए और भी गर्व का विषय है क्योंकि हमारे छत्तीसगढ़ के वैज्ञानिकों ने भी
इस अभियान में अपना सहयोग दिया। मैं पुनः देश के अंतरिक्ष वैज्ञानिकों, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी एवं इसरो के प्रति अखिल भारतीय हल्बा हल्बी समाज 36गढ़ केंद्रीय महासभा की ओर से आभार प्रकट करता हूँ