Bhakta Prahlad भक्त प्रहलाद की पुकार पर भगवान खंभे से नरसिंह रूप का अवतार लेकर हिरण्यकश्यप का किया वध

Bhakta Prahlad

Bhakta Prahlad भक्त प्रहलाद की पुकार पर भगवान खंभे से नरसिंह रूप का अवतार लेकर हिरण्यकश्यप का किया वध

Bhakta Prahlad  सक्ती ! नगर मे गोयल परिवार द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन राष्ट्रीय प्रवक्ता साध्वी ऋतंभरा के द्वारा श्रोताओं को भगवान के माया के संबंध में बताया उन्होंने कहा कि भगवान कण-कण में विराजमान है और उसे भक्तगण जिस रूप में पूजा करें भगवान प्रसन्न होते हैं !

Bhakta Prahlad  कथा में भक्त प्रहलाद रूप और सती प्रसंग पर उनके द्वारा कहा गया कि हर मानव को प्रभु कर निष्ठा भक्ति से उन्हें याद करना चाहिए जिस तरह से भक्त प्रहलाद भगवान विष्णु की पूजा अर्चना के चलते भक्त प्रहलाद होलिका के द्वारा अपने गोद में रखकर अग्नि स्नान होने के बाद भी होलिका जल गई परंतु प्रहलाद नहीं जला वही भक्त प्रहलाद की पुकार पर भगवान खंभे से नरसिंह रूप अवतार लेकर हिरण्यकश्यप का वध किया बालक ध्रुव छोटी उम्र में भी हरि नाम जप कर प्रभु कृपा से परम पद प्राप्त किया और प्रति रात्रि को ध्रुव तारे के रूप में जिसका दर्शन सारी सृष्टि करती है बालक ध्रुव की अगाध निष्ठा हमें सिखाती है कि अपने किसी भी सत्कार्य की निष्ठा और दृढ़ता ध्रुव जैसी होनी चाहिए मानव को कभी भी बीना आमंत्रण के कहीं नहीं जाना चाहिए !

Bhakta Prahlad  सती अपने पिता दक्ष प्रजापति के यज्ञ में बिना आमंत्रण के जाने से वहां उसे किसी का स्नेह नहीं मिला और सती को अपने पति का अपमान देखकर अग्नि स्नान करना पड़ा मै सभी भक्त श्रोताओं से कहना चाहूंगी कि कली काल में भागवत कथा सर्वोपरि मोक्ष प्राप्ति के लिए कथा है इसका श्रवण सभी करें !

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