(Bageshwar Dham) प्रसिद्ध चित्रकार सूरज सिन्हा ने बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री महाराज से मुलाकात कर, अपने हाथों से बनाई पेंटिंग की भेंट

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(Bageshwar Dham) हनुमान जन्म लेने की कथा सुनाई


(Bageshwar Dham) रायपुर। गुढ़ियारी में बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री महाराज के मुखारविंद से हो रही श्रीराम कथा का कल पाँचवे दिन पर छत्तीशगढ़ के परिसिद्ध चित्रकार स्केच आर्टिस्ट सूरज सिन्हा ने पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री महाराज को अपने द्वारा बनाई चित्र उन्हें भेट किया साथ ही पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री महाराज ने राम नामी वस्त्र पहना कर आशीर्वाद दिया !

बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री महाराज से मिलकर हुआ अभिभूत : सूरज सिन्हा

(Bageshwar Dham) सूरज ने बतलाया वे बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री महाराज के प्रशंसक है और उनके द्वारा सुनाये जा रहे कथा से वे बेहद प्रभावित है उन्होंने कहा वे इस दिन के इंतेज़ार में थे कि जब कभी वो छत्तीशगढ़ आये तो उनसे मुलाकात करने का सौभगाय प्राप्त हो,और उन्हें उनकी चित्र भेट किया पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री महाराज मुलाक़ात करने के बाद और उनको काफ़ी नज़दीक से जानने का मौका मिला बेहद सहज और सरल तरीक़े से उनसे मुलाक़ात हुई पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री महाराज से मिलकर एक अलग सी ऊर्जा मिला मैं अभिभूत हूँ।

उल्लेखनीय है कि गरियाबंद के स्केच आर्टिस्ट सूरज सिन्हा- इससे पहले भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मिलेनियम सुपर स्टार अमितभ बच्चन अभिनय स्म्राट अनुपम खेर,कथावाचक जया किशोरी जैसे प्रमुख हस्तियों को उनकी स्केच से चित्र बनाकर भेट कर चुके है !

कथावाचक पंडित धीरेंद्र कृष्ण ने कहा कि छत्तीसगढ़ की पावन धरती जहां, श्रीराम को भांजा माना जाता है। हर घर में भांजे को प्रणाम किया जाता है, यह संस्कृति कहीं और नहीं है। इस पावन धरती को प्रणाम करता हूं। जहां सतरूपा ने माता कौशल्या के रूप में जन्म लिया।

उन्होंने छत्तीसगढ़िया सब ले बढ़िया कहकर कथा सुन रहे लोगों का स्वागत किया। छत्तीसगढ़ महतारी सुनते हैं लेकिन कोई और प्रदेश को महतारी नहीं कहते। हमारा देश माताओं का देश है।

(Bageshwar Dham) मोर छत्तीसगढ़ महतारी, तोर महिमा हावे भारी, भजन की प्रस्तुति दी। कथा के दौरान उन्होंने कहा कि श्रीराम समेत चार नहीं पांच भाई है। हनुमान भी श्रीराम के भाई हैं। सभी रानियों के खीर खाने और माता अंजनी के द्वारा भी वही खीर खाने और हनुमान के जन्म लेने की कथा सुनाई।

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