Bagdoishikhala dance मौसम के बदलते रंगों के साथ असमिया जनजीवन में घुलता है बागदोईशीखला नृत्य का रंग

Bagdoishikhala dance

Bagdoishikhala dance बोड़ो जनजाति का नृत्य है इसके मायने हैं जल, वायु और स्त्री

Bagdoishikhala dance रायपुर। हर आने वाले मौसम का स्वागत असम में खास तरीके से होता है। यहां के बोड़ो जनजाति के कलाकार संधिकाल में जुटते हैं और बागदोईशीखला नृत्य करते हैं। मौसम के परिवर्तन के अवसर पर होने वाला देश का यह अपने तरह का दुर्लभ नृत्य है।

Bagdoishikhala dance इसमें बदलते मौसम के अनुरूप मन में आए उत्साह के भाव कलाकार अपनी मुखमुद्रा से और आंगिक अभिव्यक्ति के माध्यम से करते हैं। बोड़ो जनजाति में बागदोईशीखला शब्द तीन अलग अलग शब्दों से मिलकर बना है। बाग के मायने हैं जल, दोई के मायने वायु और शीखला के मायने हैं नारी। कृषक संस्कृति के लिए जल और वायु वरदान हैं।

Bagdoishikhala dance परंपरा के अनुसार जल और वायु की अनुकूलता जीवन को समृद्ध करती है अतः यह इनके उत्सव का नृत्य है। चूंकि यह उत्सव स्त्रियों के माध्यम से अभिव्यक्त होता है अतः इसमें शीखला शब्द भी जुड़ गया है। आज राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में इस नृत्य की खास झलक मिली।

Bagdoishikhala dance चटख असमिया रंगों में और वाद्ययंत्रों के साथ असम से आये बोड़ो कलाकारों ने इस सुंदर नृत्य को प्रस्तुत किया। उनके आकर्षक असमिया परिधान ने लोगों को काफी लुभाया। साथ ही खास वाद्ययंत्रों की मधुर ध्वनि से कदमताल मिलाते पदचाप ने इस नृत्य के आनंद से लोगों को खूब सराबोर किया।

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