बुजुर्गों को इलाज में मिलेगी मदद- सरकार की पहल से गदगद हुए लोग
कोरिया- मां के गर्भ से लेकर मृत्यु तक, सरकार समाज के हर वर्ग को सहारा देने के लिए अनेक योजनाएँ चला रही है। इन्हीं में से एक महत्वपूर्ण योजना है ‘आयुष्मान वय वंदना योजना,’ जिसे छत्तीसगढ़ सरकार ने बुजुर्गों के सम्मान और उनकी चिकित्सा सुविधा सुनिश्चित करने के लिए शुरू किया है।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में यह ‘डबल इंजन’ सरकार उन बुजुर्गों के लिए आशा की किरण बनकर आई है, जो आर्थिक तंगी के कारण इलाज नहीं करवा पाते थे। अब 70 वर्ष या उससे अधिक उम्र के नागरिकों को इस योजना के तहत सालाना 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज उपलब्ध कराया जा रहा है।
बुजुर्गों की खुशी का कारण बनी योजना
कोरिया जिले के सोनहत विकासखंड के ग्राम दुधनिया खुर्द निवासी 80 वर्षीय श्री बैशाखू राम और उनकी पत्नी श्रीमती सावित्री बाई को इस योजना के तहत ‘आयुष्मान वय वंदना’ कार्ड मिला है। दोनों ने इसे अपनी जिंदगी का वरदान बताया।
बैशाखू राम ने कहा, “पहले हमें इलाज के लिए साहूकार से उधार लेना पड़ता था। लेकिन अब इस योजना ने हमें आर्थिक बोझ से मुक्त कर दिया है। अस्पताल में इलाज कराना अब संभव हो गया है।” श्रीमती सावित्री बाई ने कहा, “पहले ऐसी योजना का सपना भी नहीं था। प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री साय ने हमारी समस्याओं को समझा और यह योजना शुरू की। हम इसके लिए आभारी हैं।” निश्चित ही आयुष्मान वय वंदना योजना’ बुजुर्गों के जीवन में नई रोशनी लेकर आई है। यह योजना न केवल उनके स्वास्थ्य की रक्षा करती है, बल्कि भारतीय संस्कृति में बुजुर्गों के सम्मान को बनाए रखने का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।
क्या है आयुष्मान वय वंदना योजना?
यह योजना बुजुर्गों को न केवल स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान करती है, बल्कि उनके जीवन को सम्मानजनक बनाने का एक बड़ा कदम है।
लाभ
पंजीकृत अस्पतालों में 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज की सुविधा है। बुजुर्गों को चिकित्सा के लिए आर्थिक निर्भरता से मुक्ति मिलेगी। कोरिया जिले में बुजुर्गों को स्वास्थ्य और आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से करीब 200 बुजुर्गों का ‘आयुष्मान वय वंदना’ कार्ड बनाए गए हैं। जिला कलेक्टर के निर्देश पर लगातार कार्ड बनाने का अभियान भी चलाया जा रहा है।
कैसे करें पंजीकरण?
पंजीकरण प्रक्रिया बेहद सरल और सहज है। राशन कार्ड, आधार कार्ड और मोबाइल नंबर के साथ जिले के स्वास्थ्य केंद्र और च्वाइस सेंटर में इन
आवश्यक दस्तावेज के साथ पंजीयन कराया जा सकता है।