Auspicious Shri Ganesh Chaturthi : मंगलमय श्री गणेश चतुर्थी
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा ॥
प्रणम्यशिरसा देवं गौरीपुत्रं विनायकम् भक्तावासं स्मरेन्नित्यमायुःकामार्थसिद्ध
विद्यार्थी लभतेविद्यांधनार्थी लभतेधनम्
पुत्रार्थी लभते पुत्रान्मोक्षार्थी लभतेगतिम्।
Auspicious Shri Ganesh Chaturthi : आप सभी को श्री गणेश चतुर्थी की हार्दिक बधाई एवं मंगलमय शुभकामनाएं।
विघ्नहर्ता भगवान श्री गणेश आपके जीवन में ढेर सारी खुशियां लाएं और आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करें।
भगवान शिव और माँ पार्वती के लाल श्री गणेश जी सभी देवों में अग्रपूज्य स्वीकार किए जाते हैं।
गणेश जी का स्वरूप बड़ा ही अनुपम और अनेक सीखों से भरा पड़ा है।
भगवान गणेश पर हाथी का मस्तक विराजमान है। हाथी हमेशा अपने सामने वाली वस्तु को उसके वास्तविक स्वरूप से दुगुना बड़ा देखता है। अर्थात गणेश जी महाराज भी अपने सामने वाले को दुगुना करके ही देखते हैं। अर्थात सबको अति सम्मानपूर्ण दृष्टि से देखते हैं।
भगवान गणेश के बड़े बड़े कान हमें संकेत करते हैं कि हमेशा बड़ा अथवा श्रेष्ठ सुना करो। व्यर्थ के वाद विवाद में अपने अमूल्य समय को नष्ट मत करो।
भगवान गणेश को लम्बोदर भी कहा जाता है। अर्थात जीवन के भले – बुरे, खट्टे- मीठे और अनुकूल – प्रतिकूल सभी बातों अथवा सभी अनुभवों को अपने पेट में रखना अथवा पचाना सीखो!
भारी भरकम शरीर होने के बाद भी गणेश जी मूषक ( चूहे ) की सवारी करते हैं। अर्थात चाहे आप जीवन में कितने ही ऊँचे क्यों न उठ जाओ पर आपके पैर सदा जमीन पर ही होने चाहिएँ। अपने जीवन को हल्का बनाओ और विनम्र बनाओ।
दूसरों को सम्मान देने की कला, सदैव उच्च विचारों के चिंतन और मनन की कला, अनुकूलता – प्रतिकूलता सभी परिस्थितियों में समदृष्टि रखने की कला और अपने आप को सदैव विनम्र और शिष्ट रखने की कला मनुष्य को अग्रपूज्य बना देती है, यही तो गणेश जी महाराज के स्वरूप का संदेश है।
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Auspicious Shri Ganesh Chaturthi : आज का दिन शुभ मंगलमय हो।