Asian’s special program on Janmanch : संतुलन का समीकरण में “कैसा हो हमारा जनप्रतिनिधि ” विषय पर परिचर्चा का आयोजन

Asian's special program on Janmanch :

Asian’s special program on Janmanch :  जनमंच पर एशियन का खास कार्यक्रम “संतुलन का समीकरण” का आयोजन

 

धर्म, जाति से ऊपर उठकर प्रदेश और क्षेत्र का विकास करने वाला हो जनप्रतिनिधि

 

लोगों के साथ समन्वय स्थापित करने वाला हो हमारा जनप्रतिनिधि

 

 

Asian’s special program on Janmanch :  रायपुर। छत्तीसगढ़ में विधान सभा चुनाव करीब है बस कुछ ही दिनों में आचार संहिता भी लागू हो जाएगा। लेकिन ऐसे में सवाल यह उठता है कि हमारा जनप्रतिनिधि कैसा हो? इस बार जनता किस तरह से जनप्रतिनिधि को चुनना चाहती है? क्या इस बार भी जनता नेताओं के वादे पर भरोसा करेंगे या अपने विवेक से वोट करेंगे? एशियन न्यूज के खास कार्यक्रम “संतुलन का समीकरण” में हमारा जनप्रतिनिधि कैसा हो विषय पर परिचार्च का आयोजन किया गया और बैलेंस इक्वेशन तलासने की कोशिश की गई।

Asian’s special program on Janmanch : कहा जाता है कि लोकतंत्र में जनता मालिक होती है। इनके मालिकाना हक को निर्वाचित जनप्रतिनिधि द्वारा दिलाने के साथ राष्ट्रीय सोच रखा जाए तभी देश और आम जनता खुशहाल हो सकती है। कैसा हो हमारा जनप्रतिनिधि विषय पर विचार रखने के लिए विभिन्न बनालिस्ट में राजनीति पार्टियों के जन प्रतिनिधि, कर्मचारी नेता, सामाजिक कार्यकर्ता और आम जनता शामिल हुए और प्रमुखता से अपनी बात रखी। सभी ने अपने-अपने मत रखें, किसी ने कहा कि हमारा जनप्रतिनिधि आम जनता के बीच का हो और आम लोगों की समस्याओं को समझ सके। वहीं अन्य लोगों ने कहा कि हमारा जनप्रतिनिधि अपने क्षेत्र और प्रदेश का विकास करने वाला, युवाओं और महिलाओं को रोजगार मुहैया करवाने वाला हो। साथ ही प्रदेश और राष्ट्र का ख्याल रखे। इस कार्यक्रम का संचालन अभिनीत शुक्ला ने  किया।

 

Asian’s special program on Janmanch : एशियन न्यूज के प्रधान संपादक सुभाष मिश्रा ने कहा कि चुनाव आते ही वादों का बौछार होने लगता है। नेता वोट लेने के लिए कई प्रकार के वादें करते हैं। लेकिन चुनाव जीतने के बाद वह वही जनता को भूल जाता है केवल उनके वादे चुनाव तक ही सीमित रहते हैं जनता जिस तरीके से अपने क्षेत्र का जन नायक चुनती है वह जननायक जितने के बाद अपनी जेब भरने या फिर अपनी प्रॉपर्टी बनाने में लग जाता है ऐसे में इस बार के चुनाव में आम जनता क्या चाहती है किस प्रकार का जनप्रतिनिधि हो, इसी अहम मुद्दे पर आज का ये परिचर्चा आयोजित किया गया था जिसपर लोगों ने खुलकर अपनी बात रखे। उन्होंने कहा हमारे देश का दुर्भाग्य है कि शतप्रतिशत वोट नहीं पड़ते हैं हमारी कोशिश यह होनी चाहिए कि शतप्रतिशत वोट होना चाहिए। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधि को प्रोग्रेसिव होना चाहिए वह किसी तरह के झंझट में फंसना नहीं चाहिए जाति धर्म से ऊपर उठकर सोचना चाहिए एक जनप्रतिनिधि का कर्तव्य होता है।

 

एशियन न्यूज के सीनियर एचआर शकील साजिद ने कहा कहा कि हमारा नेता सबका साथ सबका विकास करने वाला हो वह सभी को लेकर चले संविधान को फॉलो करें और जिस प्रकार से वर्तमान में अभी अराजकता फैली है उसे दूर करें। अपराध पर नियंत्रण करें और प्रदेश की उन्नति के लिए हमेशा कार्य करें।

कर्मचारी नेता गोपाल साहू ने कहा कि हमारा जनप्रतिनिधि जनता के बीच समन्वय स्थापित कर विकास पर जोर दें। लोगों के बीच आसानी से उपलब्ध हो। सबकी सुने व सबको एक साथ लेकर चलें। यह निश्चित है कि जो क्षेत्र के विकास पर जोर देगा उसे समर्थन जरूर मिलेगा। जनप्रतिनिधि जनता के बीच रहकर उनकी समस्याओं का हल कराने के लिए त्वरित कार्रवाई करें। ताकि लोगों को राहत मिल सके।

चेंबर ऑफ कॉमर्स के नेता शंकर बजाज ने कहा कि व्यापारियों को भी राजनीति में आना चाहिए क्योंकि व्यापारी जनता को बहुत अच्छे तरीके से संभाल सकता है। क्योंकि व्यापारी चीजों को बहुत अच्छे से समझता है। व्यापारी देश के अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाता है।

कर्मचारी नेता सत्यम शुक्ला ने कहा कि सरकार या हमारे नेता से बस इतना ही अपेक्षा है की वो हमारी मांगे पूर्ण करें क्योंकि हमारे नेता चुनाव के समय तो बहुत बड़े बड़े वायदे करते हैं लेकिन बाद में आम जनता को भूल जाते हैं।

महिलाओं की हक की बात करे

 

नगर निगम के महिला पार्षद सुशीला धीवर ने कहा कि राजनीति में महिलाओं को आना लोगों को खलता है। आज भी हमारे समाज में महिलाओं को ज्यादातर लोग राजनीति में देखना नहीं चाहते हैं उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधि ऐसा हो जो बेरोजगार को दूर कर पढ़े-लिखे युवाओं के लिए रोजगार उपलब्ध कराएं। इसके अलावा आर्थिक आधार पर आरक्षण का प्रावधान करें। जो आर्थिक रूप से मजबूत है उसे भी आरक्षण दिया जा रहा है। यह पूरी तरह से गलत है। प्रतिनिधि को सरकारी योजना का लाभ पात्र तक पहुंचाने के लिए कार्य करना चाहिए। अशिक्षा, बेरोजगारी व गरीबी को मिटाने के लिए ठोस रणनीति तैयार कर कार्य करें।

 

भावनाओं को समझने वाला हो

रसोइया संघ के प्रदेश अध्यक्ष नीलू ओगरे ने कहा कि हमारा नेता लोगों के समस्या को सुनने वाला हो। ताकि लोगों की समस्याओं को सुने और आम लोगों का भला हो। जनता की भावनाओं का समझने वाला हो। पांच साल तक लोगों के बीच रहे। चुनाव जीतने के बाद लोगों को भूल न जाएं। सबको साथ सबका का विकास पर कार्य करें। बिना किसी भेदभाव के कार्य करें। तभी क्षेत्र का भला हो सकता है। कर्मठ व ईमानदार छवि के जनप्रतिनिधियों की चर्चा अधिक होती है। इस पर अमल करते हुए जनप्रतिनिधियों को चौतरफा विकास पर जोर देना चाहिए।

 

नेता का उद्देश्य रोजगार मुहैया करवाना हो

 

छत्तीसगढ़िया युवा क्रांति सेना शिवेंद्र वर्मा ने बताया की हमारा जनप्रतिनिधि स्थानीय होने के साथ दूरदर्शी हो। जनता को समझने वाला हो। युवाओं को रोजगार देना उसका प्रथम उद्देश्य होना चाहिए। चहुंमुखी विकास पर जोर दें। आपराधिक घटनाओं को रोकने में कारगर कदम उठाए। पुलिस व जनता के बीच सामंजस्य स्थापित कराएं। ट्रैफिक व्यवस्था को सही तरीके से लागू कराएं व पार्किंग की व्यवस्था को दुरूस्त करने वाला हो। जन हित सभी कार्यो पर अधिक जोर देने वाला हो। जब सुधार होगा तो बदलाव निश्चित होगा।

वहीं गोपी चन्द साहू ने कहा कि जनप्रतिनिधि को क्षेत्र, प्रदेश फिर देश के विकास के बारे में सोचना चाहिए।

 

सुख दुःख के साथी बने जनप्रतिनिधि

 

नगर निगम के पार्षद और एम आई सी मेंबर सतनाम सिंह पनाग ने कहा कि हमारा नेता लोगों से मिलनसार हो सुख दुख में आम जनता के बीच जाकर उनका भरोसा जीते  और उनके साथ खड़े हो . उन्होंने कहा कि नेता सरल स्वभाव का होना चाहिए ताकि हम लोग अगर उन तक जाए तो लोगों को लगना चाहिए कि वह हमारे बीच के हैं और बेझिझक बात कर सके।

नगर निगम मंत्री  कुमार मेनन ने कहा कि एक जनप्रतिनिधि को सबसे पहले ईमानदार और शिक्षित होना चाहिए। क्योंकि क्षेत्र का विकास तभी हो सकता है जब वह अपने कार्य को भली भांति समझता हो, तभी जाकर वह अपने क्षेत्र और लोगों के विकास का काम कर सकेगा।

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