Asian News Channel on Janmanch : कर्मचारी को मिला मंच, शासन के समक्ष रखी अपनी मांगे और दर्द

Asian News Channel on Janmanch :

Asian News Channel on Janmanch जनमंच पर एशियन न्यूज़ चैनल का खास कार्यक्रम “संतुलन का समीकरण” का आयोजन

कर्मचारियों ने शासन को याद दिलाया उनकी किए वादें

शासकीय सेवकों की मांग और वादें  विषय पर परिचर्चा का आयोजन

 

 

Asian News Channel on Janmanch रायपुर । छत्तीसगढ़ में इन दिनों प्रदर्शन का दौर चल रहा है… प्रदेश भर में कई कर्मचारी संगठन आंदोलन कर रहे हैं वहीं चुनावी साल को देखते हुए सरकार कर्मचारियों के लिए घोषणाएं भी कर रही है लेकिन कुछ ऐसी मांगे भी है जिनको लेकर कर्मचारी संगठनों में नाराजगी साफ दिख रही है… कहीं खून से पत्र लिखकर तो कहीं जल सत्याग्रह एवं जेल भरो आंदोलन कर विरोध जताया जा रहा है और शासन प्रशासन का ध्यान आकृष्ट करवाने का काम किया जा रहा है। इसमें विपक्ष भी इनके प्रदर्शन में बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहा है… ऐसे में इनकी समस्या को रखने के लिए एक मंच प्रदान करना हमारा मकसद है। एशियन न्यूज का खास कार्यक्रम “संतुलन का समीकरण” एक ऐसा ही मंच है। जहां कर्मचारी अपनी बात को बेधड़क सरकार के समक्ष रख सकते हैं  इस खास कार्यक्रम के पहले एपिसोड में शासकीय सेवकों की मांग और वादें  विषय पर परिचर्चा का आयोजन किया गया जहां कई संगठनों के कर्मचारी नेता के साथ सत्ता और विपक्षी दलों के नेता भी शामिल हुए। जहां कर्मचारियों ने  इस कार्यक्रम और शासन के नुमाइंदों के माध्यम से अपनी बात और दर्द को सरकार के समक्ष रखा। वहीं कुछ तीखे सवाल और शासन के प्रति अपनी नाराजगी भी जताया। इस खास कार्यक्रम को अभिनीत शुक्ला ने संचालित किया।

 

इस अवसर पर एशियन न्यूज के प्रधान संपादक सुभाष मिश्रा ने बताया कि हम लगातार छत्तीसगढ़ वासियों के बारे में सोच रहे हैं  “संतुलन का समीकरण” इस खास कार्यक्रम के माध्यम से सभी वर्ग के लोग अपनी बात सरलता और सहजता पूर्वक रख सकते हैं। यह कार्यक्रम आम लोगों और शासन तक बात रखने का एक अच्छा मंच साबित होगा। कार्यक्रम के पहले एपिसोड में जिस प्रकार कर्मचारियों ने अपनी बात रखी आगे भी लोग इसी प्रकार रख सकते हैं । इस अवसर पर एशियन न्यूज चैनल के मैनेजिंग एडिटर आशीष तिवारी, सीनियर एचआर शकील साजिद एवं कई संगठनों के कर्मचारी नेता और दर्शक मौजूद रहे।

इस अवसर पर कर्मचारियों ने कहा की मौजूदा सरकार सत्ता में आने से पहले कई वादे किया था लेकिन सत्ता में आने के बाद वह अपने वादों से ही मुकर गया। आने वाला समय शासन के लिए बहुत चुनौतीपूर्ण है । विधानसभा चुनाव के कुछ ही बच गए हैं ऐसे में अगर शासन इन दिनों हमारी मांग पूरी नहीं करती है तो इसका खामियाजा उन्हें खुद इस चुनाव में भुगतना पड़ेगा। वहीं पूर्व कर्मचारी नेता और आम आदमी पार्टी के नेता विजय झा ने अपनी बात रखते हुए कहा कि सरकार लगातार कर्मचारियों के विरोध में कार्य कर रही है।

शासन की ओर से लगातार यह कहा जाता है कि विभागों से डाटा मंगाया जा रहा है लेकिन मैं यह पूछना चाहता हूं कि क्या इतने सालों से अभी तक शासन प्रशासन के पास डाटा उपलब्ध नहीं हो पाया है अगर डाटा उपलब्ध नहीं हो पाया है तो यह अधिकारी और कर्मचारी क्या कर रहे हैं उन्होंने कहा की अनुकंपा की जो विधवाएं इतने दिनो से आंदोलन कर रहे हैं उनकी मांगे  छत्तीसगढ़ के मुखिया को पूर्ण करनी चाहिए।

 कर्मचारियों में शासन के प्रति है रोष, कहा मांगे पूर्ण करें

 

 

प्रदेश में एक ओर जहां कर्मचारी अधिकारी मुख्यमंत्री को माला पहना आभार व्यक्त कर रहे हैं, तो वहीं दूसरी और दिव्यांग संविदा कर्मी के खून से प्रियंका गांधी और राहुल गांधी को नियमितीकरण करने के लिए पाते लिखा जा रहा है। इस अवसर पर संविदा करमरी संघ से  कोश्लेश तिवारी ने अपनी बात रखते हुए कहा कि सरकार के वादे को याद दिलाने के लिए हमलोग पोने पांच साल से आंदोलन कर शासन को उनके की गई वादे को याद दिलाने और उसे पूरा करने के लिए प्रयास किया गया । लेकिन वह वादा अभी तक पूरा नहीं हो पाया और हमलोग भी अभी आंदोलन कर रहे हैं।

हमलोगों में शासन के प्रति काफी आक्रोश भी है। शासन के और से हमारी तनख्वाह के 27 प्रतिशत की वृद्धि की गई है इसके लिए हम मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हैं लेकिन  हमलोग को यह भीख नहीं चाहिए। हमे नियमितीकरण चाहिए और इसके लिए मुख्यमंत्री हमलोग से संवाद करे। संवाद का मार्ग अभी भी खुला है। संवाद से कोई न कोई मार्ग खुल जाएगा। हमलोग शोक से आंदोलन नहीं कर रहे हैं।

वहीं अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन संघ के कमल वर्मा ने बताया की सरकार ने अपने घोषणा पत्र के माध्यम से कई वादे किए थे लेकिन उन वादों को पूरा करने में नाकाम रही है इसलिए कर्मचारी लगातार आंदोलन कर रहे हैं। उन्होंने कहा की शासन ने हाल ही में कर्मचारियों और अधिकारियों के मंगाई भत्ता और गृह भत्ता में बढ़ोतरी की है इसके लिए हमलोग उनका आभार व्यक्त करते हैं लेकिन सरकार को दूसरे राज्यों से सीखना चाहिए और नियमितीकरण पर सोचना चाहिए।

धरना स्थल कहीं भी रहे आंदोलन जारी रहेगा

 

 

राजधानी में धरना प्रदर्शन के लिए धरना स्थल तूता माना में शिफ्ट कर दिया गया है जिससे किसी को इनके धरना प्रदर्शन से परेशानी न  हो और इनकी आवाज भी बुलंद न हो सके। इसपर संविदा कर्मी सूरज सिंह ने बताया कि शासन चाहे धरना स्थल कहीं भी शिफ्ट कर दे हमारी आवाज को कोई दवा नहीं सकता उन्होंने कहा मौजूदा दौर में शासन संविदा कर्मियों से संवाद करें और हमारी मांगे पूर्ण करे। उन्होंने एशियन न्यूज चैनल को ध्यान ज्ञापित करते हुए कहा की हमारी बात को शासन तक पहुंचाने के लिए समय समय पर यह चैनल संवाद कायम करती है और संवाद से ही पहल हो पाता है  लेकिन  सरकार ने हमलोहों से जो वादा किया था अगर सरकार पोने 5 साल के बाद यह कहती है कि हम अपने वादों को पूरा करने में सक्षम नहीं है तो इस पर सरकार की नीति और उनके मनसा पर कई सवाल खड़ा होता है उन्होंने कहा कि सरकार हमारी मांगों को जल्द से जल्द पूर्ण करें और हम से संवाद करने की कोशिश करें ।

वहीं अनुकंपा संघ के प्रदेश अध्यक्ष माधुरी मृगे ने कहा कि सरकार हमारी मांगों को लेकर उदासीन है। अगर सरकार हमारी मांग को लेकर संजीदा रहती तो हमलोगों को 291 दिनों से भारी बारिश में रायपुर धरना स्थल पर नहीं छोड़ देते। सरकार हमारी मांगों को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है ऐसे में शासन की नीति साफ हो जाती है कि हमारे प्रति वह उदासीन है हम शासन प्रशासन से अपनी अनुकंपा नियुक्ति के भीख मांग रहे हैं कि शासन हमें कहीं भी किसी तरह से नौकरी दे।

वादे निभाने में विफल हो रही शासन

अनियमित कर्मचारी मोर्च संघ के संयोजक गोपाल प्रसाद  साहू ने कहा कि सरकार ने चुनाव के पूर्व बड़े-बड़े नेता हमारे मंच पर आकर बोले कि जब हमारी सरकार बनेगी तो आउटसोर्सिंग और ठेका प्रथा को बंद करेंगे लेकिन अभी तक यह पूरी तरह बंद नहीं हो पाई है उन्होंने कहा कि क्या मजबूरी है सरकार हमारी मांगों को क्यों नहीं पूर्ण कर रही है जबकि ऐसा करने से उनके वित्तीय भार भी ज्यादा नहीं आएगा।

अनियमित कर्मचारी को अनियमित होने का दंश झेलना पड़  रहा है। हमारे कर्मचारियों को नियमित करने के बजाय उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है। उन्हों कहा प्रदेश भर के कई कर्मचारी कम वेतन में दुर्गम इलाके में अपनी सेवाएं दे रहे हैं सरकार उनकी मजबूरियों को समझे और हमारी मांगे पूर्ण करे।

 

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दिनेश शर्म दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी संघ ने अपनी बात रखते हुए कहा कि हमने कई लड़ाई लड़े हैं लेकिन कांग्रेस सरकार में आने से पहले कई वायदे किए थे लेकिन इतने साल बाद इस बार अनुपूरक बजट में 4000 रुपए का बढ़ोतरी की है। लेकिन हमलोग को यह नहीं चाहिए हमे नियमितीकरण चाहिए।

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