रायगढ़ में गर्मी बढ़ते ही मटका और सुराही की मांग में उछाल, कुम्हारों की लौट आईं खुशियाँ…

Chhattisgarh : रायगढ़ शहर में इन दिनों तापमान में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है, खासकर शहर के औद्योगिक होने के कारण, जिससे स्थानीय बाजार में देशी फ्रीज, यानी मिट्टी के मटका और सुराही की मांग में अचानक वृद्धि देखी जा रही है। गर्मी का मौसम आते ही लोग अब प्लास्टिक के बोतल और जार की बजाय मिट्टी के मटके में पानी पीना पसंद कर रहे हैं, जो कि ठंडा और शुद्ध होता है।

कुम्हारों के लिए यह समय खुशियों से भरा हुआ है, क्योंकि उनकी कड़ी मेहनत का फल अब मिलने लगा है। मटका और सुराही की बढ़ी हुई मांग ने उनके चेहरे पर मुस्कान ला दी है। विभिन्न आकार और कीमत के मटका और सुराही अब बाजार में उपलब्ध हैं, जिन्हें लोग घरों में पानी रखने और ठंडा करने के लिए खरीद रहे हैं। इसके अलावा, कुम्हार अब प्लास्टिक डिस्पोजल के विकल्प के रूप में कुल्हड़ भी बना रहे हैं, ताकि गंदगी और प्रदूषण को कम किया जा सके। कुम्हारों का कहना है कि यह एक अच्छा मौका है, क्योंकि पुराने समय से लोग मटका में पानी पीने के शौकीन रहे हैं। मटका के पानी को शुद्ध और ताजगी से भरपूर माना जाता है, जो सेहत के लिए भी फायदेमंद होता है। शहर में आज भी मटका का पानी पीने के शौकीन लोगों की कमी नहीं है। इसके अलावा, कुम्हारों का मानना है कि यह मौसम उनकी कला और काम को पुनः जीवित करने का एक बेहतरीन समय है। स्वच्छ और शुद्ध पानी के लिए मटका एक बेहतरीन विकल्प बनकर उभरा है, और इसके माध्यम से कुम्हारों के व्यवसाय में भी इजाफा हो रहा है। यह न केवल पारंपरिक कला को बढ़ावा दे रहा है, बल्कि पर्यावरण को भी लाभ पहुंचा रहा है।

 

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