Amity University भारतीय सभ्यता ने दिया है विश्व को जीवन का सार : राज्यपाल

Amity University

Amity University एमिटी यूनिवर्सिटी के द्वितीय दीक्षांत समारोह का गौरवमयी आयोजन संपन्न

 

22 छात्रों को स्वर्ण पदक, 15 को डॉ. अशोक के. चौहान पुरस्कार, बलजीत शास्त्री पुरस्कार और ऑल-राउंड ट्रॉफी भी प्रदान की गई

 

सचिव (डीएआरई) और महानिदेशक (आईसीएआर) डॉ. हिमांशु पाठक को दी।गई मानद डॉक्टरेट की उपाधि

 

 

 

Amity University रायपुर। भारतीय सभ्यता ने विश्व को जीवन का सार दिया है और नवप्रवर्तन में उल्लेखनीय दिया है। यह बातें छत्तीसगढ़ के राज्यपाल श्री विश्वभूषण हरिचंदन ने यहाँ पंडित दीनदयाल उपाध्याय आडिटोरियम में शुक्रवार को आयोजित एमिटी यूनिवर्सिटी, रायपुर, छत्तीसगढ़ के द्वितीय दीक्षांत समारोह में कहीं।

उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय को गरीबी, भुखमरी, पर्यावरण और बेरोजगारी की समस्याओं के लिए अनुसंधान और नवाचार पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। राज्यपाल ने उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए गतिशील शैक्षणिक पाठ्यक्रम पर जोर दिया और कहा कि भारत को नौकरी चाहने वालों की नहीं बल्कि नौकरी देने वालों की जरूरत है। उन्होंने छात्रों से विकसित भारत के लिए योगदान देने का आह्वान भी किया। उन्होंने छात्रों को राष्ट्र, समाज और लोगों के बारे में सोचने की सलाह देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वादा किया है कि भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा।

Amity University  इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री श्री अरूण साव ने कहा कि विद्यार्थी लक्ष्य निर्धारित करें और आने मस्तिष्क को आसमान की तरह खुला रखें। उन्होंने छात्रों को प्रेरणा देते हुए कहा कि ‘आज से आपका नया जीवन शुरू होने जा रहा है, आपके ऊपर समाज और राष्ट्र के प्रति एक बड़ी जिम्मेदारी है। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के अध्यक्ष प्रोफेसर (डॉ.) कर्नल उमेश कुमार मिश्रा ने विद्यार्थियों से कहा कि सभी शक्तियां उनके भीतर हैं, वे अपने माता-पिता, शिक्षकों और राष्ट्र को गौरवान्वित करें।

इस दीक्षांत समारोह में कुल 681 छात्रों को डिग्री प्रदान की गई। 681 छात्रों में से 357 (52.42 प्रतिशत) छात्राएँ तथा जबकि 324 छात्र (47.57 प्रतिशत) शामिल थे। दीक्षांत समारोह में 575 छात्रों को स्नातक डिग्री (यूजी) और 106 छात्रों को स्नातकोत्तर डिग्री (पीजी) प्रदान की गई। 22 प्रतिभावान छात्रों को स्वर्ण पदक, 16 को रजत पदक और 05 को कांस्य पदक प्रदान किया गया। यश गांधी को ईमानदारी, सत्यनिष्ठा, दूसरों के प्रति सम्मान, देखभाल करने का रवैया और विरासत और संस्कृति के प्रति सम्मान जैसे सर्वोत्तम मानवीय और पारंपरिक मूल्यों के लिए श्री बलजीत शास्त्री पुरस्कार दिया गया। शैक्षणिक, खेल और सामाजिक सेवा में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए शृंखला एस चंद को सर्वश्रेष्ठ ऑल-राउंड छात्र ट्रॉफी प्रदान की गईं। 15 छात्रों को 100% छात्रवृत्ति के साथ अपनी डिग्री पूरी करने के लिए डॉ. अशोक के चौहान पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

डॉ. हिमांशु पाठक, सचिव (डीएआरई) और महानिदेशक (आईसीएआर) को कृषि, अनुसंधान और नवाचार के क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए मानद डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया गया।

 

इस अवसर पर एमिटी यूनिवर्सिटी के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. अशोक के चौहान ने कहा कि ‘विश्वविद्यालय में पूरी पढ़ाई के दौरान विद्यार्थियों को दिए गए मूल्य और संस्कार भारत को एक महाशक्ति बनाने में सहायक प्रमाणित होंगे। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ साधन संपन्न राज्यों में से एक है और इसमें सभी क्षेत्रों में शीर्ष राज्य बनने की क्षमता है।

एमिटी यूनिवर्सिटी छत्तीसगढ़ के कुलाधिपति डॉ. डब्ल्यू सेल्वामूर्ति ने कहा कि सभी विद्यार्थी एक नई जिम्मेदारी के साथ प्रवेश कर रहे हैं और वे भावी पीढ़ी के लिए जागरूक रहें।’उपमुख्यमंत्री ने एमिटी यूनिवर्सिटी छत्तीसगढ़ को चार जिम्मेदारियां ग्रामीण विकास, आदिवासी विकास, शिक्षा, और कौशल विकास दी हैं सेल्वामूर्ति ने कहा।

रितनांद बलवेड इंटरनेशनल एजुकेशन फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ. असीम के चौहान ने राज्यपाल को उनकी गरिमामयी उपस्थिति और छात्रों को आशीर्वाद देने के लिए धन्यवाद दिया। इसके पूर्व कुलपति प्रोफेसर (डॉ) पीयूष कांत पांडे ने स्वागत भाषण के साथ दीक्षांत समारोह की रिपोर्ट प्रस्तुत की। कुलसचिव डॉ. सुरेश ध्यानी ने स्नातकों को शपथ दिलाई और धन्यवाद प्रस्ताव दिया।

 

स्वर्ण पदक प्राप्तकर्ता

 

Kasdol Police जमीन एवं पैसों का लेनदेन बना विवाद का कारण,  रिश्तेदार भाई भतीजों ने सुला दी मौत की नींद

दीक्षांत समारोह के दौरान छत्तीसगढ़ के राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन, उप मुख्यमंत्री अरुण साओ और आरबीआईईएफ के अध्यक्ष डॉ. असीम के चौहान से पदक प्राप्त करने वाले 22 स्वर्ण पदक विजेताओं में नीमांसी बोरकर (बीए-इको), एम एस अनन्या (बी.कॉम), यश गांधी ( बीबीए), प्रियंका साहू (एमबीए), आयुषी सिंह (बीएससी-बीटी), नेहा सुंटवाल (बी.टेक.-बीटी), प्रियल पाटीदार (एमएससी-बीटी), मृत्युंजय बंद्योपाध्याय (बीए-एपी), ज्योति कुमारी सिंह (एमसीए) , कविता उपाध्याय (बीएससी-आईटी), इंद्रप्रीत कौर छाबड़ा (बीए-एलएलबी), मुस्कान कृष्णानी (बीबीए-एलएलबी), महक गुप्ता (एलएलएम), अर्शलीन कौर साहनी (बी.आर्क), नमीरा खान (बीआईडी), अंजलि पद्मकुमार (बीए-जेएमसी), रजत श्रीवास्तव (एमए-जेएमसी), साहिल सुनील कारमोरे (बी.टेक.-सीई), कर्नाति अनुराग रेड्डी (बी.टेक.-सीएसई), अप्लुव सिंह (बी.टेक.-एमई), राजीव अजय श्रीवास्तव (बीए-इंजीनियरिंग), स्वाति वर्मा (बी.डेस.-एफडी) प्रमुख रूप से शमिल थे।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

MENU