8 Former Indian Navy Officers in Qatari Jail : जासूसी के आरोप में कैद हैं इंडियन नेवी के 8 पूर्व अधिकारी, हो सकती है फांसी
8 Former Indian Navy Officers in Qatari Jail : नई दिल्ली: अगस्त 2022 में कतर में 8 भारतीय पूर्व नेवी ऑफिसर्स को जासूसी के आरोपों में अरेस्ट कर लिया गय़ा था. यह सभी एक निजी फर्म के लिए काम करते थे. इन सभी को दोहा में स्थित कतर की इंटेलीजेंस सर्विस ने अरेस्ट किया था.
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8 Former Indian Navy Officers in Qatari Jail : भारतीय नौसेना के पूर्व अफसरों को गिरफ्तार हुए अब 8 माह बीत चुके हैं. इन सभी के खिलाफ स्थानीय कोर्ट में मुकदमा चल रहा है और एक सुनवाई भी हो चुकी है.
वहीं, आज बुधवार 3 मई को इन पर लगे आरोपों पर वापस सुनवाई होनी है. रिपोर्ट्स की माने तो यदि इन सभी भारतीयों पर जासूसी के इल्जाम साबित हो जाते हैं, तो इन्हें फांसी की सजा भी सुनाई जा सकती है. हालांकि, कतर ने अभी तक इनके ऊपर लगाए गए आरोप भारत के साथ साझा नहीं किए हैं.
जिन भारतीयों को अरेस्ट किया गया था, उनके नाम कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टन बिरेंद्र कुमार वर्मा, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कमांडर अमित नागपाल, कमांडर पुरनेंदु तिवारी, कमांडर सुगुनाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता और सेलर रागेश हैं.
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रिपोर्ट के अनुसार, भारतीयों पर कतर की अदालत में इससे पहले 29 मार्च को सुनवाई हो चुकी है. इसके बाद आज सुनवाई होनी है. वहीं भारत सरकार के विदेश मंत्रालय का कहना है कि वह इन भारतीयों को सभी संभव मदद उपलब्ध कराने का प्रयास कर रहे हैं.
साथ ही इनके परिजनों को भी मदद देने की कोशिशें जारी हैं. भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारियों पर फिलाहल कतर में लीगल ट्रायल जारी है. इन पर इल्जाम लगाए गए हैं कि इन्होंने इजरायल के लिए कतर की हाई टेक पनडुब्बियों को लेकर जासूसी की है.
8 Former Indian Navy Officers in Qatari Jail
रिपोर्ट्स के अनुसार, यह पनडुब्बियां मेटामटेरियल्स से कवर्ड रहती हैं, जिसके कारण उनकी क्षमताओं को और बढ़ावा मिलता है और दूसरी सबमरीनों के लिए उन्हें डिटेक्ट करना बहुत कठिन हो जाता है.
बता दें कि, इंडियन नेवी के पूर्व कर्मियों को 30 अगस्त 2022 को अरेस्ट किया गया था. इनमें से एक की बहन ने केंद्र सरकार ने उन्हें छुड़ाने की अपील की थी. उन्होंने केंद्र को बताया था कि उसका भाई एक रिटायर्ड नेवी कमांडर है, जो कि कतर गया था,
ताकि कतर की नौसेना को प्रशिक्षण दे सके. वह एक कंपनी ग्लोबल कंसल्टेंसी सर्विसेज के माध्यम से वहां गया था. उस समय विदेश मंत्रालय ने इस पर संज्ञान लिया था और कतर से कॉन्टैक्ट करने का प्रयास किया था.
भारतीय विदेश मंत्रालय इन पूर्व अफसरों के परिवारों को नियमित दौरों की सुविधा प्रदान कर रहा है, साथ ही इन्हें काउंसलर और कानूनी सहायता भी मुहैया कराई जा रही है. भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था कि विदेश मंत्रालय इन भारतीयों को असिस्ट करने के लिए तमाम कोशिशें कर रहा है.
बागची ने कहा था कि वह कतर के अधिकारियों के साथ इस मामले में संपर्क में हैं. कतर में भारतीय दूतावास लगातार नेवी के पूर्व अफसरों के परिवारों के संपर्क में है. उन्होंने कहा था कि पूर्व नौसेना अफसरों के खिलाफ अगली सुनवाई के पहले वह देख रहे हैं कि क्या कर सकते हैं.
अरेस्ट किए गए पूर्व नौसेना अधिकारीयों के खिलाफ जो आरोप लगाए हैं, वह अभी तक कतर की तरफ से भारतीय अधिकारियों के साथ शेयर नहीं किए गए हैं. उन आरोपों को अभी तक उजागर नहीं किया गया है. बागची ने कहा था कि जैसे-जैसे कानूनी प्रक्रिया आगे बढ़ेगी, शायद उन पर लगे आरोप भी सामने आ जाएंगे.