Congress by the decision of Singhdev रायपुरः मंत्री टीएस सिंहदेव पंचायत विभाग की जिम्मेदारी छोड़ने के बाद आज पहली बार मीडिया के सामने आए। सुबह उनका बयान सामने आया और शाम ढलते ही वो दिल्ली के लिए रवाना हो गए। इससे पहले सिंहदेव ने मुख्यमंत्री को पत्र के माध्यम विभाग छोड़ने की जानकारी दी थी। जिस पर कांग्रेस के विधायकों ने नाराजगी जाहिर करते हुए सिंहदेव पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। अब सवाल है कि सिंहदेव के इस कदम से क्या कांग्रेस और सरकार की छवि पर असर पड़ेगा। आलाकमान इस मामले में क्या कार्रवाई करती है? बात निकली है तो..क्या दूर तलक जाएगी..?
Congress by the decision of Singhdev पंचायत विभाग छोड़ने के बाद टीएस सिंहदेव पहली बार मीडिया से मुखातिब हुए और कहा कि शायद मैं इस विभाग के मंत्री के रुप में फिट नहीं हो रहा था। इससे पहले उन्होंने 4 पन्नों का पत्र लिखकर पंचायत और ग्रामीण विभाग की जिम्मेदारी से खुद को अलग करने की जानकारी दी थी। अपने पत्र टीएस सिंहदेव ने ये भी लिखा था कि छत्तीसगढ़ में PM आवास योजना, मनरेगा जैसी योजनाओं का क्रियान्वयन सही से नहीं किया जा रहा है। जिसे लेकर कांग्रेस विधायक टीएस सिंहदेव के खिलाफ हो गए है। रविवार को सीएम निवास में हुए कांग्रेस विधायक दल की बैठक में 50 से ज्यादा विधायकों ने आलाकमान को सिंहदेव पर कार्रवाई के लिए हस्ताक्षयुक्त पत्र लिखा है. जिसे प्रभारी पीएल पुनिया ने आलाकमान के समक्ष रखने की बात कही है। विधायकों के इस पत्र पर मंत्री सिंहदेव कहते है कि सभी अपनी राय रखने को स्वतंत्र है तो मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा है कि कांग्रेस विधायक सिंहदेव के पत्र से आहत है।
Congress by the decision of Singhdev इससे पहले करीब साल भर पहले मंत्री सिंहदेव और विधायक बृहस्पत सिंह के मामले पर भी कांग्रेस सरकार घिरी थी। तब भी मामला आलाकमान तक पहुंचा था.और अब भी सिंहदेव का पत्र लिखकर पंचायत विभाग की जिम्मेदारी छोड़ने का मामला आलकमान तक पहुंच गया है। अब सिंहदेव भी खुलकर कहने लगे है कि अब आलाकमान को हस्तक्षेप करना चाहिए। दूसरी ओर इस पूरे मामले में बीजेपी को बैठे-बिठाए कांग्रेस सरकार को घेरने का मौका मिल गया है।
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Congress by the decision of Singhdev बहरहाल आलाकमान सिंहदेव को पंचायत विभाग फिर से लेने को कहेगी या कोई कार्रवाई करेगी ये तो वक्त बताएगा। लेकिन 20 जुलाई से शुरू हो रहे मानसून सत्र में ये मामला जरुर छाया रहेगा। बीजेपी इस मुद्दे को सामने रखकर इस कार्यकाल में पहली बार कांग्रेस सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने जा रही है। हालांकि बीजेपी के पास आंकड़ा बहुत कम है। लेकिन कांग्रेस की सरकार को सिंहदेव के पत्र और अविश्वास पर कहने को काफी कुछ है। ऐसे में अब देखना होगा कि कांग्रेस इन हमलों का जवाब कैसे देती है?