Shravani Teej Saraipali : गौण ब्राम्हण , अग्रवाल , गुप्ता व अन्य सभी समाज ने मनाया त्योहार
जगह जगह सावन झूलों की व्यवस्था
Shravani Teej Saraipali : सरायपाली :– सरायपाली नगर के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रो में भी सावन माह में पड़ने वाले श्रावणी तीज , हरियाली तीजा , सिंघारा व सोलह श्रृंगार जैसे त्योहारों का परम्परागत रूप से सभी हिन्दू समाज की महिलाओं द्वारा बड़े ही उत्साहपूर्ण माहौल में धूमधाम से मनाया गया । इस अवसर पर नगर के विभिन्न स्थानों में समाज द्वारा सावन झूलों का भी आयोजन किया गया जहां महिलाओं ने सावन झूलों का मजा उठाया ।अग्रवाल महिला मंडल , गौण ब्राम्हण महिला मंडल , गुप्ता समाज महिला मंडल , उत्कल महिला मंडल के साथ ही अन्य सभी सामाजिक महिलाओं ने इसमे भाग लिया ।
इस संबंध में उक्त त्योहार मना रही महिलाओं ने इस त्योहारों की विस्तृत जानकारी देते हुवे बताया कि श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है,यह त्योहार भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित होता है,इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने अखंड सौभाग्य, पति की लंबी आयु और परिवार की सुख-समृद्धि की कामना के लिए व्रत रखती हैं, जबकि अविवाहित कन्याएं अच्छे वर की प्राप्ति के लिए पूजा करती हैं,महिलाएं 16 श्रृंगार कर भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना करती हैं !
हरियाली तीज का दिन सुहागिनों और कुंवारी कन्याओं के लिए विशेष महत्व रखता है,इस दिन भगवान शिव ने माता पार्वती को पत्नी के रूप में स्वीकार किया था, माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए 107 जन्मों तक तप किया था, भगवान शिव माता पार्वती के कठिन तप से प्रसन्न हुए और उन्होंने 108वें जन्म में उनसे विवाह किया, यही कारण है कि हरियाली तीज का व्रत सुहागिनों के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है !
क्या होता है तीज का सिंधारा
तीज के अवसर पर मायके से बेटी के लिए भेजा जाने वाला सिंधारा एक महत्वपूर्ण परंपरा है, इसमें विशेष तौर पर माता-पिता अपनी सुहागिन पुत्री के लिए सुहाग और 16 श्रृंगार का सामान, नए वस्त्र, फल, मिठाइयाँ और घेवर भेजते हैं,सिंधारे में बेटी के ससुराल वाले और उसके पति व बच्चों के लिए भी कपड़े भेजे जाते हैं !
सिंधारे में भेजे गए वस्त्र और आभूषण बेटी की खुशहाली और समृद्धि के प्रतीक माने जाते हैं, यह शुभता और संपन्नता की कामना का प्रतीक होते हैं, सिंधारे को मायके की ओर से बेटी के लिए खुशहाल जीवन का आशीर्वाद माना जाता है,इस प्रकार सिंधारे के रूप में मायके वाले अपनी बेटी को खुशहाल जीवन का आशीर्वाद भेजते हैं !
सिंधारा भेजना माता-पिता द्वारा अपनी बेटी के प्रति स्नेह और आशीर्वाद का प्रतीक होता है, इससे बेटी को मायके की याद दिलाई जाती है और यह संदेश दिया जाता है कि वह अभी भी उनके दिल के करीब है, हरियाली तीज पर सिंधारा भेजने की परंपरा बहुत प्राचीन है और इन परंपराओं और रीति-रिवाजों को बनाए रखने के लिए सिंधारा का महत्वपूर्ण योगदान होता है ।
Shravani Teej Saraipali : अग्रवाल महिल मंडल अध्यक्षा श्रीमती बीना अग्रवाल, बबीता अग्रवाल ,सुजाता अग्रवाल , कुमारी सुरभि अग्रवाल ,कोमल अग्रवाल , सीमा अग्रवाल , प्रतिभा अग्रवाल एवम पल्लवी अग्रवाल ।गौण ब्राम्हण महिला समाज से रेणु शर्मा , राधा शर्मा सरिता ,मंजू शर्मा , मीना शर्मा अंजू शर्मा , सुचिता शर्मा , प्रेम शर्मा व तृप्ति शर्मा के साथ ही अनेक महिलाओं द्वारा तीजा त्योहार मनाया गया ।