राजकुमार मल
Bhatapara Market : सिमट रहा बारीक धान की खेती का रकबा
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Bhatapara Market : भाटापारा- बिहार से एचएमटी, महाराष्ट्र से सियाराम और पश्चिम बंगाल से आ रहा है विष्णुभोग धान। चावल बनाने वाली इकाइयों ने यह व्यवस्था इसलिए बनाई हुई है क्योंकि प्रदेश में बारीक धान की खेती का रकबा लगातार घट रहा है। असर कमजोर होती आवक के रूप में देखा जा रहा है।
समर्थन मूल्य के हर बरस बढ़ते जाने की स्थितियों को देखते हुए तय माना जा रहा था कि बारीक धान की खेती का रकबा कम होगा। यह अब स्पष्ट रूप से प्रांगण में तेजी से इस प्रजाति की कम होती आवक से महसूस किया जा रहा है। इसलिए बारीक चावल बनाने वाली ईकाइयों ने फौरी राहत के लिए नई व्यवस्था के तहत काम करना चालू कर दिया है।
इसलिए घट रहा रकबा
महंगा बीज, अनिश्चित मानसून, अपर्याप्त सिंचाई, समय पर मजदूरों का नहीं मिलना। अंत में कीट प्रकोप जैसी व्याधियाँ बारीक धान की खेती में प्रति एकड़ लागत हर साल बढ़ा रही है। अंतिम कील वह मानी गई जिसमें मोटा धान का समर्थन मूल्य बढ़ा दिया गया। यह सब ऐसे कारक माने जा रहे हैं, जिसने इन सभी से मिलकर बारीक धान की खेती से किसानों को अलग किया हुआ है।
संकट में इकाइयां
कमजोर आवक के बाद बारीक चावल बनाने वाली इकाईयां दैनिक संचालन में आ रही बाधा दूर करने के लिए अब बिहार, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल से एचएमटी, सियाराम और विष्णु भोग धान की खरीदी कर रहीं हैं। खरीदी की मात्रा क्रमशः बढ़ाने की योजना पर गंभीरता से इसलिए विचार किए जाने के संकेत हैं क्योंकि नई फसल में इन प्रजातियों की हिस्सेदारी बीते साल से और भी कम होने के आसार हैं।
जरूरत प्रोत्साहन नीति की
बारीक धान के घटते रकबे से चिंतित बारीक चावल बनाने वाली इकाईयों का मानना है कि धान की खेती में अब फौरन नीतिगत बदलाव की जरूरत है। ऐसी योजना बनाई जानी चाहिए, जिससे बारीक धान की खेती करने वाले किसानों को प्रोत्साहन मिले। यह समर्थन मूल्य की तर्ज में ऐसे किसानों तक पहुंचाया जा सकता है। इससे बारीक धान का घटता रकबा कम किया जा सकेगा और चावल मिलों की निर्भरता बाहरी राज्यों पर से कम की जा सकेगी।
ऐसे हैं भाव
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कारोबारी सप्ताह के दूसरे दिवस प्रांगण में एचएमटी धान 2800 से 3000 रुपए, सियाराम 3000 से 3200 और विष्णु भोग में 3400 से 3600 रुपए क्विंटल पर सौदे हुए। मोटा धान में महामाया 2300 से 2350 रुपए और सरना में 2050 से 2070 रुपए क्विंटल पर बोली लगी।