cancer screening : गर्भाशय के मुख और ग्रीवा के कैंसर की स्क्रीनिंग के लिए दिया प्रशिक्षण
Cancer screening : राजनांदगांव। गर्भाशय के मुख और ग्रीवा के कैंसर की स्क्रीनिंग के लिए एनपीसीडीसीएस राज्य स्तरीय कार्यक्रम के अंतर्गत चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग व शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय राजनांदगांव के द्वारा चार दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम मेडिकल कॉलेज के प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग में किया गया। इस दौरान कैंसर रोग की गंभीरता, लक्षण, कारण तथा इससे बचाव संबंधी उपायों की भी जानकारी दी गई।
Cancer screening : प्रशिक्षण के दौरान 120 सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों को वीआईए एवं पेप स्मियर पद्धति द्वारा हैंड्स ऑन प्रशिक्षण दिया गया। साथ ही स्क्रीनिंग के अतिरिक्त प्रशिक्षार्थियों को कैंसर से बचाव के लिए एचपीवी टीका के बारे में जानकारी दी गई। कार्यक्रम में जूनियर रेसीडेंट डॉ. मोनिका, इंटर्न डॉक्टर्स सिस्टर किरण साहू व मंजरी बाई ने विशेष सहयोग किया।
इस संबंध में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अशोक कुमार बसोड़ ने बतायाः कैंसर या कर्क रोग को गंभीर रोगों की श्रेणी में गिना जाता है, हालांकि समय पर इलाज कराया जाए तो इस रोग से पीड़ित व्यक्ति की जान बचाई जा सकती है।
Cancer screening : कैंसर पर नियंत्रण तथा इस रोग से बचाव के लिए जिले में कई कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। लोगों को कैंसर रोग के कारण, लक्षण व बचाव की जानकारी दी जा रही है। इसी क्रम में चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग व शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय राजनांदगांव के द्वारा चार दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम मेडिकल कॉलेज के प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग में किया गया।
वहीं प्रशिक्षण कार्यक्रम में मेडिकल कॉलेज की प्राध्यापक व विभागाध्यक्ष डॉ. मीना आरमो ने बतायाः असंतुलित जीवनशैली की वजह से महिलाओं में कैंसर रोग होने का आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन शुरुआत में ही बीमारी के लक्षणों को भांपकर इलाज कराने से इस बीमारी को ठीक भी किया जा सकता है।
कैंसर रोग से बचाव के लिए सबसे पहले इसके लक्षणों को जानना जरूरी होता है, ताकि जल्द से जल्द बीमारी का पता लगाया जा सके और उचित इलाज किया जा सके। साथ ही उन्होंने महिलाओं को होने वाले कैंसर के विषय में विस्तृत जानकारी दी।
सर्वाइकल या गर्भाशय ग्रीवा कैंसर
Cancer screening : गर्भाशय ग्रीवा कैंसर में आमतौर पर महिलाओं की माहवारी में बदलाव नजर आते हैं। साथ ही मेनोपॉज (रजोनिवृत्ति) के बाद भी ब्लीडिंग हो सकती है या योनि से डिस्चार्ज जिसमें कि सफेद पानी के साथ ज्यादा दुर्गंध आने की समस्या हो सकती है। ऐसे में अगर ये तमाम लक्षण महसूस हो तो तुरंत अपने डॉक्टर से परामर्श लें। इसमें सर्विक्स के कुछ सेल्स निकालकर टेस्ट किया जाता है।
ओवेरियन या अंडाशय का कैंसर
ओवेरियन कैंसर में महिलाओं के ओवरिज में सिस्ट (गांठ) बन जाती है, जिसके कारण कई बार गर्भाशय और फेलोपियन ट्यूब्स (अंडवाहिनी नलिका) खराब हो सकती हैं। इस कैंसर के कारण गर्भधारण आमतौर पर बहुत चुनौतीपूर्ण होता है। इस कैंसर को जल्दी पहचानना बेहद जरूरी है, अन्यथा शरीर की कई समस्याएं और बढ़ सकती हैं। इसमें पेट में सूजन, पेट में दबाव और दर्द, बार-बार पेशाब और मासिक धर्म में अनियमितता जैसे लक्षण महसूस होते हैं।
Cancer screening : कैंसर के लक्षणों को ऐसे पहचानें
० दवाओं से आराम ना मिलना।
० सामान्य संक्रमण से ज्यादा दिनों तक लक्षणों का रहना।
० महिलाओं में प्रसूति संबंधी समस्याओं का बढ़ जाना।