युवा व सक्रिय नेता पहली पसंद
सामान्य महिला सीट होने से महिलाओं में उत्साह
दिलीप गुप्ता-
सरायपाली। आगामी कुछ दिनों बाद नगरपालिका परिषद में नगरीय चुनाव हेतु अध्यक्ष व पार्षदों का चुनाव सीधे मतदाता करेंगे । इस चुनाव को लेकर जहां राजनैतिक व जोड़तोड़ की गतिविधीयाँ प्रारम्भ हो गई है तो वही मतदाताओं में भी उत्साह है । अध्यक्ष व पार्षदों के चुनाव हेतु आरक्षण की प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद कई दावेदारों को झटका लगा है अब वे नए व सुरक्षित वार्डो की तलाश में जुट गए हैं । अनेक दावेदारों को पार्टी मुख्यालय व नेताओ को टिकिट के लिए चक्कर लगाते देखा जा सकता है । सरायपाली नगर अध्यक्ष की सीट सामान्य महिला के लिए आरक्षित हो जाने से पुरुष दावेदारों को भारी झटका लगा है । अब वे चुनाव तो लड़ नही सकते पर इसके लिए अपनी पत्नियों को आगे कर पीछे से सत्ता सुख भोगने के सपने संजोए हुवे हैं । कुछ तो दावेदार ऐसे भी हैं जिन्हें काफी वर्षो से भ्रष्टाचार कर मलाई खाने की आदत पड़ गई है वे अब सीधे हिस्सेदारी तो नही निभा सकते पर अपनी पत्नी की आड़ लेकर जरूर नगरपालिका में कब्जा जमा सकने की जुगत में हैं । क्योंकि इसके पहले भी वे ऐसा कर चुके हैं । अभी तक यह देख गया है कि सरकार महिला सशक्तिकरण के लिए आरक्षण के साथ ही अन्य सुविधाएं महिलाओं को राजनीति व अन्य क्षेत्रो में सक्रिय भागीदारी मिल सके इसके लिए भरपूर प्रयास तो करती है पर राजनैतिक दबाव के चलते वे स्वयं होकर कोई स्वतंत्र निर्णय नही ले पाती हैं । अनुभव की कमी व अज्ञानता का फायदा उनके पतियो को उठाते देखा गया गया है । पत्नी नाम की अध्यक्ष या सरपंच होतीं है उनके आड़ में उनके पतिदेव ही सत्ता चलाते व संभालते हैं ।
नगरपालिका सरायपाली में इस बार अध्यक्ष पद हेतु सामान्य महिला सीट के लिए आरक्षित है । इसलिए दावेदारों व प्रत्याशियों की संख्या भी निश्चित रूप से अधिक होगी । नगरपालिका गठन के बाद यह अध्यक्ष पद हेतु 7 वां चुनाव होगा तो वही दो बार कार्यवाहक अध्यक्ष बन चुके हैं ।
नगरपंचायत गठन के बाद सर्वप्रथम स्व.श्री नागरमल अग्रवाल को कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में मनोनीत किया गया था । उसके बाद स्व.वीरेंद्र कुमार सिंह , स्व.गोपकँहाई पटेल , श्रीमती शानी बग्गा , चंद्रकुमार पटेल , श्रीमती सरस्वती पटेल व अमृत पटेल ने अध्यक्ष पद संभाला । कुछ दिनों पूर्व तक अविश्वास प्रस्ताव में अमृत पटेल के हटने के बाद पुनः चंद्रकुमार पटेल को कार्यवाहक अध्यक्ष के रूप में मनोनीत किया गया । अध्यक्ष पद हेतु एक ही परिवार के पिता , पुत्र व पति पत्नी अध्यक्ष बनाये गए । तो वही चारो वॉर्ड न.13 निवासी रहे । उपाध्यक्ष पद पर श्रीमती सुशीला पटेल भी 2 बार इसी वार्ड से चुनी गई । ये सभी पिछड़ा वर्ग का प्रतिनिधित्व करते हैं ।
एक ही वार्ड से एक ही परिवार व एक ही वर्ग के लगातार अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पद पर चुने जाने के बाद मतदाताओं में इस बार परिवर्तन की लहर के साथ साथ नाराजगी भी दिखाई दे रही है ।नगरवासी व मतदाता लगातार एक ही परिवार , एक ही वार्ड व एक ही वर्ग के बारबार चुने जाने से नाराज होकर इस बार युवा नेत्री के साथ साथ नगरवासियो से लगातार संपर्क में रहने वाले , नगर का सर्वांगीण विकास व उनके सुख दुख में साथ देने वाले चेहरे की तलाश में हैं । अब मतदाता व नगरवासी वही घिसे पिटे व पुराने चेहरों को देखना नही चाहती । इन लोगों के कार्यकालों में लोगो को सुविधाएं कम व परेशानियों का सामना अधिक करना पड़ा है । नगर में चर्चा है कि एक सम्पन्न अध्यक्ष के काम नहीं करने व कोई विशेष उपलब्धि का कार्य नही किये जाने तो वही पूर्व में आर्थिक रूप से बेहद कमजोर व बाद में करोड़पति बनने वाले नपाध्यक्ष के कार्यकालों में भ्रष्टाचारों व अनियमितताओं की झड़ी लगाने वाले चेहरों को अब दोबारा इस पद पर बैठते देखना जनता नही चाहती । नगर के सभी निर्माण व विकास कार्यो मे गुणवता विहीन कार्य , भारी अनियमितता व भ्रष्टाचार को नगरवासी अभी भी याद करते हैं । अपने कार्यकाल के दौरान अपनो को दुर रखने , पार्टी कार्यकर्ताओ को नही पूछने व हमेशा चापलूसों व दलालों से घिरे रहने के आरोप इन पर लगते रहें है । पूर्व अध्यक्षो द्वारा पैसों की ताकत पर पुनः अपनी अपनी पार्टी से टिकट लेने का भरपूर प्रयास किया जा रहा है । लॉबिंग भी करवाई जा रही है । पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यदि दोनों राष्ट्रीय पार्टियों द्वारा दोबारा इन्हें टिकिट दिए जाने की स्थिति में काफी विरोध व आक्रोश का सामना तो करना ही पड़ेगा साथ ही किसी भी कार्यकर्ताओ द्वारा चुनाव प्रचार इनके पक्ष में किया जायेगा इसकी भी संभावना कम दिखाई देती है । पार्टी व पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ ही नगरवासी व मतदाताओं में भी यही भावना धर कर गई है ।
इस तरह की स्थिति दोबारा निर्मित न हो इस हेतु नगर अध्यक्ष के लिए नगरवासी ऐसे चेहरे को खोज रही है जो युवा नेत्री , जनहित में भ्रष्टाचार मुक्त व नगरविकास में ही ध्यान दे सके । आगामी 19 – 20 जनवरी को संभव हो कि चुनाव की घोषणा हो जाये व आचार संहिता भी लागू होने की संभावना भी है।