हिंगोरा सिंह-
अंबिकापुर । भारतीय रिज़र्व बैंक, भारत सरकार द्वारा ढाले गए सिक्कों को प्रचलन में लाता है। इन सिक्कों की विशिष्ट विशेषताएं हैं। जनता की लेन-देन की जरूरतों को पूरा करने के लिए नए मूल्यवर्ग के सिक्के और विभिन्न विषयों – आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक – को प्रतिबिंबित करने के लिए नए डिजाइन वाले सिक्के समय-समय पर पेश किए जाते हैं। चूंकि सिक्के लंबे समय तक प्रचलन में रहते हैं, इसलिए विभिन्न डिज़ाइन और आकार के सिक्के एक ही समय में प्रचलन में रहते हैं। वर्तमान में, विभिन्न आकार, थीम और डिज़ाइन के 50 पैसे, ₹ 1/-, 2/-, 5/- और 10/- मूल्यवर्ग के सिक्के प्रचलन में हैं।
यह पाया गया है कि कुछ हलकों में ऐसे सिक्कों की वास्तविकता के बारे में संदेह है, जिसके परिणामस्वरूप कुछ व्यापारियों, दुकानदारों और जनता के सदस्यों द्वारा सिक्कों को स्वीकार करने में अनिच्छा पैदा हो गई है। इससे देश के कुछ हिस्सों में सिक्कों के मुक्त उपयोग और प्रसार में बाधा उत्पन्न हुई है।
वर्तमान में, 50 पैसे, ₹ 1/-, 2/-, 5/- और 10/- मूल्यवर्ग के सिक्के समस्त भारतवर्ष में प्रचलन में हैं व सरगुजा जिले में कार्यरत व्यापारियों, दुकानदारों और जनता द्वारा इन्हें स्वीकार करने से इंकार नहीं किया जा सकता है।
जिला प्रशासन सरगुजा जनता से अपील करता है कि वे ऐसी अफवाहों पर ध्यान न दें और बिना किसी हिचकिचाहट के अपने सभी लेनदेन में इन सिक्कों को वैध मुद्रा के रूप में स्वीकार करना जारी रखें।