फूल की पहचान खुशबू से-व्यक्ति की पहचान उसके व्यक्तित्व से होती है – जन्मजय

पाटसेन्द्री के कृषक उच्चतर विद्यालय ने आयोजित हुआ कार्यक्रम

सरायपाली- कृषक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पाटसेन्द्री के राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई का सात दिवसीय विशेष शिविर ग्राम-कोकड़ी के शासकीय शाला प्रांगण में किया गया है।चतुर्थ दिवस के बौद्धिक कार्यक्रम में मुख्य अतिथि एवं मुख्य मुख्य वक्ता के रूप में वंदेमातरम् सेवा संस्थान छत्तीसगढ़ के उपाध्यक्ष एवं गोपनाथ आश्रम विद्यालय के संचालक प्रखर वक्ता जन्मजय नायक उपस्थित थे।कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथि परिचय एवं स्वागत के साथ मां सरस्वती,मां भारती एवं रासेयो के प्रतीक पुरूष स्वामी विवेकानंद जी के तैलीय चित्र के समक्ष धूप-दीप-पुष्प तथा श्रीफल समर्पित कर किया गया। तत्पश्चात रासेयो के छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना प्रस्तुत की गई।बौद्धिक परिचर्चा कार्यक्रम में निर्धारित विषय “व्यक्तित्व विकास” पर मुख्य वक्ता की आसंदी से कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जन्मजय नायक ने कहा-जैसे एक फूल की पहचान उसकी खुशबू से की जाती वैसे ही व्यक्ति की पहचान उसके व्यक्तित्व से की जाती है।हमारा व्यक्तित्व ही हमारी पहचान,हमारी छवि होती है।सिर्फ किताबी पढ़ाई नहीं,बल्कि प्रभावशाली व्यक्तित्व के लिए जिंदगी की समझ जरूरी तथाअच्छा व्यक्तित्व और चरित्र को बनाने में सालों लग जाते हैं।वो इंसान बनो जो चेहरे से नहीं;दिल से खूबसूरत हो तथाअपने व्यक्तित्व और व्यवहार को खूबसूरत बनाओ।
नायक ने आगे कहा जो व्यक्ति प्रभावी व्यक्तित्व के यहाँ जन्म ले,यह उसके लिए वरदान है,जो खुद से अपने व्यक्तित्व को प्रभावी बनाए और सब पर अपनी छाप छोड़ जाए यह उसकी उपलब्धि है।नायक ने व्यक्तित्व विकास के कई टिप्स सुझाते हुए शेरो-शायरी,गीतों के अंदाज तथा प्रखर एवं ओजस्वी वक्तव्य से खूब तालियाँ बटोरते हुए सबको मंत्रमुग्ध कर दिया।कार्यक्रम को सेजेस भँवरपुर विद्यालय के शिक्षक दुर्गाप्रसाद पटेल ने भी संबोधित किया।इस अवसर पर रासेयो के कार्यक्रम अधिकारी सोमेश्वर नायक,सहायक चेतन कुमार पटेल,गुणसागर पटेल शिक्षक द्वय सह ग्रामीण जन एवं छात्र-छात्राएँ उपस्थित थे।