फिर भी शांत है, बंदनवार का बाजार
राजकुमार मल
भाटापारा- स्वागतम 10 से 110 रुपए में। शुभ-लाभ की आकांक्षा रखने वालों को भी इतने ही पैसे निकालने होंगे। बीते साल जैसी ही है, बंदनवार की कीमत लेकिन उपभोक्ता खरीद लगभग शून्य ही है, जबकि त्यौहार के लिए महज दो ही दिन शेष है।
बंदनवार की दुकानों में भीड़ तो खूब है लेकिन खरीदी वैसी नहीं निकल रही है, जैसी होनी चाहिए। बेहतर खरीदी की उम्मीद अब छोड़ रहीं हैं दुकानें। बस एक ही चिंता- लगाई गई पूंजी की वापसी कैसे की जा सकेगी ? यह इसलिए क्योंकि कीमत कम करके मांग बढ़ाने के प्रयास भी अब असफल होते नजर आ रहे हैं।
स्वागतम 10 से 110 रुपए में
लुभा रहीं हैं बंदनवार की डिजाइनें। लेकिन पहली पूछ स्वागतम के लिए हो रही है। कीमत न्यूनतम 10 रुपए और अधिकतम 110 रुपए। फिर भी अपेक्षित मांग नहीं है। शुभ-लाभ में भी औपचारिक खरीदी बनी हुई है। इसकी भी कीमत लगभग स्वागतम जितनी ही है लेकिन अब भी मांग नहीं निकल रही है। लिहाजा बंदनवार की दुकानें नए उपाय खोज रही हैं कि कैसे उपभोक्ता मांग को बढ़ाया जाए ?
द्वार सजाईये 10 से 800 रुपए में
विशाल रेंज है बंदनवार में। इसी तरह हर क्रय शक्ति वर्ग के उपभोक्ताओं की पसंद के लिए अवसर और विकल्प हैं। इसलिए यह काउंटर अपनी और आकर्षित कर रहा है। द्वार सजाने वाली यह सामग्री 10 रुपए से लेकर 800 रुपए तक की कीमत में उपलब्ध है। साथ ही खरीदे जा रहे हैं झालर। इसमें शुरुआती कीमत 10 रुपए और अंतिम कीमत 1500 रुपए तक बताई जा रही है। ग्रामीण खरीदी का रुझान इसमें बढ़त की ओर है।
उपभोक्ता खरीद शून्य
दीपावली की खरीदी करने निकल रहे उपभोक्ताओं से बाजार में भीड़ तो खूब है लेकिन खरीद बंदनवार में लगभग नहीं के बराबर है। चिंता में हैं, बंदनवार विक्रय करने वाली दुकानें क्योंकि त्यौहार के लिए महज 2 दिन रह गए हैं। अभी नहीं, तो कब निकलेगी मांग और खरीदी ? हाल ऐसे ही बने रहे, तो बेहतर कारोबार की आस से लगाई पूंजी की वापसी कैसे की जा सकेगी?
बंदनवार की कीमत बीते साल जैसी ही है। डिजाइन और वेरायटियां तो खूब हैं लेकिन खरीदी लगभग शून्य है।