Bilaspur: बिलासपुर को 5 साल में नहीं मिला वैकल्पिक मार्ग

बिलासपुर को 5 साल में नहीं मिला वैकल्पिक मार्ग

हाईकोर्ट रोड पर बढ़ा यातायात का दबाव, 16 करोड़ में दूसरी सडक़ बनाने की है योजना

बिलासपुर। बिलासपुर में लगातार ट्रैफिक का दबाव बढ़ रहा है, जिससे आए दिन सडक़ पर जाम की स्थिति बन जाती है। हाईकोर्ट रोड पर यातायात व्यवस्था सुधारने और लोगों को वैकल्पिक मार्ग की सुविधा उपलब्ध कराने की योजना बनाई गई, लेकिन बजट में शामिल इस प्रस्ताव को अब तक स्वीकृति नहीं मिल पाई है, जिसके चलते काम शुरू नहीं हो सका है।

सडक़ निर्माण के लिए 16 करोड़ रुपए का प्रस्ताव तैयार कर स्वीकृति के लिए राज्य शासन को भेजा गया है। कलेक्टर अवनीश शरण ने प्रस्तावित रोड का निरीक्षण कर लोक निर्माण विभाग के अफसरों को एक सप्ताह में प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।

रायपुर रोड पर जाम की स्थिति बन जाती है
दरअसल, रायपुर से बिलासपुर आने के लिए एकमात्र नेशनल हाइवे है। इसके अलावा कोई वैकल्पिक मार्ग नहीं है। इसके चलते इस रोड पर सुबह से लेकर रात तक ट्रैफिक का दबाव बढ़ जाता है। इसी रोड पर हाईकोर्ट के जजों का भी आना-जाना रहता है। ऐसे में सुबह और शाम को रायपुर रोड पर जाम की स्थिति बन जाती है। इसके अलावा व्यापार विहार स्थित मालधक्का में भारी वाहनों की आवाजाही भी होती रहती है, जिसके कारण नो एंट्री में भी उन्हें आना-जाना करना पड़ता है। हालांकि, जिला प्रशासन ने दिन के समय में भारी वाहनों के शहर में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है। बावजूद इसके भारी वाहनों की आवाजाही होती रहती है।
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5 साल पहले घुरू-अमेरी रोड के चौड़ीकरण करने बनी थी योजना
अव्यवस्थित यातायात को सुधारने के लिए तत्कालीन विधायक शैलेष पांडेय के निर्देश पर लोक निर्माण विभाग ने रायपुर-बिलासपुर को जोडऩे वाली नेशनल हाईवे के अलावा वैकल्पिक मार्ग शुरू करने की योजना बनाई थी। तब उन्होंने घुरू-अमेरी से लेकर यदुनंदननगर तिफरा तक सडक़ चौड़ीकरण करने का प्रस्ताव रखा था। उस समय भी विभाग के अफसरों ने प्रस्ताव बनाकर राज्य शासन को भेजा था। लेकिन, इसकी स्वीकृति नहीं मिल पाई। अब कलेक्टर अवनीश शरण के निर्देश पर नए सिर से प्रस्ताव बनाकर फिर से भेजा गया है। इसके लिए 16 करोड़ रुपए स्वीकृत करने की मांग की गई है।

3.5 किमी सडक़ होगा 7 मीटर चौड़ा
प्रपोजल के अनुसार इस सडक़ में करीब 3.5 किलोमीटर तक सात मीटर चौड़ाई रहेगी। इस रोड के बनने पर मंगला, तखतपुर सहित शहर के एक बड़े हिस्से के लोगों को राहत मिलेगी और आवागमन करने के लिए उन्हें वैल्पिक मार्ग मिलेगा। इससे जाम की समस्या से भी मुक्ति मिलेगी। साथ ही मुख्य रोड पर यातायात का दबाव कम होगा।

मुआवजा देने के लिए स्टीमेट बनाने दिए निर्देश
कलेक्टर अवनीश शरण ने प्रस्तावित सडक़ का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि एलाईनमेन्ट ऐसा हो कि ज्यादा लोगों को विस्थापित करने की जरूरत न पड़े। सडक़ निर्माण की सीमा में आने वाले प्रभावित लोगों को नियमानुसार मुआवजा देने के लिए प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने इसके लिए तहसीलदार को रोड चौड़ीकरण से प्रभावित होने वाले लोगों का सर्वे कर एक सप्ताह में प्रतिवेदन भेजने के निर्देश दिए। इस दौरान नगर निगम आयुक्त अमित कुमार, तहसीलदार अश्विनी कंवर, पीडब्ल्यूडी के ईई वीएनके शास्त्री सहित निगम के जोन कमिश्नर मौजूद रहे।

इसलिए जरूरी है यह सडक़
बिलासपुर शहर प्रदेश का दूसरा बड़ा शहर है। यहां प्रवेश के लिए रायपुर, भाटापारा, मुंगेली, बेमेतरा सहित आसपास के क्षेत्र से आने वाले लोगों के लिए वैकल्पिक मार्ग की जरूरत महसूस की जा रही है। अभी तिफरा से उसलापुर जाने वाले भारी वाहनों को महाराणा प्रताप चौक से रिंग रोड होते हुए उसलापुर की ओर आना पड़ता है। इसके बनने से 3 किमी की दूरी कम हो जाएगी।

60 हजार की आबादी को मिलेगा फायदा
सडक़ बनने के बाद तिफरा से लेकर अमेरी तक 60 हजार की आबादी को इसका फायदा मिलेगा। इनमें तिफरा 35 हजार, घुरू 5 हजार और अमेरी की जनसंख्या करीब 20 हजार है। वर्तमान में रायपुर मार्ग से आकर उसलापुर की ओर जाने वाले वाहन महाराणा प्रताप चौक से घूमकर आते हैं, लेकिन बायपास सडक़ बनने के बाद कम समय में वे इस मार्ग से आना-जाना कर सकेंगे।

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