राजकुमार मल
Bhatapara Latest News : प्रोपगेशन – ट्रे में तैयार होंगे पौधे … सब्जी किसानो के लिए आई नई विधि
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Bhatapara Latest News : भाटापारा – सब्जी की फसल लेने वाले किसानों के लिए अच्छी खबर l अब प्रोपगेशन – ट्रे या सीडलिंग – ट्रे में पौधे तैयार किए जा सकेंगे l यह विधि लागत तो कम करेगी ही, साथ ही खरपतवार जैसी समस्या से भी छुटकारा दिलाएगी l
विदा लेते मानसून के बीच अब सब्जी उत्पादक किसानों को अगली बारिश तक न केवल सिंचाई पानी का पक्का इंतजाम करना होगा बल्कि खरपतवार नियंत्रण की तैयारी भी रखनी होगी l व्यय की जाने वाली रकम और आ रही दिक्कत को ध्यान में रखते हुए सब्जी वैज्ञानिको ने एक ऐसी विधि खोज निकाली है, जिसकी मदद से न केवल खरपतवार को काबू में रखा जा सकेगा बल्कि बेहद कम पानी में सब्जी फसलों की नर्सरी भी तैयार की जा सकेगी l
यह है प्रोपगेशन – ट्रे
प्रोपगेशन – ट्रे या सीडलिंग – ट्रे l 50 सेंटीमीटर लंबी और 30 सेंटीमीटर चौड़ी होती है प्लास्टिक की ट्रे l इसमें 100 से 104 कप के आकार बनाने होंगे l प्रति कप की गहराई 0.5 से 0.6 सेंटीमीटर रखनी होगी l इसमें मिटटी, परलाइट, वर्मीक्यूलाइट और कोकोपीट की सामान मात्रा मिलाकर डालना होगा l तैयार मिश्रण के बाद बीज डाले जा सकेंगे l स्प्रेयर से पानी का छिड़काव करना होगा l
बेहतर परिणाम इनमे
प्रोपगेशन – ट्रे या सीडलिंग – ट्रे में शिमला मिर्च, प्याज, बैगन, पत्तागोभी और टमाटर के पौधे समय पर तैयार करने में सफलता मिली है l इस परिणाम के बाद अन्य सब्जी फसलों के लिए भी प्रयास किए जा रहें हैं ताकि सब्जी किसानो को अधिक से अधिक लाभ पहुचाया जा सके l
होगा यह लाभ
खरपतवार, कीट प्रकोप और ज्यादा सिंचाई पानी की जरूरत l बड़ी मुसीबत बनते हैं यह तीनों l नई विधि को इन तीनों समस्या से लगभग छुटकारा पाने वाला बताया गया है l यह इसलिए क्योंकि खरपतवार नहीं के बराबर होते हैं, तो कीट प्रकोप की संभावना नहीं होती l स्प्रेयर से पानी डालने से कम पानी की जरूरत पड़ती है l
अतिरिक्त लाभ
समय के पूर्व सब्जी फसल के लिए इस विधि से तैयार पौधे बेचे भी जा सकेंगे l सब्जी किसानों के साथ निजी क्षेत्र की नर्सरियां भी नई विधि का लाभ उठाकर चुनिन्दा प्रजाति की सब्जी के पौधे तैयार कर सकेंगे l मालूम हो कि अनुसंधान में इस विधि से तैयार पौधों की उत्पादन क्षमता में वृद्धि का खुलासा हुआ है l
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Bhatapara Latest News : प्रो ट्रे तकनीक में कोकोपीट जैसे – मिट्टी रहित माध्यम को भरकर उसमें बीजों को लगाने से खरपतवार उगने की समस्या नहीं होती है, एवं मृदा जनित रोगों तथा कीटों का प्रकोप भी नहीं होता, जिससे पौधे स्वस्थ एवं तंदुरुस्त तैयार होते हैं।
पुष्पालता तिर्की, सहायक प्राध्यापक (उद्यान), बीटीसी कॉलेज ऑफ़ एग्रीकल्चर एंड रिसर्च स्टेशन, बिलासपुर