रमेश गुप्ता
National Steel Conference : 29 अगस्त से भिलाई में राष्ट्रीय इस्पात सम्मेलन
National Steel Conference : दुर्ग ! छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में स्थित सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र (बीएसपी) की इस्पात नगरी भिलाई में 29 एवं 30 अगस्त को आयरन एंड स्टील रिव्यूव मैग्ज़ीन-कोलकाता, इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेटल्स (आई आई एम) एवं भिलाई चैप्टर एवं इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया) भिलाई सेंटर की ओर से संयुक्त रूप से, ‘भारतीय इस्पात सम्मेलन (इंडियन स्टील कॉन्फ्रेंस): डीकार्बोनाइजेशन और आधारभूत संरचना के विकास का महत्व और भूमिका’ नामक एक राष्ट्रीय इस्पात सम्मेलन आयोजित की जाएगी। यह दो दिवसीय सम्मेलन सिविक सेंटर स्थित महात्मा गाँधी कला मंदिर, भिलाई एवं भिलाई निवास में आयोजित की जा रही है। इसमें भाग लेने वाले सभी कंपनियों की सहमति प्राप्त हो चुकी है।
यह सम्मलेन कुल नौ सत्रों में आयोजित किया जायेगा। इस सम्मेलन का शुभारंभ 29 अगस्त को, सिविक सेंटर कला मंदिर भिलाई में होगा। उद्घाटन के पूर्व 29 अगस्त को कला मंदिर भिलाई में 08:30 से 09:30 बजे तक सभी प्रतिनिधियों का पंजीकरण किया जायेगा। इस सम्मेलन का प्रथम भाग कला मंदिर में तथा 30 अगस्त को दूसरा भाग जिसमें आपूर्तिकर्ताओं की बैठक (सप्लायर मीट) होगी, वह भिलाई निवास में आयोजित की जायेगी। इसके लिए भिलाई निवास में अपराह्न 2:00 से 2:30 बजे तक सप्लायर मीट के लिए पंजीकरण किया जायेगा। इस आयोजन में प्रतिभागी कंपनियों और आपूर्तिकर्ताओं द्वारा आयोजित प्रदर्शनी में अपने-अपने स्टॉल भी लगाये जायेंगे। यह प्रदर्शनी कला मंदिर परिसर में आयोजित की जा रही है।
इस सम्मेलन का उद्घाटन मुख्य अतिथि और अन्य अतिथियों की उपस्थिति में किया जायेगा। उद्घाटन समारोह में सम्मेलन की स्मारिका का अनावरण भी किया जायेगा।
साथ ही डी-कार्बोनाइजेशन और इंफ्रास्ट्रक्चर विकास का महत्व और भूमिका पर पैनल चर्चा भी की जायेगी। इसके दूसरे सत्र में इस सम्मेलन का मुख्य प्रतिवेदन दिया जायेगा। तीसरे, चौथे, पांचवे, छठे और सातवे सत्र में विभिन्न प्रतिभागी कंपनियों के प्रतिनिधियों द्वारा तकनीकी पेपर प्रस्तुत किये जायेंगे। सत्र के अध्यक्ष और प्रतिवेदक द्वारा इसका सारांश प्रस्तुत किया जाएगा। इन सत्रों में इस्पात उद्योग से सम्बंधित टेक्नोलॉजी से इस्पात की गुणवत्ता को बढ़ाने, भारतीय इस्पात क्षेत्र में पर्यावरण अनुकूल डीकार्बोनाइजेशन के विभिन्न पहल, संसाधन दक्षता, कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए रोड मैप, इस्पात निर्माण की प्रक्रिया में तापमान, दबाव, अनुकूलित गैस, विभिन्न तत्वों और घटकों का प्रभाव, संरचनात्मक अनुप्रयोग आदि विषय पर प्रस्तुति दी जायेगी और चर्चा कर भविष्य के लिए रणनीति तैयार की जायेगी।
National Steel Conference : इस सम्मेलन के आठवें और नौवें सत्र में सप्लायर मीट होगी, जिसमें सड़क निर्माण और पेवर ब्लॉक के निर्माण में एलडी स्लैग का अभिनव उपयोग सहित लौह और इस्पात उद्योग की समस्याओं के समाधान में भविष्य के रूप में इस्पात सूचना विज्ञान पर चर्चा भी की जायेगी। साथ ही एमएसीओ प्रस्तुति तथा ग्रीन सस्टेनेबिलिटी पर भी प्रकाश डाला जायेगा।
सम्मेलन में सेल के विभिन्न इकाईयों से वरिष्ठ अधिकारियों और प्रतिनिधियों सहित बीएसपी से 30 प्रतिनिधिगण हिस्सा लेंगे। साथ ही स्टील उद्योगों और टेक्नोलॉजी से सम्बंधित विभिन्न प्राइवेट कंपनियां और संस्थानों के अधिकारी एवं प्रतिनिधिगण भी शामिल होंगे। जिसमें व्हीआईएसएल, एनएमडीसी, जेएसडब्ल्यू, टाटा स्टील, मेकॉन, सेल- रिफैक्ट्री यूनिट, एसएमएस इंडिया, आरडीसीआईएस बीएसएल प्लांट सेंटर, सीएसआईआर-इंस्टीट्यूट ऑफ मिनरल्स एंड मटेरियल्स टेक्नोलॉजी, सेल सीईटी रांची, डेनियली इंडिया लिमिटेड,
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National Steel Conference : जगन्नाथ, एमओआईएल, सेल का लौह एवं इस्पात अनुसंधान एवं विकास केंद्र-आरडीसीआईएस रांची, सेल निगमित कार्यालय, सेल के विभिन्न इस्पात संयंत्रों बोकारों, दुर्गापुर, राउलकेला, इस्को, सेलम, एमईएल सहित प्राइमेटल्स टेक्नोलॉजीस इंडिया, मोनेट, जिंदल, इंस्टीट्यूट ऑफ मिनरल्स एंड मैटेरियल्स टेक्नोलॉजी (आईएमएमटी)-भुवनेश्वर, आईआईटी-भिलाई, एनआईटी- रायपुर आदि संगठनो सहित निजी लौह और इस्पात उत्पादक कंपनियों के प्रतिनिधि भी इस सम्मेलन में भाग लेंगे। इस सम्मेलन में लगभग 200 से अधिक प्रतिनिधियों के भाग लेने की सम्भावना है, जो दो दिनों तक लौह और इस्पात क्षेत्र में हो रहे आधुनिकीकरण, डीकार्बोनाइजेशन और बढती मांग एवं तकनीक पर गंभीर विचार विमर्श करेंगे।