वेद प्रताप वैदिक
yoga योग-दिवस मनाते हुए लोगों पर हमला, अजीब-सा हादसा
yoga मालदीव की राजधानी माले में एक अजीब-सा हादसा हुआ।
21 जून को yoga -दिवस मनाते हुए लोगों पर हमला हो गया।
काफी तोड़-फोड़ हो गई। कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया गया।
मालदीव में यह yoga-दिवस पहली बार नहीं मनाया गया था।
2015 से वहां बराबर योग-दिवस मनाया जाता है।
उसमें विदेशी कूटनीतिज्ञ, स्थानीय नेतागण और जन-सामान्य लोग होते हैं।
इन yoga-शिविरों में देसी-विदेशी या हिंदू-मुसलमान का कोई भेद-भाव नहीं किया जाता है।
इसके दरवाजे सभी के लिए खुले होते हैं।
यह योग-दिवस सिर्फ भारत में ही नहीं मनाया जाता है।
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यह दुनिया के सभी देशों में प्रचलित है, क्योंकि संयुक्तराष्ट्र संघ ने इस योग-दिवस को मान्यता दी है।
मालदीव में इसका विरोध कट्टर इस्लामी तत्वों ने किया है।
उनका कहना है कि योग इस्लाम-विरोधी है।
उनका यह कहना यदि ठीक होता तो संयुक्तराष्ट्र संघ के दर्जनों इस्लामी देशों ने इस पर अपनी मोहर क्यों लगाई है?
उन्होंने इसका विरोध क्यों नहीं किया?
क्या मालदीव के कुछ उग्रवादी इस्लामी लोग सारी इस्लामी दुनिया का प्रतिनिधित्व करते हैं?
सच्चाई तो यह है कि मालदीव के ये विघ्नसंतोषी लोग इस्लाम को बदनाम करने का काम कर रहे हैं।
इस्लाम का योग से क्या विरोध हो सकता है? क्या योग बुतपरस्ती सिखाता है?
क्या योगाभ्यास करने वालों से यह कहा जाता है कि तुम नमाज़ मत पढ़ा करो या रोजे मत रखा करो?
वास्तव में नमाज और रोज़े, एक तरह से योगासन के ही सरल रूप हैं। यह ठीक है कि योगासन करने वालों से यह कहा जाता है कि वे शाकाहारी बनें।
शाकाहारी होने का अर्थ हिंदू या काफिर होना नहीं है।
कुरान शरीफ की कौनसी आयत कहती है कि जो शाकाहारी होंगे, वे घटिया मुसलमान माने जाएंगे?
जो कोई मांसाहार नहीं छोड़ सकता है, उसके लिए भी योगासन के द्वार खुले हुए हैं। योग का ताल्लुक किसी मजहब से नहीं है।
यह तो उत्तम प्रकार की मानसिक और शारीरिक जीवन और चिकित्सा पद्धति है, जिसे कोई भी मनुष्य अपना सकता है।
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क्या मुसलमानों के लिए सिर्फ वही यूनानी चिकित्सा काफी है, जो डेढ़-दो हजार साल पहले अरब देशों में चलती थी? क्या उन्हें एलोपेथी, होमियोपेथी और नेचरोपेथी का बहिष्कार कर देना चाहिए?
बिल्कुल नहीं! आधुनिक मनुष्य को सभी नई और पुरानी पेथियों को अपनाने में कोई एतराज क्यों होना चाहिए?
इसीलिए यूरोप और अमेरिका में एलोपेथी चिकित्सा इतनी विकसित होने के बावजूद वहां के लोग बड़े पैमाने पर योग सीख रहे हैं, क्योंकि योग सिर्फ चिकित्सा ही नहीं है, यह शारीरिक और मानसिक रोगों के लिए चीन की दीवार की तरह सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम भी है।