UP STF : कुख्यात गैंगस्टर अनिल दुजाना एनकाउंटर में ढेर

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UP STF कुख्यात गैंगस्टर अनिल दुजाना एनकाउंटर में ढेर

UP STF लखनऊ। यूपी एसटीएफ ने कुख्यात गैंगस्टर अनिल दुजाना को एनकाउंटर में ढेर कर दिया है. आज मेरठ में जब ये मुठभेड़ हुई, तब गैंगस्टर अपनी गाड़ी से भागने का प्रयास कर रहा था. इसी दौरान स्कॉर्पियो कार खंबे से टकरा गई और अनिल दुजाना ने यूपी एसटीएफ को देखकर तड़ातड़ फायरिंग शुरू कर दी.

इसके जवाब में एसटीएफ ने भी फायरिंग की, जिसमें बदमाश ढेर हो गया. अनिल दुजाना पर पश्चिमी यूपी में 60 से अधिक मामले दर्ज हैं.ग्रेटर नोएडा के बादलपुर थाना क्षेत्र का रहनेवाला अनिल दुजाना आतंक का दूसरा नाम था और पश्चिमी उत्तर प्रदेश उसके नाम से थर्राता था. अनिल दुजानाके नाम से पुलिस भी कांपती थी और उसे कोर्ट में पेशी के दौरान बुलेटप्रूफ जैकेट और हाथों में हथकड़ी लगाकर ले जाती थी. अनिल दुजाना के ऊपर मर्डर के 18 केस समेत कुल 62 केस दर्ज थे ! अनिल दुजाना पर 75 हजार रुपये के इनाम था.

पुलिस का कहना है कि कार टकराने के बाद ही बदमाश ने फायरिंग की थी. पुलिस ने कुल 18 जगह मार्क की हैं, जहां गोली के निशान हैं. 10 से 12 गोली दुजाना की जेब से मिली हैं.यूपी एसटीएफ ने कुख्यात गैंगस्टर अनिल दुजाना उर्फ अनिल नागर को मेरठ में एक एनकाउंटर में मार गिराया है.

अनिल दुजाना की गैंगस्टर बनने की कहानी साल 2002 में शुरू हुई थी, जब उसके गांव के ही एक शख्स ने साइकिल चोरी का आरोप लगाकर उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी. एफआईआर के बाद पुलिस ने अनिल नागर को गिरफ्तार किया और यहीं से एक सीधे-सादे लड़के ने क्राइम की दुनिया में कदम रख दिया. जेल जाने के बाद उसने अपने नाम से नागर सरनेम हटा दिया और अपने गांव का नाम सरनेम में जोड़ लिया.

अनिल दुजाना ने जेल से निकलने के बाद पैसे लेकर जमीन पर कब्जा दिलाने और लूट की घटनाओं को अंजाम देना शुरू कर दिया. इसके साथ ही अनिल दुजाना लूट और रंगदारी मांगने म भी माहिर हो चुका था. इसके बाद एनसीआर समेत पश्चिमी यूपी में में अनिल दुजाना का नाम चलने लगा और इसी बीच उसका संपर्क गैंगेस्टर नरेश भाटी से हुआ !

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साल 2004 में गैंगस्टर नरेश भाटी को भारी सुरक्षा के बावजूद माफिया सुंदर भाटी ने मौत के घाट उतार दिया. इसके बाद उसके भाई रणदीप ने सुंदर भाटी की हत्या की कसम खा ली और इसमे उसकी मदद के लिए उसका मामा अमित कसाना सामने आया. अमित कसाना और अनिल दुजाना की अच्छी दोस्ती थी और इसी वजह से दोनों साथ आ गए. सुंदर भाटी को मारने के लिए साल 2012 अनिल दुजाना, अमित कसाना और रणदीप भाटी ने प्लान बनाया. तीनों ने गैंगस्टर सुंदर भाटी पर एके-47 से ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई, लेकिन वह बच निकला. इस घटना में तीन लोगों की मौत हुई थी.

इसके बाद अनिल दुजाना ने ग्रेटर नोएडा के खेड़ी गांव के प्रधान जयचंद की गोली मारकर हत्या कर दी, जिसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद वह जेल से ही अपना गैंग ऑपरेट करने लगा और सुंदर भाटी को मारने की प्लानिंग करने लगा. इस बीच साल 2014 में सुंदर भाटी गैंग ने अनिल दुजाना के छोटे भाई जय भगवान की गोली मारकर हत्या कर दी और दोनों गैंग के बीच गैंगवार बढ़ गया.

अनिल दुजाना ने साल 2019 में कोर्ट में पेशी के दौरान कोर्ट रूम में ही बागपत की रहने वाली पूजा को अंगूठी पहनाकर सगाई की थी. जब दुजाना को कोर्ट में पेश किया गया, तब पूजा दुल्हन की तरह तैयार होकर कोर्ट पहुंची और फिर दोनों ने एक-दूसरे को अंगूठी पहनाकर सगाई की. इसके 2 साल बाद 2021 में जब अनिल दुजाना जमानत पर रिहा हुआ तब उसने शादी की.

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