United Kisan Morcha राज्य एवं केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ सभी संगठन एकजुट होकर आवाज करें बुलंद

United Kisan Morcha

नितेश मार्क

United Kisan Morcha राष्ट्रीय आह्वान, जन विरोधी राज्य एवं केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ सभी संगठन एकजुट होकर बुलंद करें आवाज: किसान नेता :  संजय पंत

United Kisan Morcha दंतेवाड़ा !  सामाजिक कार्यकर्ता एवं भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष संजय पंत ने कहा कि 16 फरवरी 2024 को संयुक्त किसान मोर्चा और ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच द्वारा ग्रामीण भारत बंद तथा राष्ट्रीय औद्योगिक हड़ताल को सफल करने का आह्वान किया है।

सभी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारण्टी लागू करने, कोयला उत्खनन के लिए हसदेव अरण्य का विनाश बंद करने, मजदूरों को का‌‌ॅर‌पोरेट कंपनियों का गुलाम बनाने वाली चार श्रम संहिताओं को वापस लेने,
जल, जंगल, जमीन से आदिवासियों की बेदखली बंद करने, माओवाद के नाम पर निर्दोष आदिवासियों को प्रताड़ित करना बंद करने, ईवीएम से चुनाव में वीवीपेट पर्ची की गिनती अनिवार्य करने, गेल इण्डिया पाईप लाइन के प्रभावित किसानों को उचित मुआवजा देने की मांग की गई है।

साथियों,भारत एक कृषि प्रधान देश है जहां 60 प्रतिशत जनता प्रत्यक्ष रूप से तथा 30 प्रतिशत जनता अप्रत्यक्ष तौर पर खेती से जुड़ा हुई है। कोरोना काल में जब देश की अर्थव्यवस्था नकारात्मक 23 प्रतिशत की निचले स्तर पर थी वहां पर किसानों ने अपने उत्पादन के दम पर देश की अर्थव्यवस्था को संजीवनी प्रदान की।

परंतु विडम्बना यह है कि किसानों के हाथों से उत्पादन जब बिचौलियों के पास जाता है तब उनकी कीमतें बढ़ने लगती है और किसानों को उनका उत्पादन लागत भी वसूल नहीं होता है। ऐसी परिस्थिति में सभी फसलों के लिए सभी किसानों को स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के अनुरूप न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी मिलना अति आवश्यक है जो दिल्ली सीमाओं पर जारी किसान आंदोलन की प्रमुख मांग रही है।

United Kisan Morcha हाल ही में केंद्र की मोदी सरकार ने मरणोपरान्त कृषि वैज्ञानिक डॉ.एम एस स्वामीनाथन को भारत रत्न से नवाजा है परंतु न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी लागू करने से मुकर गये हैं, जबकि सी-2+50 प्रतिशत के हिसाब से न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी लागू करना सबसे बड़ा सम्मान होता।

मजदूरों को उनके हड़ताल अधिकार से वंचित करने, संगठित होने व यूनियन बनाने के अधिकारों पर हमला करते हुए कॉरपोट कंपनियों के हित में चार श्रम संहिता लागू किया गया है जिसके चलते मजदूरों के सामने सुरक्षित तथा स्थायी रोजगार का संकट पैदा हो गया है। बैंक, बीमा, हवाई, रेलवे जैसे सार्वजनिक क्षेत्रों का निजीकरण करने से रोजगार का अवसर समाप्त हो रहा है।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी है। मुख्यमंत्री स्वयं आदिवासी हैं परंतु सत्तासीन होते ही आदिवासियों के ऊपर दमन तेज हुआ है। अडाणी को कोयला देने के लिए 1 लाख 70 हजार हेक्टेयर में फैले हसदेव जंगल को काटा जा रहा है जिसका सीधा दुष्परिणाम यह होगा कि आदिवासी अपने रहवास से वंचित हो जायेंगे साथ पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी तंत्र का घोर विनाश होगा जो पूरे मध्य भारत का आक्सीजन दाता है।

 

United Kisan Morcha जल, जंगल, जमीन और पर्यावरण की रक्षा के लिए जारी आदिवासियों के आंदोलन को कुचला जा रहा है उनके साथ मारपीट की जा रही है एवं माओवाद के नाम पर फर्जी मामलों में फंसाया जा रहा है। माओवादी मुठभेड़ के नाम पर दूधमुंहे बच्ची की हत्या कर दी जाती है। साथियों, आज सभी मेहनतकश वर्गों, बुदि्धीजीवियों तथा प्रकृति प्रेमियों से हमारा आहृवान है कि आइये एक बार फिर जन आंदोलनों के लिए एकजुट होकर 16 फरवरी 2024 को संयुक्त किसान मोर्चा और ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच द्वारा ग्रामीण भारत बंद तथा राष्ट्रीय औद्योगिक हड़ताल सफल करें। भारतीय किसान यूनियन छत्तीसगढ़ (संयुक्त किसान मोर्चा)

संपर्क:-प्रदेश प्रभारी प्रवीण क्रांति 9977 096120, अध्यक्ष संजय पंत 8815 851735, महासचिव तेजराम विद्रोही 8959 6660 36• सभी फसलों की MSP पर खरीद की गारंटी का कानून बने।

• डॉ. स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के हिसाब से कीमत तय हो।• किसान- खेत मजदूर का कर्जा माफ हो पेंशन दी जाए।

• भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 दोबारा लागू किया जाए।

• लखीमपुर खीरी कांड के दोषियों को सजा दी जाए।• विद्युत संशोधन विधेयक 2020 को रद्द किया जाए।• मनरेगा में हर साल 200 दिन का काम, 700 रुपए दिहाड़ी दी जाए।

• किसान आंदोलन में मृत किसानों के परिवारों को मुआवजा, सरकारी नौकरी मिले।• नकली बीज, कीटनाशक दवाइयां व खाद वाली कंपनियों पर कड़ा कानून बनाया जाए।

 

Bharat Sankalp Yatra मुख्य अतिथि संतोष गुप्ता के उपस्थिति में संपन्न हुआ भारत संकल्प यात्रा

• मिर्च हल्दी एवं अन्य मसालों के लिए राष्ट्रीय आयोग का गठन किया जाए।• संविधान की 5 अनुसूची को लागू कर आदिवासियों की जमीन की लूट बंद की जाए।

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