Today’s almanac : आज का पंचाग 

Today's almanac

Today’s almanac : सोमवार 16 अक्टूबर 2023

 

Today’s almanac : 16 अक्टूबर 2023 दिन सोमवार को अश्विन मास के शुक्ल पक्ष कि द्वितीया तिथि है। आज अश्विन मास के शारदीय नवरात्र द्वितीय दिवस कलश है। आज माता ब्रह्मचारिणी देवी के दर्शन एवं पूजन का बहुत पुण्य होता है। आप सभी सनातनियों को “शारदीय नवरात्र के द्वितीय माता ब्रह्मचारिणी देवी के उपासना” की हार्दिक शुभकामनायें।।

महा मृत्युंजय मंत्र – ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्‌। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्।।

Today’s almanac : दिन (वार) – सोमवार के दिन क्षौरकर्म अर्थात बाल, दाढ़ी काटने या कटाने से पुत्र का अनिष्ट होता है शिवभक्ति को भी हानि पहुँचती है अत: सोमवार को ना तो बाल और ना ही दाढ़ी कटवाएं ।
सोमवार के दिन भगवान शंकर की आराधना, अभिषेक करने से चन्द्रमा मजबूत होता है, काल सर्प दोष दूर होता है।
सोमवार का व्रत रखने से मनचाहा जीवन साथी मिलता है, वैवाहिक जीवन में लम्बा और सुखमय होता है।
जीवन में शुभ फलो की प्राप्ति के लिए हर सोमवार को शिवलिंग पर पंचामृत या मीठा कच्चा दूध एवं काले तिल चढ़ाएं, इससे भगवान महादेव की कृपा बनी रहती है परिवार से रोग दूर रहते है।
सोमवार के दिन शिव पुराण के अचूक मन्त्र “श्री शिवाये नमस्तुभ्यम’ का अधिक से अधिक जाप करने से समस्त कष्ट दूर होते है. निश्चित ही मनवाँछित लाभ मिलता है।

Today’s almanac : शुभ हिन्दू नववर्ष 2023 विक्रम संवत : 2080 नल, शक संवत : 1945 शोभन
संवत्सर नाम अनला
शक सम्वत : 1945 (शोभकृत् संवत्सर)
काली सम्वत् 5124
संवत्सर (उत्तर) पिंगल
आयन – दक्षिणायन
ऋतु – सौर शरद ऋतु
मास – आश्विन मास
पक्ष – शुक्ल पक्ष
तिथि : आश्विन मास शुक्ल पक्ष द्वितीया तिथि 01:13 AM तक उपरांत तृतीया
तिथि का स्वामी – द्वितीया तिथि के स्वामी भगवान ब्रह्मा जी और तृतीया तिथि की स्वामी माँ गौरी और कुबेर देव जी है।
नक्षत्र : नक्षत्र स्वाति 07:35 PM तक उपरांत विशाखा
नक्षत्र स्वामी : नक्षत्र स्वामी राहु यानि अधंकार है।स्वाति नक्षत्र के देवता पवन देव हैं।
योग : विष्कुम्भ योग 10:03 AM तक, उसके बाद प्रीति योग
प्रथम करण : बालव – 12:56 पी एम तक
द्वितीय करण : कौलव – 01:13 ए एम, अक्टूबर 17 तक
गुलिक काल : – सोमवार का शुभ (गुलिक काल) दोपहर 1:30 से 3 बजे तक ।
दिशाशूल – सोमवार को पूर्व दिशा का दिकशूल होता है ।यात्रा, कार्यों में सफलता के लिए घर से दर्पण देखकर, दूध पीकर जाएँ ।
राहुकाल -सुबह -7:30 से 9:00 तक राहु काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए |
सूर्योदयः- प्रातः 06:16:00
सूर्यास्तः- सायं 05:44:00
ब्रह्म मुहूर्त : 04:42 ए एम से 05:32 ए एम
प्रातः सन्ध्या : 05:07 ए एम से 06:22 ए एम
अभिजित मुहूर्त : 11:44 ए एम से 12:29 पी एम
विजय मुहूर्त : 02:01 पी एम से 02:47 पी एम
गोधूलि मुहूर्त : 05:51 पी एम से 06:16 पी एम
सायाह्न सन्ध्या : 05:51 पी एम से 07:06 पी एम
अमृत काल : 10:17 ए एम से 11:58 ए एम
निशिता मुहूर्त : 11:42 पी एम से 12:32 ए एम, अक्टूबर 17
यात्रा शकुन- मीठा दूध पीकर यात्रा करें।
आज का मंत्र-ॐ सौं सोमाय नम:।
आज का उपाय-किसी विप्र को मखाने भेंट करें।
🪵 वनस्पति तंत्र उपाय- पलाश के वृक्ष में जल चढ़ाएं।
पर्व एवं त्यौहार : प्रसिद्ध अभिनेत्री हेमा मालिनी जन्मोत्सव, विश्व एलर्जी जागरूकता दिवस, राष्ट्रीय शोक दिवस, वॉल्ट डिज़्नी कंपनी स्थापना दिवस, विश्व खाद्य दिवस, वैश्विक बिल्ली दिवस, राष्ट्रीय बॉस दिवस, डिपार्टमेंट स्टोर दिवस, राष्ट्रीय जंगली बिल्ली दिवस, राष्ट्रीय विधिक सहायता दिवस (सप्ताह), विश्व एनेस्थीसिया दिवस, कान्हा राष्ट्रीय उद्यान
विशेष – द्वितीया तिथि को कटेरी फल का तथा तृतीया तिथि को नमक का दान और भक्षणदोनों त्याज्य बताया गया है। द्वितीया तिथि सुमंगला और कार्य सिद्धिकारी तिथि मानीजाती है। इस द्वितीया तिथि के स्वामी भगवान ब्रह्माजी हैं। यह द्वितीया तिथि भद्रानाम से विख्यात मानी जाती है। यह द्वितीया तिथि शुक्ल पक्ष में अशुभ तथा कृष्णपक्ष में शुभ फलदायिनी होती है।

Vastu tips

ऐसा करने से आपका घर वास्तुदोष से मुक्त होगा।
अगर आपने घर बनवाते समय वास्तु के नियमों को ध्यान में नहीं रखा है और आपके घर का मुख्य द्वार वास्तु के अनुसार नहीं है तो अपने दरवाजे के वास्तुदोष को दूर करने के लिए दरवाजे पर तांबे के सिक्के लटका दें। ये सिक्के आपके घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश नहीं होने देंगे।
अगर आपके घर की दक्षिण दिशा में दोष है तो आप इस दिशा के दोष से छुटकारा पाने के लिए ठोस तांबे का पिरामिड घर में रखें। इसे घर में रखने से घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहेगी।
छोटे बच्चे को अगर बार-बार नजर लग जाती है तो आप अपने बच्चे को एक तांबे के सिक्के में छेद करके उसे काले धागे में पिरोकर बच्चे को पहनाएं। ऐसा करने से आपका बच्चा किसी की बुरी नजर से सुरक्षित रहेगा।

♻️ जीवनोपयोगी कुंजियां ⚜️

सारे टोटके आजमा कर थक गए हो तो इसे जरूर पढ़ें
सरसों के तेल में सिके गेहूं के आटे व पुराने गुड़ से तैयार सात पूए, सात मदार (आक) के पुष्प, सिंदूर, आटे से तैयार सरसों के तेल का रूई की बत्ती से जलता दीपक, पत्तल या अरंडी के पत्ते पर रखकर शनिवार की रात को किसी चौराहे पर रखें और कहें – ‘हे मेरे दुर्भाग्य तुझे यहीं छोड़े जा रहा हूं कृपा करके मेरा पीछा ना करना।’ सामान रखकर पीछे मुड़कर न देखें।
विवाह हो या व्यापार, परीक्षा हो या प्यार हर काम में आपका भाग्य तेजी से आपका साथ देने लगेगा।

🥤 आरोग्य संजीवनी 🍯

रात को बिस्तर में पेशाब आना कैसे बंद करें?
नॉकटर्नल एनुरेसिस को आप कंट्रोल करने की कोशिश कर सकते हैं। जैसे कि
सोने से पहले तरल पदार्थ के सेवन से बचें।
दोपहर और शाम के समय तरल पदार्थों का सेवन सीमित करें, जिससे रात में पेशाब की मात्रा में कमी आती है।
कैफीन और अल्कोहल का सेवन कम करें या उससे बचें। ये मूत्रवर्धक की तरह काम करते हैं।
बेडवेटिंग अलार्म सिस्टम की मदद लें।
इसमें हर रात उठने और पेशाब करने के लिए एक अलार्म सेट करें जो कि बिस्तर गीला करने से रोकने में सहायक हो सकता है।

📖 गुरु भक्ति योग 🕯️

किस मंत्र के जाप से धन वृद्धि में बढ़ोतरी होती है? चलिये आज एक और मिथ्या भंग करते है।
धन प्राप्ति मन्त्र अक्सर ही हमने सुने होंगे, कभी कोई TV प्रोग्राम पर ऐसे मन्त्र देता है, कोई इसके लिए ताबीज़ और पेंडेंट बेचता है, कोई यन्त्र, तो कोई मन्त्र। दिवाली के समय यह प्रचार अत्यधिक बढ़ जाता है।
परंतु क्या केवल एक मंत्र आपके धन की वृद्धि कर सकता है? तो कर्म कहाँ गए? क्या छत से पैसा आएगा, या पेड़ से?
तो प्रश्न है वृद्धि का। वृद्धि एक क्रिया है। जो धन कमाने के लिए आप क्रिया करते है उसी से वृद्धि होगी। तो यदि धन वृद्धि करनी है, तो मन्त्र भी ऐसे हो जिनकी ऊर्जा आपके व्यवसाय से जुडी हुई चाहिए। तभी वृद्धि होगी।
इससे एक बात साफ़ है, जो मैं सदैव ही कहता आया हूँ। की कोई एक मंत्र सभी के लिए कामगर नहीं होगा। सबके व्यवसाय अलग है। इसलिए आपके धन कारक ग्रह जो भी हो, व्यवसाय कारक ग्रह जो भी हो, उनके अधिपति देवी-देवता के मंत्र जाप करने से ही व्यवसाय में उन्नति आएगी, और उस उन्नति से धन आएगा। सीधी बात है न।
लक्ष्मी और कुबेर को धन के देवी देवता कहा जाता है। इसलिए लक्ष्मी और कुबेर मन्त्र अक्सर ही लोग जपते है, धन प्राप्ति के लिए। परंतु असल में लक्ष्मी भी सभी को प्राप्त नहीं होती, और कुबेर धन संचय करते है, धन वृद्धि नहीं। लक्ष्मी सबको प्राप्त न होने का कारण है, कुंडली में व्यावसाय कारक ग्रहों का दूषित होना। ऐसे में लक्ष्मी की कृपा प्राप्ति के लोए ग्रहों को मजबूत करना जरूरी है। किसी की देखा देखी अनुष्ठान या मन्त्र नहीं होते। लक्ष्मी पूजन में भी विधि, पूजन सामग्री आदि का महत्त्व होता है। उसमे भी ग्रहों से जुड़ी वस्तुएं, धातु, औषधि आदि रखनी चाहिए।

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अगर फिर भी आप केवल एक और एक इष्टदेव की कृपा प्राप्त करें, तो भी धन प्राप्ति के मार्ग खुलने लगते है।

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