Shri Ramcharit Manas जल भरि नयन कहहिं रघुराई । तात कर्म निज तें गति पाई ।।
Shri Ramcharit Manas श्रीरामचरितमानस – विचार Shri Ramcharit Manas जल भरि नयन कहहिं रघुराई । तात कर्म निज तें गति पाई ।। परहित बस जिन्ह के मन माहीं । तिन्ह कहुँ जग दुर्लभ कछु नाहीं । Shri Ramcharit Manas जटायु जी ने रावण का मार्ग रोका है, रावण उन्हें घायल कर सीता जी को […]
Shri Ramcharit Manas जल भरि नयन कहहिं रघुराई । तात कर्म निज तें गति पाई ।। Read More »