Mad at the poor religion

Mad at the poor religion गरीब धर्मध्वजा से गदगद

Mad at the poor religion हरिशंकर व्यास Mad at the poor religion पिछले आठ सालों में क्या हुआ? क्या कभी राजा के मुंह से यह वाक्य निकला कि गरीबी मिटा कर दम लूंगा? तभी गरीबों के, देश के उद्धारक नहीं बल्कि मंदिरों के उद्धारक का पर फोकस रहा है। इसलिए दस-बीस करोड हिंदुओं की गरीबी […]

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