Supreme court breaking सुप्रीम कोर्ट का ‘आप’ को आदेश, 15 जून तक हाई कोर्ट की जमीन से अपना मुख्यालय हटाएं
Supreme court breaking नयी दिल्ली ! उच्चतम न्यायालय ने आम आदमी पार्टी (आप) को सोमवार को निर्देश दिया कि वह दिल्ली उच्च न्यायालय के लिए राउज एवेन्यू में आवंटित जमीन पर अतिक्रमण कर बनाए गए अपने कार्यालय को हटा ले।
Supreme court breaking मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ तथा न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने ‘आप’ का पक्ष रहे वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी की दलीलें सुनने के बाद 15 जून 2024 तक जमीन खाली करने का आदेश पारित किया। वरिष्ठ वकील श्री सिंघवी ने ‘आप’ के राष्ट्रीय पार्टी होने और आने वाले लोकसभा चुनाव में उसके भाग लेने का हवाला देते हुए दो-तीन महीने की मोहलत देने की गुहार लगाई, जिसे पीठ ने स्वीकार कर लिया।
शीर्ष अदालत ने 13 फरवरी को सुनवाई के दौरान अतिक्रमण की जानकारी मिलने पर मौखिक रूप से नाराज़गी जताई थी और ‘आप’ को कहा था, “अतिक्रमण हटाना होगा।”
पीठ की ओर से मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने दिल्ली सरकार की ओर से पेश वकील को चेतावनी देते हुए कहा था कि जमीन उच्च न्यायालय को वापस की जानी चाहिए और पूछा था कि अतिक्रमण कब तक हटाया जाएगा। आम आदमी पार्टी ने तब अतिक्रमण हटाने के लिए एक समय सीमा देने की गुहार लगाई थी।
Supreme court breaking शीर्ष अदालत के समक्ष न्याय मित्र के. परमेश्वर ने दलील दी थी कि दिल्ली उच्च न्यायालय के अधिकारी (उच्च न्यायालय को) आवंटित भूमि पर कब्जा करने गए थे और उन्हें अनुमति नहीं दी गई क्योंकि अब वहां एक राजनीतिक दल का कार्यालय बन गया है।
पीठ ने न्यायिक बुनियादी ढांचे से संबंधित एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा था, “(राजनीतिक) पार्टी कार्यालय, अगर यह अतिक्रमण है…आप कानून अपने हाथ में नहीं ले सकते।”
उच्चतम न्यायालय के समक्ष आप ने 16 फरवरी को दावा किया था कि नई दिल्ली में राउज एवेन्यू में स्थित उसका कार्यालय अतिक्रमण की गई जमीन पर नहीं, बल्कि अदालत परिसर के विस्तार के लिए निर्धारित किए जाने से बहुत पहले उसे कानूनी रूप से आवंटित किया गया था।
‘आप’ ने शीर्ष अदालत में दायर एक हस्तक्षेप आवेदन में कहा था कि वह कार्यालय के दो स्थानों में से कम से कम एक स्थान खाली करने के लिए तैयार और इच्छुक है। आवेदन में यह भी कहा गया था कि राष्ट्रीय पार्टी होने के नाते वह आने वाले लोकसभा चुनावों के मद्देनजर नई दिल्ली नगरपालिका क्षेत्र में कार्यालय के लिए जमीन का हकदार है।
आप की ओर से कहा गया था कि उसका कार्यालय ‘अतिक्रमण’ की परिभाषा के दायरे में नहीं आता है।
‘आप’ की राज्य इकाई कार्यालय के लिए संबंधित परिसर को आधिकारिक तौर पर 2015 में आवंटित किया गया था।