डीआरडीओ ने लहराया सफलता का परचम
भुवनेश्वर। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने गुरुवार (18 अप्रैल) को लंबी दूरी की निर्भय क्रूज मिसाइल का ओडिशा के इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज चांदीपुर में सफल परीक्षण किया। इंडिजिनियस टेक्नॉलजी क्रूज मिसाइल में भारत में बना मानिक टर्बोफन इंजन लगा हुआ है। साथ ही इसमें इंडिजिनियस प्रोपल्शन सिस्टम भी मौजूद है।
डीआरडीओ ने बताया कि परीक्षण के दौरान रेंज सेंसर, इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम और टेलिमेट्री की के जरिए मिसाइल की ट्रैकिंग की गई। मिसाइल को बेंगलुरु में मौजूद डीआरडीओ की लैब एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट ने स्वदेशी तकनीक से विकसित किया है।
सेना में शामिल किए जाने के बाद निर्भय मिसाइलों को चीन और पाकिस्तान से लगने वाली सीमा पर तैनात किया सकता है। इसकी जद में पूरा पाकिस्तान और अफगानिस्तान की राजधानी काबुल सहित कई इलाके आएंगे।
डीआरडीओ ने कहा कि इस सफल परीक्षण से बेंगलुरु के गैस टर्बाइन रिसर्च एस्टॅब्लिशमेंट के तैयार किए इंडिजिनियस प्रोपल्शन सिस्टम की परफॉर्मेंस भी सामने आई, जो बेहतरीन रही। परीक्षण के दौरान मिसाइल के सभी सब-सिस्टम ने उम्मीद के मुताबिक काम किया। मिसाइल ने वेपॉइंट नेविगेशन का यूज करके रास्ता तय किया। बहुत कम ऊंचाई वाली सी-स्किमिंग फ्लाइट भी की। मिसाइल की टेस्टिंग को आईएएफ एसयू-30-एमके-आई जेट से भी ट्रैक किया गया।
यह समुद्र और जमीन दोनों स्थानों से मिसाइल लॉन्चर्स के जरिए दागी जा सकती है। ऐसी उम्मीद है कि सेना में शामिल होने के बाद इन मिसाइलों को चीन से सटी सीमा एलएसी पर तैनात किया जाएगा। निर्भय 6 मीटर लंबी और 0.52 मीटर चौड़ी है. इसके पंखों की कुल लंबाई 2.7 मीटर है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ को बधाई दी
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आईटीसीएम के सफल उड़ान परीक्षण के लिए डीआरडीओ को बधाई दी। उन्होंने कहा कि इंडिजिनियस प्रोपल्शन सिस्टम से लैस स्वदेशी लंबी दूरी की सबसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल विकास भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास के लिए एक प्रमुख मील का पत्थर है।