Solar Energy Corporation Limited दृष्टिबाधित बच्चों को डिजिटल शिक्षा प्रदान करने 41 एनी स्मार्ट डिवाइस का वितरण
Solar Energy Corporation Limited राजनांदगांव ! राजनांदगांव जिले में सोलर एनर्जी कॉर्पाेरेशन लिमिटेड इंडिया द्वारा सीएसआर मद अंतर्गत दृष्टिबाधित बच्चों की डिजिटल शिक्षा प्रदान करने के लिए शासकीय स्कूल एवं अभिलाषा स्कूल को 38 लाख 13 हजार रूपए की लागत के थिंकरबेल लैब द्वारा निर्मित 41 एनी स्मार्ट डिवाइस प्रदान किया गया। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में पूर्व सांसद श्री मधुसूदन यादव उपस्थित थे। यह कार्यक्रम ठाकुर प्यारे लाल सिंह विद्यालय राजनांदगांव में आयोजित किया गया।
Solar Energy Corporation Limited उल्लेखनीय है कि एनी स्मार्ट क्लास एक सेल्फ लर्निंग डिवाइस है, जो दृष्टिबाधित छात्रों को शिक्षित होने में सहायता करती है। इस डिवाइस के जरिए छात्र हिंदी, अंग्रेजी और अन्य भाषाओं को सीख सकते हैं। स्मार्ट क्लास में टेलर फ्रेम, अबाकस, टाइप्स, इंटर प्वाइंट, वुडेन स्लेट, नंबर प्लेट व अन्य मशीनी उपकरण की सुविधा उपलब्ध है, जिसके माध्यम से बच्चों को शिक्षा उपलब्ध कराई जाएगी। इसके अलावा बच्चों के लिए गेम की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई हैं, ताकि बच्चे पढ़ाई के साथ-साथ खेल का भी आनंद उठा सकेंगे।
पूर्व सांसद मधुसूदन यादव ने इस अवसर पर कहा कि दुनिया जिस तरह से आगे बढ़ रही है उसी तरह से आगे बढऩे के लिए दृष्टिबाधित बच्चों के लिए यह डिवाईस की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। जिससे बच्चे आसानी से शिक्षा ग्रहण कर पाएंगे। उन्होंने प्रशिक्षण देते समय शिक्षकों के साथ पालकों को भी प्रशिक्षण देने कहा। श्री यादव ने कहा कि इस डिवाइस का उपयोग करने से दुनिया समझ में आने लगेगी कि दुनिया किस तरफ आगे बढ़ रही है। दुनिया जिस तरह से आगे बढ़ रही है, उसी तरीके से आगे बढऩा है। इसका बहुत अच्छा लाभ बच्चों को मिलेगा। उन्होंने शिक्षक और पालकों से कहा कि बच्चों की शिक्षा के स्तर को बेहतर करने के लिए जिम्मेदारी के साथ इस डिवाईस का उपयोग करने में सहयोग करें।
कलेक्टर संजय अग्रवाल ने कहा कि दृष्टिबाधित बच्चों कीे डिजिटल शिक्षा के लिए यह डिवाईस बहुत उपयोगी है। इससे बच्चे ब्रेल लिपि को अच्छे से सीख पाएंगे। उन्होंने बच्चों से कहा कि इस डिवाईस में ज्ञान का पूरा भण्डार है, जिसका नियमित उपयोग करें। इस डिवाईस से बच्चे शिक्षा के खेल भी खेल सकते हैं।
इसके उपयोग से बच्चों में पढ़ाई का स्तर बढ़ेगा और अच्छे परिणाम मिलेंगे। स्मार्ट शिक्षण से बच्चों में पढऩे की और अधिक रूचि उत्पन्न होगी, क्योंकि अब तक दृष्टिबाधित बच्चों को परम्परागत तरीके से पढ़ाया जाता था। लेकिन इस डिवाइस से आसानी से दृष्टिबाधित बच्चे पढ़ सकेंगे।