चुरा लिया गया Shiv Sena शिवसेना का धनुष-बाण चिह्न
मुंबई। शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने शनिवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर निशाना साधते हुए अपने समर्थकों से कहा कि पार्टी का ‘धनुष-बाण’ चिह्न चुरा लिया गया है और चोर को सबक सिखाने की जरूरत है। उद्धव पार्टी के नेताओं के साथ एक बैठक की अध्यक्षता करने से पहले यहां बांद्रा स्थित अपने आवास ‘मातोश्री’ के बाहर समर्थकों को संबोधित कर रहे थे। उद्धव ने चुनाव आयोग पर निशाना साधते हुए उसे पीएम मोदी का गुलाम बताया है।
चुनाव आयोग ने शुक्रवार को ‘शिवसेना’ Shiv Sena नाम और ‘धनुष-बाण’ चिह्न शिंदे नीत खेमे को आवंटित कर दिया। यह पहला मौका है, जब ठाकरे परिवार ने पार्टी पर अपना नियंत्रण खो दिया है, जिसकी स्थापना बाल ठाकरे ने 1966 में की थी। उद्धव ने कहा, ”धनुष-बाण (चिह्न) चुरा लिया गया है। चोर को सबक सिखाने की जरूरत है। वे पकड़े गए हैं। मैं चोर को धनुष-बाण के साथ मैदान में आने की चुनौती देता हूं और हम इसका मुकाबला मशाल से करेंगे।” ‘एनडीटीवी’ के अनुसार, उद्धव ठाकरे ने कहा, ”चुनाव आयोग, पीएम मोदी के गुलाम, ने कुछ ऐसा किया है जो पहले कभी नहीं हुआ था।”
उल्लेखनीय है कि चुनाव आयोग ने पिछले साल उद्धव नीत खेमे को मशाल चिह्न आवंटित किया गया था। काफी संख्या में उद्धव के समर्थक मातोश्री के बाहर एकत्र हुए और शिंदे के विरोध में तथा अपने नेता (उद्धव के) समर्थन में नारे लगाये। एक सूत्र ने बताया कि उद्धव ने अपनी पार्टी के नेताओं से राज्य का दौरा करने और कार्यकर्ताओं को एकजुट करने को कहा।
तीन सदस्यीय चुनाव आयोग ने शिंदे द्वारा दायर छह महीने पहले दायर याचिका पर एक सर्वसम्मत आदेश में कहा कि उसने फैसला लेते समय विधायक दल में पार्टी के संख्या बल पर गौर किया जिसमें मुख्यमंत्री को 55 विधायकों में से 40 विधायक और 18 सांसदों में से 13 का समर्थन प्राप्त है। शिंदे ने पिछले साल जून में ठाकरे से नाता तोड़ लिया था और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ गठबंधन में सरकार बना ली थी। आयोग ने अपने आदेश में कहा कि शिंदे गुट का समर्थन करने वाले 40 विधायकों ने कुल 47,82,440 मतों में से 36,57,327 मत प्राप्त किए, जो 55 विजयी विधायकों के पक्ष में डाले गए मतों का लगभग 76 प्रतिशत है।
उन्होंने आगे कहा कि यह 15 विधायकों द्वारा प्राप्त 11,25,113 मतों के मुकाबले था, जिनके समर्थन का दावा ठाकरे गुट द्वारा किया जाता है। ठाकरे ने शुक्रवार को निर्वाचन आयोग के फैसले को ‘लोकतंत्र के लिए खतरनाक’ करार दिया था और कहा था कि वह इसे उच्चतम न्यायालय में चुनौती देंगे, जबकि मुख्यमंत्री शिंदे ने इस घटनाक्रम को ‘सच्चाई और लोगों की जीत’ बताया।