Sheikh Hasina PM of Bangladesh : चौथी बार बांग्लादेश की कमान संभालेंगी शेख हसीना…

Sheikh Hasina PM of Bangladesh

 

Sheikh Hasina PM of Bangladesh : बांग्लादेश :बांग्लादेश आम चुनाव में पीएम शेख हसीना की पार्टी चुनाव में जीत  अपने नाम कर ली है, लेकिन इस चुनाव में कई स्थानों पर हिंसा के केस सामने आए. शेख हसीना की पार्टी को आम चुनाव 2024 में 2 लाख 49 हजार 465 वोट मिले जबकि विपक्षी दलों को महज 469 वोट ही मिल पाया

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Sheikh Hasina PM of Bangladesh : देश की कई मुख्य विपक्षी पार्टियों ने चुनाव का बहिष्कार भी कर दिया गया है. पश्चिम के देश पहले से कह रहे थे कि ये चुनाव हर हाल में शेख हसीना के पक्ष में जाएगा क्योंकि वह ‘लोकतंत्र को दबा कर रखना चाह रही हैं.’

शेख हसीना आवामी लीग की सुप्रीम नेता हैं. वह 2009 से निरंतर बांग्लादेश की पीएम हैं. इससे पूर्व वह 1996 से 2001 तक प्रधानमंत्री का पद संभाल चुकी हैं.

शेख हसीना 4वी बार बांग्लादेश का राष्ट्रपति पद संभालने वाली है. शेख हसीना बांग्लादेश के राष्ट्रपिता शेख मुजीबुर्रहमान की बेटी हैं. हालांकि शेख हसीना को राजनीति का मोह नहीं था लेकिन हालातों की वजह से उन्हें सत्ता में आना पड़ा .

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वर्ष 1971 में बांग्लादेश एक अलग देश बना. इसके पूर्व ये क्षेत्र पूर्वी पाकिस्तान के नाम से जाना जाता था और यहां पाकिस्तानी सरकार की हुकूमत थी. इस नए देश के पहले नेता शेख मुजीबुर्रहमान हुए. लेकिन मुजीब रहमान को सत्ता में आए कुछ वर्ष ही हुए थे कि देश में अस्थिरता फैल गई.

कम्युनिस्ट आंदोलन के दौरान शेख की गोवेर्मेंट की सत्ता पलट दी गई. वर्ष 1975 में सेना ने शेख मुजीबुर्रहमान के पूरे परिवार की हत्या कर दी थी, लेकिन शेख हसीना और उनकी बहन रेहाना बच गईं क्योंकि वह उस वक्त जर्मनी में थीं. बांग्लादेश अगले 15 सालों तक सेना के कब्जे में रहा.

 शेख हसीना ने जर्मनी में बांग्लादेश के राजदूत हुमांयु रशीद चौधरी से संपर्क किया. हुमांयु का भारत के कई राजनयिकों के मध्य अच्छी पैठ थी इसलिए एक बार उन्होंने भारत के राजदूत वाई के पुरी से शेख हसीना और उनकी बहन को राजनीतिक शरण देने की बात भी बोली थी.

इसकी भनक तत्कालीन पीएम इंदिर गांधी को लगी और उन्होंने तुरंत शेख हसीना और उनकी बहन को एयर इंडिया के विमान से इंडिया बुला लिया. इसके साथ शेख हसीना के पति डॉक्टर वाजेद को परमाणु ऊर्जा विभाग में फेलोशिप दी. भारत सरकार ने शेख हसीना को पंडारा रोड के पास एक फ्लैट दिया था. वह यहां तकरीबन 6 वर्ष तक थी.

6 वर्ष तक इंडिया में रहने के बाद वह बांग्लादेश गई और BTP की नेता खालिदा जिया के साथ राजनीति की शुरूआत की. वर्ष 1991 में खालिदा जिया पहली महिला पीएम बनी. जिसके पांच साल बाद ही शेख हसीना की अवामी पार्टी ने चुनाव में जीत अपने नाम कर ली है. वर्ष 1996 में शेख हसीना पहली बार प्रधानमंत्री बन गई है.

 

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