Saraipali Prajapita Brahma Kumari Ishwariya Vishwavidyalaya प्रजापिता ब्रम्हकुमारी आश्रम में खेली गई अनोखी होली
Saraipali Prajapita Brahma Kumari Ishwariya Vishwavidyalaya सरायपाली :- सरायपाली प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय प्रभुपहर भवन जैन कॉलोनी में मनाया गया अनोखी होली इसमें शहर के माताएं बहने बच्चे भाई एवं शहर के गणमान्य नगरी रुचि से भाग लिए सर्वप्रथम कार्यक्रम का आरंभ परमात्मा की स्मृति से किया गया ।
तत्पश्चात बहन पूजा ने गीत प्रस्तुत किया फिर प्रेरणादा उद्बोधन ब्रह्माकुमारी अहिल्या दीदी को गुलदस्ता देकर सम्मानित किया ब्रह्माकुमारी अहिल्या दीदी ने होली का महत्व बताया हमारा भारत देश त्योहारों का देश है जिसमें होली महत्वपूर्ण पर्व है पहले होली जलाते हैं फिर होली मनाते हैं होली के पीछे पौराणिक कथा भक्त प्रहलाद हिरण कश्यप और होलिका की विस्तार से जानकारी दी तथा इस त्यौहार के पीछे छिपा हुआ आध्यात्मिक रहस्य को समझाया कि आज के वर्तमान समय में चारों और दुख शांति पाप कल क्लेश बीमारियां डर , चिंता, ईर्ष्या ,द्वेष , क्रोध , अभिमान व अहंकार , बदला लेने की भावना अनेक प्रकार की सामाजिक कुरीतियों भ्रष्टाचार नशा अत्याचार यह समाज के लिए दुख परेशानी देने वाली होली का है जो मानव के मन को दूषित कर रहा है ।
हमें अपने भीतर छिपे हुए विकारों को ही जलाना है बुराइयों के जलने से समाज में शांति सुख प्रेम आनंद ज्ञान शक्ति पवित्रता यह सात रंग मानव के जीवन में प्रवेश करेंगे जो आत्मा के सत्य गुण है इन्हीं गुना से आत्मा सजी हुई थी आज वर्तमान समय मानव जीवन में अनेक बुराइयां समा गई है जिसके कारण यह सभी दिव्य गुण समाप्त हो गए हैं आज हम सब अपने भीतर को जांच करें और अंदर छिपे हुए बुराई रूपी होलिका का दहन करें तभी हमारे अंदर सदगुण प्रवेश करेंगे और हमारा जीवन सुख में आनंद में होगा दीदी जी की दिव्या उद्बोधन से सभा में उपस्थित सभी लोग भाई माताएं एवं बच्चे सभी ने बढ़-चढ़कर भाग लिया और अपने भीतर के अवगुणों को समझ कर लिखकर अग्नि संस्कार किया सभा में होली जलने का स्थान बनाया था जिसमें सभी ने अपनी बुराइयों को लिखकर समर्पित किया ब्रह्माकुमारी अहिल्या दीदी और ब्रह्माकुमारी सुनीता दीदी ने सभी की बुराइयों को होलिका दहन किया ।
साथी तत्पश्चात सभी को बताया गया कि आप सब इन बुराइयों की जगह पर दिव्या गुना को स्थान दें आप श्रेष्ठ गुना को अपने भीतर लाने का आवाहन करें दीदी ने दिव्या गुना को अपनाने का मेडिटेशन कराया और उसके बाद पूरी सभा में फूलों की वर्षा की गई इत्र छिड़क गए तथा गुलाल से सभी को तिलक दिया गया कि आप सभी पर बुराइयों का नाश करने से ईश्वर के घर में फूलों की वर्षा हो रही है और सुगंधिका जीवन बनाने के लिए इत्र की वर्षा हो रही है तथा जीवन को दिव्या गुना से रंगने के लिए रंगों से तिलक दिया गया लास्ट में सभी ने बहुत खुशी से राज किया होली मिलन किया तथा प्रसाद लेकर एक दूसरे को बधाई देकर प्रस्थान किया ऐसी होली मने जो सरायपाली में पहली बार बुराइयों को जलाने का और दिव्या गुना को लाने की उत्सव पर्व मनाया गया या दृश्य सरायपाली के लिए देखते ही बनता था अंत में दीदी जी ने सभी को दिव्या गुना से जीवन सजाने की अपने जीवन को रंगों से भरने की बहुत-बहुत शुभकामनाएं दी बधाई दी अंत में मुकेश अग्रवाल अपनी शुभकामनाएं दी और सभी के साथ होली मिलन कर एक दूसरे को बधाइयां दी।