0 आखिर इस चूक के लिए कौन है जिम्मेदार…
0 प्रभावित बच्चों के भविष्य के लिए क्या कर सकती है सरकार
0 एशियन न्यूज की खास पेशकश संतुलन का समीकरण
0 सवालों में परीक्षा विषय पर परिचर्चा का आयोजन
रायपुर। देश भर में लाखों विद्यार्थी बहुत सी प्रतियोगी परीक्षा देते है, इस उम्मीद से कि आगे चलकर वे अपने जीवन में कुछ बड़ा करें और अपने घर वालों का नाम रोशन करें। ऐसे में लाखों विद्यार्थी जी-तोड़ मेहनत करते हैं और विभिन्न प्रतियोगी परीक्षा में भाग लेते हैं। जितनी भी प्रतियोगी परीक्षा होती है उसमें जो विद्यार्थी भाग लेते हैं वह खासकर मध्यम वर्ग से होते हैं, इन प्रतियोगी परीक्षा में जितनी मेहनत एक विद्यार्थी करता है उससे अधिक मेहनत उनके परिवार वाले भी करते हैं। क्योंकि मध्यम वर्ग से आने वाले विद्यार्थी को बहुत सी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए उन्हें अपने घर से दूर कोचिंग सेंटर में पढ़ाई करनी पड़ती है। देशभर में जितने भी कोचिंग सेंटर हैं उनकी पढ़ाई के लिए विद्यार्थियों को मेहनत तो करनी पड़ती है ही साथ ही उनके परिवारों को अपने बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए दिन रात एक करना पड़ता है। ताकि वह अपने बच्चों को बड़े कोचिंग में पढ़ सकें। प्रतियोगी परीक्षा में अब लगातार भ्रष्टाचार उजागर हो रहे हैं चाहे व्यापम का मामला हो, नीट हो या सीजीपीएससी का मामला, लगातार भ्रष्टाचार और अपने लोगों को रैंक देने का मामला सामने आया है। लगातार लोग इस पर सवाल उठा रहे हैं कि आने वाले समय में इस तरह के प्रतियोगी परीक्षा में पारदर्शिता आ पाएगी। देशभर में ऐसे कई मामले हैं जो लगातार सामने आ रहे हैं जितनी भी प्रतियोगी परीक्षा है उसमें घोटाले उजागर हुए हैं जो योग्य विद्यार्थी हैं उनका इस परीक्षाओं से विश्वास उठने जा रहा है, क्योंकि यही विद्यार्थी देश का भविष्य हंै और लगातार इस तरह के घोटाले इन बच्चों को हताश करते हैं। आखिरकार नीट जैसी परीक्षा में हुई गड़बड़ी से परीक्षा की पवित्रता प्रभावित हुई है। इस चूक के लिए कौन है जिम्मेदार, प्रभावित बच्चों के लिए सरकार क्या कदम उठा सकती है। इन्ही मुद्दों को लेकर एशियन न्यूज की खास पेशकश संतुलन का समीकरण में परिचर्चा आयोजित की गई।
बहुत से लोगों को यह उम्मीद है कि उनका सिलेक्शन इन परीक्षाओं में होगा लेकिन ऐसा नहीं हो पाता है। देशभर में जितनी भी प्रतियोगी परीक्षाएं होती हैं उनमें कहीं ना कहीं भ्रष्टाचार होता है जिसका फायदा राजनीतिक दल उठाता है, कुछ लोगों ने पेपर लीक होने का मामला बताया तो कहीं गलत एग्जाम पेपर दिया जिसके कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ में हाल ही के दिनों में सीजीपीएससी का मामला गरमाया हुआ है जिसमें अब सीबीआई जांच की जा रही है यह घोटाला कांग्रेस की सरकार में उजागर हुआ और भाजपा ने इस मामले को विधानसभा में भी उठाया और उन्होंने कहा कि हमारी सरकार आएगी तो इसमें सीबीआई जांच होगी और दोषियों को सजा मिलेगी और जैसे ही भाजपा की सरकार आई उन्होंने सीबीआई जांच के आदेश दिया।
बहुत से लोगों की राय है कि इस तरह के प्रतियोगी परीक्षा में पारदर्शिता के साथ इसकी विश्वसनीयता भी बनी रहे ताकि जो विद्यार्थी इन परीक्षाओं की तैयारी करते हैं उन्हें उम्मीद रहती है कि भविष्य में वह अपने देश के लिए और परिवार के लिए कुछ कर सकें, इस मामले को लेकर डॉक्टर राकेश गुप्ता ने कहा कि 25 लाख बच्चे नीट की परीक्षा में बैठे थे 4 जून को उसके परिणाम आए थे एक ही केंद्र और एक ही राज्य के बच्चों ने नीट टॉप किया और ग्रेस माक्र्स प्रक्रिया को लेकर सवाल उठ रहे हैं। इसमें काफी लोगों की गिरफ्तारी हुई है चेक बरामद हुए हैं।
सुप्रीम कोर्ट में मामला गया। बच्चों के पैरेंट्स ने भी इस मामले को सोशल
मीडिया में उठाया है इसमें केंद्रीय शिक्षा मंत्री का स्पष्टीकरण आया है लेकिन यह काफी नहीं है एक बहुत बड़ा एग्जाम प्रश्न के घेरे में आ गया है और एक पूरा सिस्टम दागदार हो गया है। प्रतियोगी परीक्षा में एक माफिया का राज हो गया है कोचिंग संस्थानों का कब्जा हो गया है, इसमें आमूल-चूल परिवर्तन करने की जरूरत है। सभी पृथ्वी की परीक्षा इसके घेरे में है और एक सख्त कदम उठाने की जरूरत है। ताकि नौजवानों का भविष्य इन कोचिंग सेंटर दलाल में गिरवी ना रह सके तो वहीं कांग्रेस के आकाश शर्मा ने इस मामले पर कहा मेडिकल की जो पढ़ाई होती है यह देश में सबसे बड़ी पढ़ाई में सेक है इसके जो एग्जाम होते काफी हाईलेवल के होते हैं इसमें विद्यार्थी घंटों घंटंों पढ़ाई करते हैं कोचिंग करके एग्जाम देते हैं। नीट जैसे एग्जाम पर सवाल उठ रहे हैं सरकार की जो पॉलिसी है उसमें सवाल उठ रहे हैं लाखों बच्चों का जीवन आधार में आ गया है सरकार की पुरानी से और सरकार का कहना है कि इसमें कोई गड़बड़ी नहीं हुई है लोग पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं। आत्महत्या जैसे कदम उठाने को मजबूर हैं। तमाम छात्र इसको लेकर आंदोलन कर रहे हैं लेकिन सरकार इसका जवाब नहीं दे रही है और किसके लिए ग्रेस माक्र्स दे रही है इस पूरे मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए और सच सामने आना चाहिए।
प्रतियोगी परीक्षा में लगातार गड़बड़ी को लेकर कांग्रेस प्रवक्ता सौरभ ने कहा कि नीट परीक्षा में जिस तरह से भ्रष्टाचार सामने आया है इसमें एनडीए सरकार और भाजपा सरकार की नाकामी का सबूत है। 23 लाख बच्चों ने एग्जाम दिया था और जिस तरह पेपर लेख का मामला सामने आया है और साथ ही 50 विद्यार्थियों कट ऑफ करने का वह भी एक समान अंक के साथ घटना सामने आया है यह पूरी एनडीए और शिक्षा विभाग की नाकामी का प्रदर्शित करता है इसके खिलाफ जांच की मांग करते हैं जितने भी शिकायत आई है उसके निवारण की मांग करते हैं। कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय ठाकुर ने अपनी बात रखी और कहा कि लगातार पेपर लीक की घटना सभी जगह हो रही है जितनी भी प्रतियोगी परीक्षाएं होती हैं या तो उसके पेपर लीक हो जाते हैं या परीक्षा कंेद्रों ंमें गड़बड़ी हो जाती है यह बहुत चिंताजनक स्थिति है और इनका प्रभाव छात्रों पर पड़ता है जो लगातार मेहनत करते हैं। इस तरह की घटनाएं बच्चों के सपने तोड़ देती है और इसका दुष्प्रभाव यह होता है कि युवाओं के मन में हताशा का भाव आता है और इसे ग्रसित होकर वह गलत कदम उठाने को मजबूर होते हैं जो बेहद चिंताजनक स्थिति है। जहां पर इस तरह की स्थिति निर्मित होती है सरकार इस पर कड़े कदम उठाए और दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए। विद्यार्थियों को आश्वस्त करना होगा कि इस तरह की गड़बडिय़ां नहीं होगी। अब लगातार बढ़ती गड़बड़ी और भ्रष्टाचार को लेकर क्या सरकार इस पर कोई ठोस कदम उठाती है क्या बच्चों का भरोसा इन प्रतियोगी परीक्षाओं पर बनाए बनाए रखने के लिए सरकार दोषियों पर कार्रवाई करेगी?