Reserve Bank of India : एक्सिस बैंक सहित तीन वित्तीय कंपनियों पर रिजर्व बैंक ने ठोका जुर्माना

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Reserve Bank of India :  एक्सिस बैंक सहित तीन वित्तीय कंपनियों पर रिजर्व बैंक ने ठोका जुर्माना

 

Reserve Bank of India :  मुंबई  !  भारतीय रिजर्व बैंक ने निजी क्षेत्र के प्रमुख बैंक एक्सिस बैंक, मणप्पुरम फाइनेंस लिमिटेड और आनंद राठी ग्लोबल फाइनेंस लिमिटेड पर नियमों का पालन नहीं करने के आरोप पर आर्थिक जुर्माना किया है।


Reserve Bank of India : केन्द्रीय बैंक ने आज कहा कि एक्सिस बैंक लिमिटेड पर 90.92 लाख रुपये का मौद्रिक जुर्माना लगाया गया है। ‘भारतीय रिजर्व बैंक (अपने ग्राहक को जानें (केवाईसी)) दिशानिर्देश, 2016’, ‘ऋण और अग्रिम – वैधानिक और अन्य प्रतिबंध’, ‘वित्तीय आउटसोर्सिंग में जोखिम प्रबंधन और आचार संहिता पर दिशानिर्देश’ पर जारी कुछ निर्देशों का अनुपालन नहीं करने पर जुर्माना लगाया गया है। यह जुर्माना बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (आई) के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए यह जुर्माना लगाया गया है।


Reserve Bank of India :  आरबीआई ने कहा कि मणप्पुरम फाइनेंस लिमिटेड, त्रिशूर (कंपनी) पर गैर-अनुपालन के लिए 42.78 लाख रुपये का मौद्रिक जुर्माना लगाया है। “गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी – प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण गैर-जमा स्वीकार करने वाली कंपनी और जमा स्वीकार करने वाली कंपनी (रिज़र्व बैंक) दिशानिर्देश, 2016” के कुछ प्रावधानों का अनुपालन नहीं करने पर यह जुर्माना धारा 58 जी की उप-धारा (1) के खंड (बी) के प्रावधानों के तहत आरबीआई को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए धारा 58 बी की उप-धारा (5) के खंड (एए) के साथ लगाया गया है।


Reserve Bank of India :  केन्द्रीय बैंक ने कहा कि गैर-अनुपालन के लिए आनंद राठी ग्लोबल फाइनेंस लिमिटेड, मुंबई (कंपनी) पर 20 लाख रुपये का मौद्रिक जुर्माना लगाया है। भारतीय रिज़र्व बैंक (अपने ग्राहक को जानें (केवाईसी)) दिशानिर्देश, 2016 के कुछ प्रावधानों के अनुपालन नहीं करने पर यह जुर्माना धारा की उप-धारा (1) के खंड (बी) के प्रावधानों के तहत आरबीआई को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

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इन तीनों वित्तीय कंपनियों पर यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य कंपनी द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता को प्रभावित करना नहीं है।

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