Republic Day Parade छत्तीसगढ़ की झांकी ने नेशनल-मीडिया का दिल जीता, तारीफें बटोरीं, देखिये VIDEO

Republic Day Parade

रमेश गुप्ता

 

Republic Day Parade परेड से पहले नई दिल्ली की राष्ट्रीय रंगशाला में आयोजित हुआ प्रेस-रिव्यू

जनजातीय समाज में आदि काल से उपस्थित लोकतांत्रिक चेतना का प्रमाण प्रस्तुत करती है झांकी

 

 

Republic Day Parade जगदलपुर का मुरिया दरबार और बड़े डोंगर का लिमऊ-राजा है केंद्रीय विषय

आदिवासी समाज की शिल्पकाल की खूबसूरती से भी परिचित होगी दुनिया

लिमऊराजा के निकट बेलमेटल का नंदी और चारों दिशा में टेराकोटा के सुसज्जित हाथी हैं विराजमान

 

 

Republic Day Parade रायपुर !   गणतंत्र-दिवस परेड में शामिल होने से पूर्व आज हुए प्रेस-रिव्यू के दौरान छत्तीसगढ़ की ओर से प्रदर्शित की जा रही झांकी ‘बस्तर की आदिम जनसंसद: मुरिया दरबार‘ ने राष्ट्रीय मीडिया की जमकर तारीफें बटोरीं। यह झांकी छत्तीसगढ़ के जनजातीय समाज में आदिम काल से मौजूद लोकतांत्रिक चेतना का प्रमाण प्रस्तुत करती है। प्रेस रिव्यू का आयोजन नई दिल्ली की राष्ट्रीय रंगशाला में आयोजित किया गया था।

मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने झांकी निर्माण से जुड़ी टीम को अच्छे रिव्यू के लिए बधाई देते हुए कहा है कि छत्तीसगढ़ की झांकी का विषय न केवल छत्तीसगढ़ के लिए, बल्कि पूरे देश के आदिवासी समाज के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यह झांकी आदिवासी समाज की गौरवशाली लोकतांत्रिक परंपराओं से दुनिया को परिचित कराएगी। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार छत्तीसगढ़ और जनजातीय समाज की अस्मिता और उनकी सांस्कृतिक समृद्धि से दुनिया को परिचित कराने के लिए लगातार काम कर रही है।

 

Republic Day Parade प्रेस रिव्यू के दौरान झांकी के समक्ष छत्तीसगढ़ के लोक कलाकारों ने परब नृत्य का प्रदर्शन किया। वहीं, मांदर की थाप के साथ बांसुरी की मधुर तान ने सबका मनमोह लिया। गणतंत्र-दिवस पर नई-दिल्ली के कर्तव्य-पथ पर प्रदर्शित होने वाली छत्तीसगढ़ की झांकी ‘बस्तर की आदिम जन संसद: मुरिया दरबार‘ में जगदलपुर के बस्तर-दशहरे की परंपरा में शामिल मुरिया-दरबार और बड़े-डोंगर के लिमऊ-राजा को केंद्रीय विषय बनाया गया है। साथ ही झांकी की साज-सज्जा में बस्तर के बेलमेटल और टेराकोटा शिल्प की खूबसूरती से भी दुनिया को परिचित कराया गया है। झांकी के प्लेटफार्म पर लिमऊराजा के निकट ही बेलमेटल का बैठा हुआ सुंदर नंदी प्रदर्शित है, जो आदिम समाज के आत्मविश्वास और सांस्कृतिक सौंदर्य के प्रतीक रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है। प्लेटफार्म पर चारों दिशाओं में टेराकोटा शिल्प से निर्मित सुसज्जित हाथी सजे हुए हैं, जिन्हें लोक की सत्ता के प्रतीक के तौर पर प्रस्तुत किया जा रहा है। मुरिया दरबार में बस्तर में आदिम काल से लेकर अब तक हुए सांस्कृतिक विकास की झलक भी दिखाई जा रही है। झांकी से सबसे सामने के हिस्से में एक आदिवासी युवती को अपनी बात प्रस्तुत करते हुए दर्शाया जा रहा है, युवती की पारंपरिक वेशभूषा के माध्यम से बस्तर के रहन-सहन, सौंदर्यबोध और सुसंस्कारित पहनावे को प्रदर्शित किया जा रहा है।

 

लोक कलाकारों ने परब नृत्य की दी प्रस्तुति

 

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आज प्रेस रिव्यू के दौरान छत्तीसगढ़ के लोककलाकारों ने नेशनल-मीडिया के सामने परब नृत्य प्रस्तुत किया। परब नृत्य बस्तर की धुरवा जनजाति का लोकप्रिय नृत्य है, जिसमें नर्तक दल कतारबद्ध होकर नृत्य करता है। नृत्य के साथ करतब भी शामिल होता है।

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