Prime Minister Narendra Modi पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से किया जाएगा सम्मानित

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Prime Minister Narendra Modi पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से किया जाएगा सम्मानित

Prime Minister Narendra Modi नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को खुद ‘एक्स’ पर पोस्ट के जरिए यह जानकारी देते हुए कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को मरणोपरांत देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया जाएगा.

चौधरी चरण सिंह ने किसानों के अधिकार और उनके कल्याण के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया था. अपने राजनीतिक जीवन में चौधरी चरण सिंह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हों या देश के गृहमंत्री और यहां तक कि एक विधायक के रूप में भी, उन्होंने हमेशा देश के हित के लिए काम किया. वे आपातकाल के विरोध में भी डटकर खड़े रहे. लंबे समय कर कांग्रेस में रहने के बाद जब उनका मोहभंग हुआ तो देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के सफाये के लिए उनका सोशल इंजीनियरिंग का फॉर्मूला अजगर बड़े काम का साबित हुआ.

Prime Minister Narendra Modi  पीएम मोदी ने कहा – उन्होंने पिछड़े वर्गों को सत्ता की दहलीज तक पहुंचाने के लिए अजगर नामक सोशल इंजीनियरिंग के फॉर्मूले को सामने रखा. बताया जाता है कि इस फॉर्मूले को सबसे पहले अविभाजित भारत के पंजाब प्रांत में एक बड़े जाट नेता सर छोटूराम ने अजमाया था. अजगर अहीर, जाट, गुर्जर और राजपूत जातियों का यह गठबंधन आजादी के पहले विशेष रूप से भारत में किसानों के एक गठबंधन के रूप में प्रस्तावित किया गया था.

बाद में चौधरी चरण सिंह ने 1970 के दशक में उत्तर प्रदेश में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के एकाधिकार को तोड़ने के लिए इसे अपनी किसान-राजनीति के एक हिस्से के रूप में इस सिद्धांत का इस्तेमाल किया. चौधरी चरण सिंह जैसे जमीनी नेता से यह बात छिपी नहीं थी कि पिछड़ी जातियां पूरे उत्तर प्रदेश राज्य में काफी समृद्ध हैं और गांवों की सामाजिक संरचना के मध्यम स्तर में आती हैं.

उनकी सामाजिक स्थिति काफी हद तक उनकी आर्थिक स्थिति से मेल खाती है, जो अनुसूचित जातियों से बेहतर और सवर्ण जातियों के करीब है. चौधरी चरण सिंह की अगुवाई मे अजगर यूपी राज्य में राजनीतिक सत्ता हासिल करने के लिए तेजी से उभरा था. जिसके बाद एक तरह से यूपी से कांग्रेस सत्ता की दौड़ से बाहर की हो गई.

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खासकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अजगर गठबंधन की संपत्ति और शक्ति हरित क्रांति के दौरान तेजी से बढ़ी. मगर चौधरी चरण सिंह के जीवन काल में अजगर फॉर्मूला व्यापक जन समर्थन हासिल करने में विफल रहा. बाद में 1989 में नेता वीपी सिंह ने अन्य पिछड़ा वर्ग और राजपूतों को गठजोड़ के साथ अजगार फॉर्मूले का सफलतापूर्वक उपयोग किया. इसके बाद कांग्रेस आज तक फिर कभी उत्तर प्रदेश में सत्ता में नहीं लौट सकी

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